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सिंघू बॉर्डर पर किसान ऐसे कर रहे हैं मनोरंजन, कबड्डी-कुश्ती के बाद अब वॉलीबॉल - किसान आंदोलन सिंघु बॉर्डर

सिंघु बॉर्डर पर वॉलीबॉल प्रीमियम लीग का आयोजन किया गया. इस टूर्नामेंट का आयोजन अमेरीकन सिख संगत की तरफ से किया गया है, जिसमें अलग-अलग राज्यों की 40 टीमों ने हिस्सा लिया.

volleyball premier league singhu border
सिंघु बॉर्डर पर वॉलीबॉल प्रीमियम लीग का आयोजन
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Published : Apr 3, 2021, 9:17 PM IST

सोनीपत: कृषि कानूनों को खिलाफ किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं. इस बीच किसानों की ओर से विरोध दर्ज कराने के लिए अनोखे तरीके भी अपनाए जा रहे हैं. पहले कबड्डी मैच और अब किसानों की ओर से सिंघु बॉर्डर पर वॉलीबॉल प्रीमियर लीग का आयोजन किया जा रहा है.

इस लीग में कुल 40 टीमों ने हिस्सा लिया था. प्रतियोगिता जीतने वाली टीम को 1 लाख रुपये इनाम के तौर पर दिए जाएंगे. वहीं दूसरे स्थान पर आने वाली टीम को 71 हजार, तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली टीम को 21 हजार रुपये बतौर इनाम दिए जाएंगे.

सिंघु बॉर्डर पर वॉलीबॉल प्रीमियम लीग का आयोजन

कई राज्यों से आए खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा

टूर्नामेंट में हिस्सा लेने पहुंचे खिलाड़ियों ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओं से खिलाड़ियों का हौसला बढ़ता है और ये प्रतियोगिता किसान आंदोलन के चलते कराई जा रही है, जिससे आंदोलन को भी मजबूती मिलेगी. बता दें कि इस प्रतियोगिता में हरियाणा के अलावा पंजाब ,राजस्थान और दिल्ली से आए खिलाड़ियों ने भी हिस्सा लिया है.

लीग का आयोजन कराने वाले किसान ने कहा कि टूर्नामेंट करवाने का मकसद खिलाड़ियों को बढ़ावा और किसान आंदोलन को मजबूती देना है. जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी, हमारा आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा और हम आगे भी ऐसे ही टूर्नामेंट करवाते रहेंगे.

ये भी पढ़िए: शहीदी दिवस पर किसान आंदोलन में हुआ कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन, 100 टीमें पहुंची

बता दें कि वॉलीबॉल प्रीमियर लीग से पहले शहीदी दिवस के अवसर पर किसानों ने कुंडली बॉर्डर पर कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया था. इस प्रतियोगिता में हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश की लगभग 100 टीमों ने हिस्सा लिया था.

4 महीने से आंदोलन कर रहे किसान

गौरतलब है कि कृषि कानून रद्द करने की मांग करते हुए किसान दिल्ली के सभी बॉर्डरों पर जटे हैं. किसान पिछले चार महीनों से आंदोलन कर रहे हैं. इस बीच किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है. वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी किसानों से वार्ता कर चुके हैं. इसके बाद भी कोई हल अभी तक नहीं निकला है. किसान संगठनों और सरकार के बीच आखिरी बैठक 22 जनवरी को हुई थी. इसके बाद से बातचीत का रास्ता बंद है.

सोनीपत: कृषि कानूनों को खिलाफ किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं. इस बीच किसानों की ओर से विरोध दर्ज कराने के लिए अनोखे तरीके भी अपनाए जा रहे हैं. पहले कबड्डी मैच और अब किसानों की ओर से सिंघु बॉर्डर पर वॉलीबॉल प्रीमियर लीग का आयोजन किया जा रहा है.

इस लीग में कुल 40 टीमों ने हिस्सा लिया था. प्रतियोगिता जीतने वाली टीम को 1 लाख रुपये इनाम के तौर पर दिए जाएंगे. वहीं दूसरे स्थान पर आने वाली टीम को 71 हजार, तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली टीम को 21 हजार रुपये बतौर इनाम दिए जाएंगे.

सिंघु बॉर्डर पर वॉलीबॉल प्रीमियम लीग का आयोजन

कई राज्यों से आए खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा

टूर्नामेंट में हिस्सा लेने पहुंचे खिलाड़ियों ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओं से खिलाड़ियों का हौसला बढ़ता है और ये प्रतियोगिता किसान आंदोलन के चलते कराई जा रही है, जिससे आंदोलन को भी मजबूती मिलेगी. बता दें कि इस प्रतियोगिता में हरियाणा के अलावा पंजाब ,राजस्थान और दिल्ली से आए खिलाड़ियों ने भी हिस्सा लिया है.

लीग का आयोजन कराने वाले किसान ने कहा कि टूर्नामेंट करवाने का मकसद खिलाड़ियों को बढ़ावा और किसान आंदोलन को मजबूती देना है. जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी, हमारा आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा और हम आगे भी ऐसे ही टूर्नामेंट करवाते रहेंगे.

ये भी पढ़िए: शहीदी दिवस पर किसान आंदोलन में हुआ कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन, 100 टीमें पहुंची

बता दें कि वॉलीबॉल प्रीमियर लीग से पहले शहीदी दिवस के अवसर पर किसानों ने कुंडली बॉर्डर पर कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया था. इस प्रतियोगिता में हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश की लगभग 100 टीमों ने हिस्सा लिया था.

4 महीने से आंदोलन कर रहे किसान

गौरतलब है कि कृषि कानून रद्द करने की मांग करते हुए किसान दिल्ली के सभी बॉर्डरों पर जटे हैं. किसान पिछले चार महीनों से आंदोलन कर रहे हैं. इस बीच किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है. वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी किसानों से वार्ता कर चुके हैं. इसके बाद भी कोई हल अभी तक नहीं निकला है. किसान संगठनों और सरकार के बीच आखिरी बैठक 22 जनवरी को हुई थी. इसके बाद से बातचीत का रास्ता बंद है.

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