यमुनानगर: रादौर में लगभग 6 महीनों पहले पश्चिमी यमुना नहर के किनारों को करोडों रूपए की लागत से पक्का करवाया गया था, लेकिन कुछ महीनों में ही नहर के पक्के किए गए किनारे घटिया मटेरियल के कारण टूटकर बिखरने लगे हैं.
इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पश्चिमी यमुना नहर के किनारों को पक्का किए जाने के मामले की जांच की मांग की है, लेकिन सिंचाई विभाग आंख बंदकर बैठा हुआ है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि पश्चिमी यमुना नहर के किनारे पक्के करने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है. कई जगह से पश्चिमी यमुनानहर की पटरी टूटकर बिखरने लगी है. लोगों का कहना है कि अभी नहर में इतना पानी भी नहीं छोडा गया है, इसके बावजूद नहर की पटरी टूटकर बिखरने लगी है. जिससे पता चलता है कि पटरी बनाने के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है. रादौर के पक्का घाट के पास की पटरी के पत्थर टूटकर बिखर चुके हैं. ऐसे में यदि नहरी विभाग द्वारा नहर में अधिक पानी छोड़ा गया तो टूटी पटरी के पत्थरों के कारण शहर के आस्तित्व को भी खतरा पहुंच सकता है.
इस बारे एसडीएम रादौर कंवरसिंह ने कहा कि इस मामले की जानकारी मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है. वहीं उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए की पटरी के किनारों को पक्का किए जाने में कोई अनियमितता न बरती जाए क्योंकि ऐसा न हो की मानसून के समय इससे आबादी क्षेत्र को नुक्सान पंहुचे.