यमुनानगर: जिले के फव्वारा चौक के पास स्थित चर्च ऑफ नार्थ इंडिया यमुनानगर की 27 दुकानों की फर्जी रजिस्ट्री का मामला सामने आया है. जिसमें एक सरकारी अधिकारी समेत 18 लोगों पर केस दर्ज किया गया है.
दरअसल इस मामले में रजिस्ट्री भी उन लोगों के नाम करवा दी गई है. जो यहां पर किराएदार तक नहीं है. मामले का पता लगते ही चर्च के पदाधिकारियों ने इस संबंध में जिला उपायुक्त और एसपी को शिकायत दी थी. जिसके बाद इकोनॉमिक्स एल इसकी जांच कर रहा था. जांच के बाद इनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
वहीं चर्च के पादरी ने बताया कि वो काफी समय से आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए संघर्ष कर रहे थे. उन्हें बेहद खुशी है कि कानून के मुताबिक उन्हें न्याय मिलने वाला है.
वहीं पुलिस अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया की इस मामले की इकोनॉमिक्स एल चार्ज कर रहा था. जिसके बाद कार्रवाई करते हुए 18 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया की भारतीय दंड संहिता के अनेक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. मामले में जो भी निकल कर सामने आएगा उसी के तहत कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि, कमर्शियल बेल्ट में इन दुकानों की एक लाख रुपये में रजिस्ट्री करा दी गई और मौके पर आकर जांच तक नहीं की गई. यहां तक कि इन दुकानों के किरायेदारों की वेरिफिकेशन तक नहीं की गई. जबकि इन दुकानों में किराएदार है और वो चर्च को किराया भी दे रहे हैं.
चर्च ऑफ नार्थ इंडिया यमुनानगर में चर्च की संपत्तियों पर 1951 से काबिज है. इन संपत्तियों का समय पर कर भी चर्च की तरफ से दिया जा रहा है. इसके तहत ही यमुनानगर में भी फव्वारा चौक पर चर्च के पास दुकानें हैं. इन दुकानों का किराया चर्च के खाते में आ रहा है. इनमें से 27 मकानों की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री हुई है.
पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक उत्तर प्रदेश के झांसी के खाटी बाबा निवासी स्टीफन सिंह ने नगर निगम से इस संपत्ति की आईडी ली. उसने 1 जून 2017 को अपने नाम की नकली पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार की. जिसमें उसने खुद को यूनाइटेड चर्च ऑफ नार्थ इंडिया मुंबई का पदाधिकारी बताया था. उसने कलेक्ट्रेट से मिलकर चर्च की 27 दुकानों को बेच दिया. 6 मार्च को इन सभी दुकानों की एक साथ रजिस्ट्री करवाई गई.
ये भी पढ़ें: वित्त मंत्रालय ने कर्ज पर ब्याज छूट को लेकर दिशानिर्देश जारी किया