सोनीपत: दिल्ली के जंतर मंतर पर भारतीय कुश्ती फेडरेशन के चीफ बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए देश के नामी पहलवान धरने पर बैठे हैं. इस बार प्रदर्शनकारी पहलवानों का समर्थन राजनीतिक और गैर राजनीतिक संगठन कर रहे हैं. पहलवान भी इन संगठनों को अपने मंच पर समय दे रहे हैं. इसी कड़ी में बुधवार को सोनीपत से संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों का एक जत्था इनका समर्थन करने दिल्ली रवाना हुआ है. किसान जत्थे की अगुवाई कर रहे किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने जांच कमेटी की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं तो वहीं जांच कमेटी में शामिल पहलवान योगेश्वर दत्त को भी नसीहत दी.
सोनीपत कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के फ्लाईओवर के नीचे संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान संगठनों के नेता और किसान सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे यह किसान इस बार अपनी समस्या को लेकर नहीं बल्कि पहलवानों के समर्थन में सरकार के खिलाफ उतरे हैं. किसानों ने सरकार पर पहलवानों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की है.
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इनका कहना है कि अगर सरकार ने पहलवानों की मांगे जल्द से जल्द नहीं मानी तो वे सरकार के खिलाफ एक बार फिर मोर्चा खोल देंगे. इसके साथ ही उन्होंने जंतर मंतर पर ही पहलवानों के साथ डेरा डालने की चेतावनी भी दी है. किसान संगठनों के साथ साथ खाप पंचायतें भी लगातार पहलवानों के समर्थन में सामने आ रही हैं. किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ और सरोहा खाप के प्रधान सतीश सरोहा ने दिल्ली कूच से पहले मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के सभी संगठनों की मीटिंग हुई है.
इस मीटिंग में फैसला लिया गया है कि अगर सरकार ने 28 अप्रैल तक पहलवानों की मांगें पूरी नहीं की तो 28 तारीख के बाद किसी भी दिन जंतर मंतर पर वो पक्के मोर्चे लगा सकते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि महिला पहलवानों ने यौन शोषण की शिकायत दे रखी है लेकिन उसके बावजूद आरोपी सांसद के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया जा रहा है. वहीं, बबीता फोगाट और योगेश्वर दत्त पर बयान देते हुए उन्होंने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी की नेत्री और जांच कमेटी में शामिल बबीता फोगाट ने जांच कमेटी पर ही सवालिया निशान उठा दिए हैं, तो ऐसी जांच रिपोर्ट में अब बचा ही क्या है. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट में लीपापोती की गई है.
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इस दौरान उन्होंने योगेश्वर दत्त को नसीहत देते हुए कहा कि यह समय अपने भाईचारे और कुश्ती के पहलवानों के साथ खड़ा होने का है. राजनीति पहले नहीं आती है भाईचारा पहले है. वहीं सरोहा खाप के प्रधान सतीश सरोहा ने कहा कि देश की आन बान शान के आत्मसम्मान को बचाने के लिए अगर हमें अपनी कुर्बानी भी देनी पड़ेगी तो वे पीछे नहीं हटेंगे.