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साइबर ठगी के बाद वापस मिल सकती है आपकी गाढ़ी कमाई, बस करना होगा ये काम - WHAT TO DO AFTER CYBER FRAUD

अगर आप भी साइबर फ्रॉड का शिकार हो गए हैं तो ये खबर आपके काम की है. आईए जानते हैं साइबर फ्रॉड से जुड़ी जानकारी.

cyber fraud
साइबर फ्रॉड (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 24, 2025, 9:22 AM IST

Updated : Jan 24, 2025, 10:12 AM IST

करनाल: हरियाणा सहित पूरे भारत में साइबर फ्रॉड के मामले दिन ब दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. रोजाना ऐसे बहुत से मामले सामने आते हैं, जहां हजारों से लेकर करोड़ों रुपए तक का फ्रॉड साइबर फ्रॉड के जरिए किए जा रहा है. इसमें अनपढ़ लोगों से लेकर पढ़े लिखे लोग तक थोड़े से लालच में आकर या जानकारी के अभाव में आकर शिकार हो जाते हैं. साइबर फ्रॉड करने वाले लोगों ने अब कई नए तरीके अपनाए हैं, जिसके जरिए वह फ्रॉड कर रहे हैं.

आइए जानते हैं कि साइबर फ्रॉड के नए तरीके क्या हैं? इससे कैसे बचा जा सकता है? अगर कोई साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाता है, तो कितने घंटे तक शिकायत करने के बाद पैसे वापस आने के चांस होते हैं.

क्या है साइबर फ्रॉड: इस बारे में ईटीवी भारत ने करनाल पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया से बातचीत की. उन्होंने बताया, "इंटरनेट के जरिए साइबर फ्रॉड किया जा रहा है, इसमें फ्रॉड करने वाला व्यक्ति अलग-अलग तरीकों से फ्रॉड करता है. इसमें व्यक्ति के पास किसी प्रकार का लिंक भेज कर या फिर आजकल काफी ज्यादा डिजिटल अरेस्ट के जरिए फ्रॉड किया जा रहा है. अगर कोई नई सिम लेता है, तो उसमें दस्तावेज का गलत इस्तेमाल करके भी फ्रॉड किया जा रहा है."

साइबर फ्रॉड से जुड़ी जानकारी (ETV Bharat)

फ्रॉड करने के नए तरीके: करनाल एसपी गंगाराम पूनिया ने कहा कि इन दिनों फ्रॉड करने के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिसमें से मुख्य तरीका यह देखने को मिल रहा है कि कोई व्यक्ति जब नया सिम लेता है तो उसको एक्टिवेट करने के लिए कुछ नंबर फोन पर दबाए जाते हैं, इसमें कस्टमर केयर के नाम पर व्यक्ति के पास फोन किया जाता है. वह बताते हैं कि अपने सिम को एक्टिवेट करने के लिए यह बटन दबाएं. और वह व्यक्ति बटन दबाने के बाद साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाता है.उसका अकाउंट एकदम से खाली हो जाता है.

AI के जरिए फ्रॉड: एसपी गंगाराम पूनिया ने कहा, "नया फ्रॉड अब एआई के जरिए किया जा रहा है, जिसमें व्यक्ति की एडिटिंग करके एआई के जरिए फोटो या वीडियो एडिट कर दी जाती है. या फिर ओटीपी के नाम पर या सरकार के द्वारा चलाई जा रही सरकारी योजनाओं के तौर पर फ्रॉड हो रहे हैं. इसमें एक क्लिक से पूरा बैंक अकाउंट खाली हो जाता है. मौजूदा समय में एआई तकनीक काफी प्रचलन में है लेकिन अब इसके जरिए भी फ्रॉड देखने को मिल रहा है. हालांकि करनाल में इस प्रकार का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन हरियाणा और भारत के कई राज्यों में इस प्रकार के कई मामले सामने आ चुके हैं."

डिजिटल अरेस्ट: करनाल पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति किसी आपराधिक मामले में गिरफ्तार होता है या शामिल पाया जाता है, तो कोई भी जांच एजेंसी इस प्रकार के फोन करके उनसे पैसों की डिमांड नहीं करती अगर कोई ऐसा मामला आता है तो उसकी शिकायत तुरंत पुलिस को करें.आजकल के समय में डिजिटल अरेस्ट सबसे नया तरीका साइबर फ्रॉड करने का है. डिजिटल अरेस्ट में कोई ठग किसी व्यक्ति को फोन करता है और कहता है कि आपका परिवार का कोई सदस्य है किसी आपराधिक मामले में फंस गया है. वह किसी जांच एजेंसी से बोल रहे हैं. अगर वह अपने परिवार के सदस्य को इस मामले से बाहर निकलना चाहते हैं तो वह उनको पैसे दें. उन्होंने उनके परिवार के सदस्य को डिजिटल अरेस्ट कर लिया है. इस प्रकार के मामले भी काफी देखने को मिल रहे हैं.

नया सिम लेते समय रखें ध्यान: करनाल पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया ने आगे बताया कि अक्सर देखने को मिलता है कि सड़कों पर सिम बेचने वाले लोग खड़े रहते हैं. ऐसे में लोग थोड़े से लालच के चक्कर में वहां से सिम खरीद लेते हैं, लेकिन बाद में जो वह डॉक्यूमेंट देते हैं, उनका गलत प्रयोग किया जाता है. उनको किसी फ्रॉड का शिकार बना लिया जाता है. ऐसे में जो ऑथराइज्ड डीलर है, उनसे ही नया सिम कार्ड खरीदने का काम करें.

सरकार की योजनाओं के नाम पर फ्रॉड: एसपी गंगाराम पूनिया ने कहा "हाल ही में देखने को मिला है कि जो सरकार के द्वारा "मेरी फसल, मेरा ब्यौरा" या अन्य योजनाएं चलाई हुई है, उनके नाम पर भी फ्रॉड हो रहा है. ठग सरकारी कार्यालय से अपने आप को बढ़ाकर एक ओटीपी व्यक्ति के नंबर पर भेजता है. अपने आप को सरकारी कार्यालय से बात कर योजनाओं का लाभ देने के नाम पर ओटीपी जैसे ही उसको वापस दिया जाता है, तो इतने में पूरा बैंक अकाउंट खाली हो जाता है. इस प्रकार के फ्रॉड से भी बचना चाहिए. इस प्रकार के फ्रॉड आजकल ज्यादा हो रहे हैं. इससे सावधानी रखें और फ्रॉड का शिकार होने से बचे."

कितने घंटे तक पैसे वापसी का रहता है चांस: करनाल पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार से फ्रॉड हो जाता है तो वह उसकी शिकायत टोल फ्री नंबर 1930 पर करें या फिर हरियाणा के प्रत्येक जिले में थाने में साइबर हेल्प डेस्क बनाया गया है. अपनी शिकायत वहां करें. अगर किसी व्यक्ति के साथ ठगी हो गई है तो वह 6 घंटे के अंदर अपनी शिकायत दर्ज करें तो उसके पैसे वापस आने के पूरे चांस होते हैं अगर उससे ज्यादा देर हो जाती है, तो पैसे आने के चांस बहुत कम होते हैं क्योंकि 6 घंटे के अंदर जिस अकाउंट में पैसे गए हैं, उसको फ्रिज किया जा सकता है.वह पैसा वापस आ सकता है.

जागरूकता जरूरी: करनाल पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया ने कहा कि आजकल साइबर फ्रॉड बहुत ही ज्यादा चल रहा है. हर व्यक्ति थोड़े से लालच या जानकारी के अभाव में साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाता है. इसके लिए पुलिस के द्वारा समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया हुआ है, ताकि लोगों को बताया जा सके कि वह किस-किस प्रकार से साइबर फ्रॉड का शिकार होते हैं. ऐसे में लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है, ताकि वह फ्रॉड का शिकार होने से बच सकें.

ये भी पढ़ें: नूंह पुलिस के हत्थे चढ़े 15 साइबर ठग, कई तरीकों से लोगों को देते थे झांसा

करनाल: हरियाणा सहित पूरे भारत में साइबर फ्रॉड के मामले दिन ब दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. रोजाना ऐसे बहुत से मामले सामने आते हैं, जहां हजारों से लेकर करोड़ों रुपए तक का फ्रॉड साइबर फ्रॉड के जरिए किए जा रहा है. इसमें अनपढ़ लोगों से लेकर पढ़े लिखे लोग तक थोड़े से लालच में आकर या जानकारी के अभाव में आकर शिकार हो जाते हैं. साइबर फ्रॉड करने वाले लोगों ने अब कई नए तरीके अपनाए हैं, जिसके जरिए वह फ्रॉड कर रहे हैं.

आइए जानते हैं कि साइबर फ्रॉड के नए तरीके क्या हैं? इससे कैसे बचा जा सकता है? अगर कोई साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाता है, तो कितने घंटे तक शिकायत करने के बाद पैसे वापस आने के चांस होते हैं.

क्या है साइबर फ्रॉड: इस बारे में ईटीवी भारत ने करनाल पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया से बातचीत की. उन्होंने बताया, "इंटरनेट के जरिए साइबर फ्रॉड किया जा रहा है, इसमें फ्रॉड करने वाला व्यक्ति अलग-अलग तरीकों से फ्रॉड करता है. इसमें व्यक्ति के पास किसी प्रकार का लिंक भेज कर या फिर आजकल काफी ज्यादा डिजिटल अरेस्ट के जरिए फ्रॉड किया जा रहा है. अगर कोई नई सिम लेता है, तो उसमें दस्तावेज का गलत इस्तेमाल करके भी फ्रॉड किया जा रहा है."

साइबर फ्रॉड से जुड़ी जानकारी (ETV Bharat)

फ्रॉड करने के नए तरीके: करनाल एसपी गंगाराम पूनिया ने कहा कि इन दिनों फ्रॉड करने के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिसमें से मुख्य तरीका यह देखने को मिल रहा है कि कोई व्यक्ति जब नया सिम लेता है तो उसको एक्टिवेट करने के लिए कुछ नंबर फोन पर दबाए जाते हैं, इसमें कस्टमर केयर के नाम पर व्यक्ति के पास फोन किया जाता है. वह बताते हैं कि अपने सिम को एक्टिवेट करने के लिए यह बटन दबाएं. और वह व्यक्ति बटन दबाने के बाद साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाता है.उसका अकाउंट एकदम से खाली हो जाता है.

AI के जरिए फ्रॉड: एसपी गंगाराम पूनिया ने कहा, "नया फ्रॉड अब एआई के जरिए किया जा रहा है, जिसमें व्यक्ति की एडिटिंग करके एआई के जरिए फोटो या वीडियो एडिट कर दी जाती है. या फिर ओटीपी के नाम पर या सरकार के द्वारा चलाई जा रही सरकारी योजनाओं के तौर पर फ्रॉड हो रहे हैं. इसमें एक क्लिक से पूरा बैंक अकाउंट खाली हो जाता है. मौजूदा समय में एआई तकनीक काफी प्रचलन में है लेकिन अब इसके जरिए भी फ्रॉड देखने को मिल रहा है. हालांकि करनाल में इस प्रकार का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन हरियाणा और भारत के कई राज्यों में इस प्रकार के कई मामले सामने आ चुके हैं."

डिजिटल अरेस्ट: करनाल पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति किसी आपराधिक मामले में गिरफ्तार होता है या शामिल पाया जाता है, तो कोई भी जांच एजेंसी इस प्रकार के फोन करके उनसे पैसों की डिमांड नहीं करती अगर कोई ऐसा मामला आता है तो उसकी शिकायत तुरंत पुलिस को करें.आजकल के समय में डिजिटल अरेस्ट सबसे नया तरीका साइबर फ्रॉड करने का है. डिजिटल अरेस्ट में कोई ठग किसी व्यक्ति को फोन करता है और कहता है कि आपका परिवार का कोई सदस्य है किसी आपराधिक मामले में फंस गया है. वह किसी जांच एजेंसी से बोल रहे हैं. अगर वह अपने परिवार के सदस्य को इस मामले से बाहर निकलना चाहते हैं तो वह उनको पैसे दें. उन्होंने उनके परिवार के सदस्य को डिजिटल अरेस्ट कर लिया है. इस प्रकार के मामले भी काफी देखने को मिल रहे हैं.

नया सिम लेते समय रखें ध्यान: करनाल पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया ने आगे बताया कि अक्सर देखने को मिलता है कि सड़कों पर सिम बेचने वाले लोग खड़े रहते हैं. ऐसे में लोग थोड़े से लालच के चक्कर में वहां से सिम खरीद लेते हैं, लेकिन बाद में जो वह डॉक्यूमेंट देते हैं, उनका गलत प्रयोग किया जाता है. उनको किसी फ्रॉड का शिकार बना लिया जाता है. ऐसे में जो ऑथराइज्ड डीलर है, उनसे ही नया सिम कार्ड खरीदने का काम करें.

सरकार की योजनाओं के नाम पर फ्रॉड: एसपी गंगाराम पूनिया ने कहा "हाल ही में देखने को मिला है कि जो सरकार के द्वारा "मेरी फसल, मेरा ब्यौरा" या अन्य योजनाएं चलाई हुई है, उनके नाम पर भी फ्रॉड हो रहा है. ठग सरकारी कार्यालय से अपने आप को बढ़ाकर एक ओटीपी व्यक्ति के नंबर पर भेजता है. अपने आप को सरकारी कार्यालय से बात कर योजनाओं का लाभ देने के नाम पर ओटीपी जैसे ही उसको वापस दिया जाता है, तो इतने में पूरा बैंक अकाउंट खाली हो जाता है. इस प्रकार के फ्रॉड से भी बचना चाहिए. इस प्रकार के फ्रॉड आजकल ज्यादा हो रहे हैं. इससे सावधानी रखें और फ्रॉड का शिकार होने से बचे."

कितने घंटे तक पैसे वापसी का रहता है चांस: करनाल पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार से फ्रॉड हो जाता है तो वह उसकी शिकायत टोल फ्री नंबर 1930 पर करें या फिर हरियाणा के प्रत्येक जिले में थाने में साइबर हेल्प डेस्क बनाया गया है. अपनी शिकायत वहां करें. अगर किसी व्यक्ति के साथ ठगी हो गई है तो वह 6 घंटे के अंदर अपनी शिकायत दर्ज करें तो उसके पैसे वापस आने के पूरे चांस होते हैं अगर उससे ज्यादा देर हो जाती है, तो पैसे आने के चांस बहुत कम होते हैं क्योंकि 6 घंटे के अंदर जिस अकाउंट में पैसे गए हैं, उसको फ्रिज किया जा सकता है.वह पैसा वापस आ सकता है.

जागरूकता जरूरी: करनाल पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया ने कहा कि आजकल साइबर फ्रॉड बहुत ही ज्यादा चल रहा है. हर व्यक्ति थोड़े से लालच या जानकारी के अभाव में साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाता है. इसके लिए पुलिस के द्वारा समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया हुआ है, ताकि लोगों को बताया जा सके कि वह किस-किस प्रकार से साइबर फ्रॉड का शिकार होते हैं. ऐसे में लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है, ताकि वह फ्रॉड का शिकार होने से बच सकें.

ये भी पढ़ें: नूंह पुलिस के हत्थे चढ़े 15 साइबर ठग, कई तरीकों से लोगों को देते थे झांसा

Last Updated : Jan 24, 2025, 10:12 AM IST
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