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कड़ाके की सर्दी से दुग्ध उत्पादन हुआ प्रभावित, डॉक्टर से जानें इस मौसम में कैसे रखें पशुओं का ख्याल

उत्तर भारत में ठंड का असर बेइंतहा बढ़ता जा रहा (haryana weather Update) है. आम लोगों के साथ ही पशुओं पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है. पशुओं में दूध की कमी आने से पशुपालकों की चिंता अब और भी ज्यादा बढ़ गई. वहीं पशु चिकित्सक ने सर्दी के बचाव के उपाय भी पशुपालकों को बताए हैं.

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Published : Jan 12, 2023, 2:33 PM IST

milk production affected in winter
हरियाणा में पशुओं में दुग्ध की कमी
चिकित्सक ने सर्दी के बचाव के उपाय पशुपालकों को बताए

यमुनानगर: सर्दी के बढ़ते प्रकोप का असर (cold effect in north india) न सिर्फ आम जनजीवन पर पड़ रहा है बल्कि इसका सीधा असर पशुओं पर पड़ता नजर आ रहा है. पूरा उत्तर भारत इस समय सर्दी और कोहरे की चपेट में है. लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं. ठंड से बचाव के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं. वहीं सर्दी का असर दुधारू पशुओं पर भी साफ देखने को मिल रहा है. पशुपालकों का कहना है कि ठंड के चलते अब दुधारू पशुओं का दुग्ध उत्पादन भी आधा रह गया है. जिसके चलते रोजगार करने वाले पशुपालकों की चिंता भी अब बढ़ी गई है.

milk production affected in winter
हरियाणा में पशुओं में दुग्ध की कमी

दिनोंदिन बढ़ रही सर्दी से पशुओं के दुग्ध उत्पादन में काफी कमी आई (milk production affected in winter) है. पशुपालकों ने बताया कि ठंड के कारण पहले उनके पशु 10 किलो दूध देते थे. लेकिन अब इतना नहीं हो पाता है. बढ़ती ठंड से 15 से 20 प्रतिशत तक दुध उत्पादन में कमी आई है. जिससे उन्हें काफी आर्थिक नुकसान भी झेलना पड रहा है. हालांकि पशुपालक पशुओं को ठंड से बचाने के उपाय भी कर रहे हैं लेकिन ठंड का असर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं पशु चिकित्सक भी इस समय पशुओं को ठंड से बचाव के लिये पशु पालकों को विशेष हिदायतें भी बरतने को कह रहे हैं.

यह भी पढ़ें-हरियाणा मौसम अपडेट: प्रदेशवासियों को सर्दी से मिली थोड़ी राहत, दिन का तापमान बढ़ा, 3.8 डिग्री रहा रात का तापमान

वहीं पशु चिकित्सकों ने भी माना है कि दुधारू पशुओं पर ठंड का प्रभाव ज्यादा पड़ा है. जिस कारण ही पशुओं का दुग्ध उत्पादन घटा है. उन्होंने पशुपालकों को पशुओं को ठंड से बचाव के उपाय बताए हैं. रादौर सरकारी अस्पताल के पशु चिकित्सक डॉ. सुरेंद्र छौक्कर ने बताया कि पशुओं को सबसे पहले सीधी हवा से बचाना चाहिए. इसके अलावा पशुओं को गुनगना पानी व प्रोटीन युक्त खल व फीड देनी चाहिए ताकि उससे पशु के शरीर में गर्मी बनी रहे और उस पर ठंड का असर न (haryana weather Update) पड़े.

चिकित्सक ने सर्दी के बचाव के उपाय पशुपालकों को बताए

यमुनानगर: सर्दी के बढ़ते प्रकोप का असर (cold effect in north india) न सिर्फ आम जनजीवन पर पड़ रहा है बल्कि इसका सीधा असर पशुओं पर पड़ता नजर आ रहा है. पूरा उत्तर भारत इस समय सर्दी और कोहरे की चपेट में है. लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं. ठंड से बचाव के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं. वहीं सर्दी का असर दुधारू पशुओं पर भी साफ देखने को मिल रहा है. पशुपालकों का कहना है कि ठंड के चलते अब दुधारू पशुओं का दुग्ध उत्पादन भी आधा रह गया है. जिसके चलते रोजगार करने वाले पशुपालकों की चिंता भी अब बढ़ी गई है.

milk production affected in winter
हरियाणा में पशुओं में दुग्ध की कमी

दिनोंदिन बढ़ रही सर्दी से पशुओं के दुग्ध उत्पादन में काफी कमी आई (milk production affected in winter) है. पशुपालकों ने बताया कि ठंड के कारण पहले उनके पशु 10 किलो दूध देते थे. लेकिन अब इतना नहीं हो पाता है. बढ़ती ठंड से 15 से 20 प्रतिशत तक दुध उत्पादन में कमी आई है. जिससे उन्हें काफी आर्थिक नुकसान भी झेलना पड रहा है. हालांकि पशुपालक पशुओं को ठंड से बचाने के उपाय भी कर रहे हैं लेकिन ठंड का असर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं पशु चिकित्सक भी इस समय पशुओं को ठंड से बचाव के लिये पशु पालकों को विशेष हिदायतें भी बरतने को कह रहे हैं.

यह भी पढ़ें-हरियाणा मौसम अपडेट: प्रदेशवासियों को सर्दी से मिली थोड़ी राहत, दिन का तापमान बढ़ा, 3.8 डिग्री रहा रात का तापमान

वहीं पशु चिकित्सकों ने भी माना है कि दुधारू पशुओं पर ठंड का प्रभाव ज्यादा पड़ा है. जिस कारण ही पशुओं का दुग्ध उत्पादन घटा है. उन्होंने पशुपालकों को पशुओं को ठंड से बचाव के उपाय बताए हैं. रादौर सरकारी अस्पताल के पशु चिकित्सक डॉ. सुरेंद्र छौक्कर ने बताया कि पशुओं को सबसे पहले सीधी हवा से बचाना चाहिए. इसके अलावा पशुओं को गुनगना पानी व प्रोटीन युक्त खल व फीड देनी चाहिए ताकि उससे पशु के शरीर में गर्मी बनी रहे और उस पर ठंड का असर न (haryana weather Update) पड़े.

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