यमुनानगर: आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सैकड़ों की संख्या में आंगनवाड़ी वर्कर्स इकट्ठी होकर जिला लघु सचिवालय पहुंची और सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.
उसके बाद आंगनवाड़ी वर्कर्स ने अपनी मांगों को लेकर जिला उपायुक्त को निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग पंचकूला के नाम ज्ञापन सौंपा. यहां आंगनवाड़ी यूनियन वर्कर्स की जिला प्रधान रेखा ने कहा कि सरकार कर्मचारियों पर तानाशाही दिखा रही है. जिसके चलते उनको स्मार्ट फोन लेने को मजबूर होना पड़ रहा है.
आंगनवाड़ी वर्कर्स की मांग
- 3 से 6 साल तक के लाभार्थी बच्चों के अभिभावकों के लिए व्हाट्सएप ग्रुप तैयार करने के निर्देश वापस लिया जाए.
- केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाला मानदेय जो हरियाणाभर में कई-कई महीनों का बकाया पड़ा है, उसका तुरंत भुगतान हो.
- प्ले वे स्कूल के पीछे विभाग और सरकार की क्या पॉलिसी है? इसका पूरा दस्तावेज यूनियन को उपलब्ध करवाया जाए.
- आंगनवाड़ी केंद्रों का बकाया किराया तुरंत जारी हो.
- आईसीडीएस की छह सेवाएं और पांच उद्देश्य से अलग कोई काम ना करवाया जाए.महंगाई भत्ता जारी किया जाए
- आंगनवाड़ीकर्मियों को सरकारी कर्मचारी के रूप में मान्यता दी जाए.
- वर्कर्स को कम से कम 24 हजार और हेल्पर को 18 हजार रुपये प्रति माह न्यूनतम वेतनमान दिया जाए.
- कम से कम 10 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन सहित अन्य सभी सामाजिक सुरक्षा दी जाएं.
- योजनाओं का किसी भी रूप में निजी करण ना किया जाए.
- सितंबर 2018 प्रधानमंत्री द्वारा घोषित वर्कर्स की 1500 और हेल्पर्स की 750 की बढ़ोतरी को तुरंत लागू किया जाए.
आंगनवाड़ी वर्कर्स का कहना है कि उनको सैलरी तक पूरी दी नहीं जा रही, ऊपर से प्ले स्कूल जैसी पॉलिसी बनाने का दबाव बनाया जा रहा है. उनका कहना है कि सरकार आंगनवाड़ी वर्कर्स को बिना वजह परेशान करना बंद कर उनकी जायज मांगों को पूरा करे. नहीं तो आंगनवाड़ी आने वाले समय में अपना आंदोलन तेज करेंगे.
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