यमुनानगर: सर्दी के बढ़ते प्रकोप का असर (cold effect in north india) न सिर्फ आम जनजीवन पर पड़ रहा है बल्कि इसका सीधा असर पशुओं पर पड़ता नजर आ रहा है. पूरा उत्तर भारत इस समय सर्दी और कोहरे की चपेट में है. लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं. ठंड से बचाव के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं. वहीं सर्दी का असर दुधारू पशुओं पर भी साफ देखने को मिल रहा है. पशुपालकों का कहना है कि ठंड के चलते अब दुधारू पशुओं का दुग्ध उत्पादन भी आधा रह गया है. जिसके चलते रोजगार करने वाले पशुपालकों की चिंता भी अब बढ़ी गई है.
दिनोंदिन बढ़ रही सर्दी से पशुओं के दुग्ध उत्पादन में काफी कमी आई (milk production affected in winter) है. पशुपालकों ने बताया कि ठंड के कारण पहले उनके पशु 10 किलो दूध देते थे. लेकिन अब इतना नहीं हो पाता है. बढ़ती ठंड से 15 से 20 प्रतिशत तक दुध उत्पादन में कमी आई है. जिससे उन्हें काफी आर्थिक नुकसान भी झेलना पड रहा है. हालांकि पशुपालक पशुओं को ठंड से बचाने के उपाय भी कर रहे हैं लेकिन ठंड का असर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं पशु चिकित्सक भी इस समय पशुओं को ठंड से बचाव के लिये पशु पालकों को विशेष हिदायतें भी बरतने को कह रहे हैं.
वहीं पशु चिकित्सकों ने भी माना है कि दुधारू पशुओं पर ठंड का प्रभाव ज्यादा पड़ा है. जिस कारण ही पशुओं का दुग्ध उत्पादन घटा है. उन्होंने पशुपालकों को पशुओं को ठंड से बचाव के उपाय बताए हैं. रादौर सरकारी अस्पताल के पशु चिकित्सक डॉ. सुरेंद्र छौक्कर ने बताया कि पशुओं को सबसे पहले सीधी हवा से बचाना चाहिए. इसके अलावा पशुओं को गुनगना पानी व प्रोटीन युक्त खल व फीड देनी चाहिए ताकि उससे पशु के शरीर में गर्मी बनी रहे और उस पर ठंड का असर न (haryana weather Update) पड़े.