यमुनानगर: देवधर गांव के पास टू हेल माइनर में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (National Rural Employment Guarantee Act) (मनरेगा) के तहत नाबालिग बच्चों से मजदूरी करवाने का मामला सामने आया है. मनरेगा लेबर (MGNREGA Labour) में मौजूद लोगों के साथ चार नाबालिग भी काम कर रहे हैं. जिन्हें ये तक नहीं पता कि उन्हें इस काम के कितने पैसे मिलने वाले हैं और ना ही उन्हें मनरेगा के बारे में कुछ मालूम है.
हरियाणा के यमुनानगर के बेगमपुर गांव (Begampur Village Yamunanagar) के पास वेस्टर्न यमुना कैनाल (Western Yamuna Canal) से निकलने वाली टू हेल माइनर (to hell minor) में इन दिनों मनरेगा के तहत सफाई का काम चल रहा है. मनरेगा ने इस काम की देखरेख सिंचाई विभाग के जिम्मे छोड़ी हुई है. सिंचाई विभाग के ताजेवाला ब्लॉक के तहत ये काम चला हुआ है.
करीब 15 दिन से यहां 10-12 मजदूर काम कर रहे हैं. जिन्हें ये तक नहीं पता कि उनकी मजदूरी कितनी है. ना ही उन्हें ये पता होता है कि मनरेगा के लिए जॉब कार्ड भी बनता है. जब मौके पर ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो पता चला कि अली फिरोज नामक के शख्स की देखरेख में ये काम हो रहा है. जब बच्चों से कैमरे पर उनकी उम्र पूछी गई तो उन्होंने बताया कि वो 16 से 17 साल के हैं.
कोई नाबालिग अपनी मजदूरी ₹400 तो कोई ₹300 बता रहा था. जब अली फिरोज से बात करने की कोशिश की गई तो उसने कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया. वहीं जब सिंचाई विभाग के एसडीओ धर्मपाल से इस बारे में बात करने की कोशिश की गई तो वो भी आनाकानी करते नजर आए. जिसके बाद ईटीवी की टीम मनरेगा विभाग के अधिकारियों के पास पहुंची.
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मनरेगा अधिकारी का कहना था कि ये काम सिंचाई विभाग (Irrigation Department Yamunanagar) की देखरेख में हो रहा है, लेकिन फिर भी यदि वहां नाबालिग बच्चे काम कर रहे हैं तो इसके बारे में जरूर जांच की जाएगी और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. इस मुद्दे पर जब जिला उपायुक्त से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि हाल ही में सोमवार को उन्होंने कार्यभार संभाला है. उन्होंने दावा किया कि वो जिले में कोई भी गैरकानूनी काम नहीं होने देंगे. यदि ऐसी लापरवाही हुई है तो संबंधित अधिकारी और लोगों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.