यमुनानगर: कोरोना का असर इस बार सभी त्योहारों पर पड़ रहा है. क्या दशहरा क्या दीवाली इस खुशियों के त्योहारों पर कोरोना वायरस नाम का ग्रहण लग गया है. इस बार यमुनानगर में दशहरे त्योहार भी फीका-फीका सा लग रहा है. यमुनानगर में इस बार 72 साल बाद पहली बार ऐसा मौका आया है कि दशहरे पर मेला नहीं लगेगा
इसके अलावा और रावण दहन का भी नहीं किया जाएगा. लेकिन बच्चों में त्योहारों में अपनी खुशी तलाशने के लिए खुद से ही रावण के पूतले तैयार कर लिए हैं. बच्चे अपने द्वारा बनाए गए रावण का दहर करेंगे.
बता दें कि यमुनानगर के सेक्टर-17 में पार्षद राम आसरा के घर के सामने बने ग्राउंड में बच्चों ने रावण तैयार किया है और रविवार को दशहरे के दिन बच्चे इस रावण का दहन करेंगे. बच्चों ने सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने के जो नियम में उसका भी बखूबी पालन करेंगे. ये कार्यक्रम पार्षद के घर के बाहर होगा.
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शहर में दशहरे मेले का इतिहास आजादी के साथ ही शुरू हुआ था, यानी ये 72 सालों में पहला मौका होगा कि ना तो रावण जलेगा और ना ही इस दशहरा मेला ग्राउंड में लगाया जाएगा. इसको देखते हुए बच्चों ने ये फैसला लिया है, कि महामारी के दौर में भी त्योहारों को फीका नहीं जाने देंगे. और कोरोना काल में भी त्योहार को हर्षोउल्लास के साथ मनाएंगे.