यमुनानगर में बलौली ताहरपुर गांव के पास दर्दनाक हादसा हुआ. जहां 11000 वोल्ट करंट की चपेट में आने से 3 पशुओं की मौत हो गई. इस करंट की चपेट में आने से चरवाहा भी बाल-बाल बचा. ग्रामीणों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है और कार्रवाई की बात कह रहे हैं. कार्रवाई न होने पर नेशनल हाईवे जाम की चेतावनी दी ग्रामीणों ने दी है.
यमुनानगर के बलौली-ताहरपुर गांव के पास खेतों में चरने जा रहे पशुओं की करंट लगने से मौत हुई है. पशुओं को चराने वाला डारपुर गांव निवासी साहब्दीन भी करंट की चपेट में आ गया था, लेकिन उसकी चीख-पुकार सुनकर आस-पास के लोगों ने डंडों की मदद से उसे बचा लिया. जानकारी के मुताबिक खेत में से 11000 वोल्ट करंट की लाइन गुजर रही है. जिस खेत में हादसा हुआ उसमें इस लाइन का लोहे का खंभा लगा हुआ है. जिसमें तारें टकराने से करंट आ गया.
चरवाहे साहब्दीन ने बताया कि उसकी भैंस चरती हुई पानी वाले खेत की तरफ से पानी पीने के लिए गई. तो अचानक करंट लगकर वह झुलसने लगी और वह भी पानी में चला गया था. लेकिन ग्रामीणों ने उसकी जान बचा ली. उसने बताया कि इनमें से एक भैंस गर्भवती थी. जबकि एक भैंसा और भैंस की भी उसके साथ ही मौत हो गई. उसने कहा कि उसके पास रोजी-रोटी का यही साधन था.
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वहीं, बलौली गांव के सरपंच श्याम सिंह ने कहा कि बिजली विभाग की लापरवाही की वजह से एक गरीब का नुकसान हुआ है. यदि समय रहते गांव वाले उसे बाहर न खींचते तो उसकी भी जान जा सकती थी. उन्होंने कहा कि बार-बार सूचना देने के बावजूद घंटों तक बिजली विभाग के कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे. हालांकि पुलिस मौके पर पहुंची है और उन्होंने कार्रवाई की है.
वहीं, उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि बिजली विभाग के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई नहीं की गई, तो वह नेशनल हाईवे जाम करने के लिए मजबूर होंगे. जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी. जब इस बारे में फोन पर बिजली विभाग सब डिवीजन के एसडीओ कमल बांद्रा से बातचीत की गई, तो उनका कहना था कि मामले की जांच करवाई जाएगी. जो भी उचित कार्रवाई होगी वह अमल में लाई जाएगी.
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