यमुनानगर: शिक्षा, वन एवं पर्यटन मंत्री कंवर पाल ने कहा कि सरकारी स्कूलों में प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल टैबलेट, डिजिटल क्लास रूम इत्यादि पर 700 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
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शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बढ़ावा देने के लिए इसे 2025 तक पूर्ण रूप से लागू किया जाएगा. जबकि केन्द्र सरकार ने 2030 तक लागू करने का लक्ष्य रखा है. प्रदेश के चालू वित्त के बजट में 9वीं से 12वीं तक सभी श्रेणियों के विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है. उन्होंने बताया कि शिक्षा को विस्तार के साथ-साथ गुणात्तमक सुधार पर भी विशेष बल दिया जा रहा है और इन गतिविधियों पर 192 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि छात्राओं को उच्च वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 114.52 करोड़ का एक जेंडर इंक्लूजन फंड बनाया जाएगा. आरोही, कस्तूरबा गांधी और मेवात मॉडल स्कूल को मॉडल संस्कृति स्कूल के स्वीकृत रूप में अपग्रेड किया जाएगा. इसी प्रकार स्कूलों में 50 उष्मायन केन्द्रों में कम से कम 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को व्यवसायिक शिक्षा दी जाएगी. इसी प्रकार हिसार और करनाल में सुपर 100 कार्यक्रम के तहत दो केन्द्र स्थापित किए जाएंगे.
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श्री कंवर पाल ने बताया कि विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में एलुमिनी पोर्टल और एलुमिनी वीक का आयोजन किया जाएगा. शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पहली से तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों को प्रारंभिक भाषा और गणितीय कौशल प्रदान किया जाएगा. सक्षम हरियाणा कार्यक्रम के तहत तीसरी से 8वीं कक्षा तक के 8400 स्कूलों के 6 लाख विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जाएगा. राजकीय बहुतकनीकी संस्थान मानेसर में इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी संस्थाओं की स्थापना की जाएगी.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के तीव्र गति से विकास के लिए शिक्षा को रोजगारोन्मूखी बनाने पर विशेष बल दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारने के साथ-साथ सुविधाओं में विस्तार, वर्तमान मांग के अनुरूप कौशल विकास इत्यादि पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा. वर्तमान सरकार के प्रयासों से राजकीय विद्यालयों के प्रति जनता का विश्वास बहाल हुआ है और सक्षम सहित अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षा में गुणात्मक सुधार भी दर्ज किया गया है.