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यमुनानगर मॉडल टाउन में बन रहीं अवैध कमर्शियल इमारतें, सरकार को लग रही करोड़ों की चपत

यमुनानगर मॉडल टाउन में अवैध कमर्शियल शोरूम और दुकानें (illegal Commercial shops Yamunanagar) बनाने के कारण सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व के नुकसान का आंकड़ा सामने आया है. इस बात की जानकारी यमुनानगर के एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने दी.

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Model Town Yamunanagar
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Published : Nov 17, 2021, 4:32 PM IST

Updated : Nov 17, 2021, 6:14 PM IST

यमुनानगर: जिले के मॉडल टाउन में रिहायशी इलाके में कमर्शियल शोरूम और दुकानें (Model Town Yamunanagar) बनाने के कारण सरकार को करोड़ों के राजस्व के नुकसान की बात सामने आई है. यमुनानगर के एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने इस बात का खुलासा किया. वहीं निगम के अधिकारी भी मान रहे हैं कि मॉडल टाउन के अंदर रिहायशी बिल्डिंग के अलावा कमर्शियल जगह नहीं बना (Commercial Work Model Town Yamunanagar) सकते, लेकिन मॉडल टाउन में 500 से भी ज्यादा शोरूम और दुकानें बनाई गई हैं. इनका करोड़ों रुपये का राजस्व बनता है, लेकिन बिना नक्शा, बिना परमिशन के सरकार को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है.

यमुनानगर नगर निगम (yamunanagar nagar nigam) डीएमसी विनोद नेहरा का कहना है कि उन्होंने कई बार इसको लेकर दुकानदारों व शोरूम मालिकों को नोटिस जारी किए हैं. हालांकि उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला. कार्रवाई नहीं होने को लेकर अधिकारी ने कहा कि वह नोटिस देने के सिवाय कुछ नहीं कर सकते. निगम के अधिकारी से जब ये सवाल किया गया कि अगर मॉडल टाउन के अलावा किसी और कॉलोनी में दुकान, शोरूम या रेजिडेंस बनाया जाता है तो निगम अपना बुल्डोजर लेकर उसको गिराने के लिए पहुंच जाती है फिर मॉडल टाउन में क्यों नहीं. इस पर निगम अधिकारी ने कहा कि वह कार्रवाई में लगे हुए हैं. इससे आगे उनके पास कोई जवाब नहीं था.

बिना नक्शे और परमिशन के आवासीय जगह पर बनी कमर्शियल इमारतें, सरकार को लग रही करोड़ों की चपत

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वहीं आरटीआई एक्टिविस्ट विरेंद्र सपरा की मानें तो मॉडल टाउन के अंदर ना तो दुकान बन सकती है और ना ही शोरूम. वहां पर सिर्फ रिहायशी मकान ही बनाए जा सकते हैं. यदि इन दुकानों और शोरूम की जगह का नक्शा बनवाया जाए तो पूरे मॉडल टाउन की दुकानें और शोरूम के नक्शे का राजस्व करोड़ों में जाएगा. उन्होंने कहा कि जब निगम अधिकारी मान रहे हैं कि मॉडल टाउन में कमर्शियल जगह नहीं बन सकती तो फिर उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पूरी दाल काली हो चुकी है और अधिकारी भ्रष्ट बने बैठे हैं. उनके द्वारा लगाई गई आरटीआई में पता चला कि मॉडल टाउन जैसे एरिया के अंदर हर महीने करोड़ों का कारोबार होता है, लेकिन फिर भी उनका नक्शा पास नहीं होता.

आरटीआई एक्टिविस्ट वीरेंद्र सपरा ने बताया कि उन्होंने इस बारे में नगर निगम के डीएमसी से भी बात की. उन्होंने खुद स्वीकार किया कि मॉडल टाउन में ना तो दुकान बन सकती है और ना ही शोरूम लेकिन जो दुकानदार या शोरूम मालिक यह सब बनाकर बैठे हैं उनको नोटिस भेज दिए हैं और धीरे-धीरे कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उनका कहना है कि उनको आए अभी कुछ भी समय हुआ है. अभी इसको लेकर वह फील्ड में जाएंगे और जिन लोगों को नोटिस नहीं भेजे उनको नोटिस भेजकर उन पर कार्रवाई की जाएगी.

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यमुनानगर: जिले के मॉडल टाउन में रिहायशी इलाके में कमर्शियल शोरूम और दुकानें (Model Town Yamunanagar) बनाने के कारण सरकार को करोड़ों के राजस्व के नुकसान की बात सामने आई है. यमुनानगर के एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने इस बात का खुलासा किया. वहीं निगम के अधिकारी भी मान रहे हैं कि मॉडल टाउन के अंदर रिहायशी बिल्डिंग के अलावा कमर्शियल जगह नहीं बना (Commercial Work Model Town Yamunanagar) सकते, लेकिन मॉडल टाउन में 500 से भी ज्यादा शोरूम और दुकानें बनाई गई हैं. इनका करोड़ों रुपये का राजस्व बनता है, लेकिन बिना नक्शा, बिना परमिशन के सरकार को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है.

यमुनानगर नगर निगम (yamunanagar nagar nigam) डीएमसी विनोद नेहरा का कहना है कि उन्होंने कई बार इसको लेकर दुकानदारों व शोरूम मालिकों को नोटिस जारी किए हैं. हालांकि उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला. कार्रवाई नहीं होने को लेकर अधिकारी ने कहा कि वह नोटिस देने के सिवाय कुछ नहीं कर सकते. निगम के अधिकारी से जब ये सवाल किया गया कि अगर मॉडल टाउन के अलावा किसी और कॉलोनी में दुकान, शोरूम या रेजिडेंस बनाया जाता है तो निगम अपना बुल्डोजर लेकर उसको गिराने के लिए पहुंच जाती है फिर मॉडल टाउन में क्यों नहीं. इस पर निगम अधिकारी ने कहा कि वह कार्रवाई में लगे हुए हैं. इससे आगे उनके पास कोई जवाब नहीं था.

बिना नक्शे और परमिशन के आवासीय जगह पर बनी कमर्शियल इमारतें, सरकार को लग रही करोड़ों की चपत

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वहीं आरटीआई एक्टिविस्ट विरेंद्र सपरा की मानें तो मॉडल टाउन के अंदर ना तो दुकान बन सकती है और ना ही शोरूम. वहां पर सिर्फ रिहायशी मकान ही बनाए जा सकते हैं. यदि इन दुकानों और शोरूम की जगह का नक्शा बनवाया जाए तो पूरे मॉडल टाउन की दुकानें और शोरूम के नक्शे का राजस्व करोड़ों में जाएगा. उन्होंने कहा कि जब निगम अधिकारी मान रहे हैं कि मॉडल टाउन में कमर्शियल जगह नहीं बन सकती तो फिर उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पूरी दाल काली हो चुकी है और अधिकारी भ्रष्ट बने बैठे हैं. उनके द्वारा लगाई गई आरटीआई में पता चला कि मॉडल टाउन जैसे एरिया के अंदर हर महीने करोड़ों का कारोबार होता है, लेकिन फिर भी उनका नक्शा पास नहीं होता.

आरटीआई एक्टिविस्ट वीरेंद्र सपरा ने बताया कि उन्होंने इस बारे में नगर निगम के डीएमसी से भी बात की. उन्होंने खुद स्वीकार किया कि मॉडल टाउन में ना तो दुकान बन सकती है और ना ही शोरूम लेकिन जो दुकानदार या शोरूम मालिक यह सब बनाकर बैठे हैं उनको नोटिस भेज दिए हैं और धीरे-धीरे कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उनका कहना है कि उनको आए अभी कुछ भी समय हुआ है. अभी इसको लेकर वह फील्ड में जाएंगे और जिन लोगों को नोटिस नहीं भेजे उनको नोटिस भेजकर उन पर कार्रवाई की जाएगी.

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Last Updated : Nov 17, 2021, 6:14 PM IST
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