सोनीपत: गोहाना के गांव खंदराई के प्राइमरी स्कूल में बच्चों को मिड-डे मील के राशन में फोर्टिफाइड चावल (Fortified Rice) बांट दिए. इसके बाद ग्रामीणों ने सोमवार को स्कूल में पहुंच प्लास्टिक के चावल देने का आरोप लगा शासन-प्रशासन के खिलाफ रोष जताया. ग्रामीणों का कहना है कि चावल खान से कई बच्चों को पेट में भी दर्द हुआ. इस पर ग्रामीणों ने अधिकारियों से चावल की जांच कराने की मांग की.
ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल में 20-30 दिसंबर को मिड-डे मील के राशन में बच्चों को चावल दिए गए थे. उनके अनुसार जब उन्होंने यह चावल बच्चों को बनाकर खिलाए तो कई को पेट में दर्द भी हुआ. ऐसे में ग्रामीण भड़क गए और उन्होंने स्कूल परिसर में पहुंचकर शासन-प्रशासन के खिलाफ रोष जताया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यह चावल प्लास्टिक के हैं, चूंकि पानी में डालने से यह डूबने की बजाय तैर रहे हैं. इसके अलावा यह सामान्य चावलों से भी अलग हैं. इस पर ग्रामीणों ने अधिकारियों से मांग की है कि वह चावलों की जांच कराएं. उन्होंने कहा कि अगर यह चावल सही नहीं है तो अधिकारी इसकी जांच भी कराएं.
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वहीं सरोज बाल्याण, बीईओ, खंड गोहाना ने बताया कि गांव खंदराई में मिड-डे मील राशन में फोर्टिफाइड चावल बांटे गए हैं. इनमें आयरन, विटामिन आदि शामिल हैं. यह बच्चों के लिए काफी लाभदायक हैं. ग्रामीणों को इसकी सही तरीके से जानकारी नहीं थी. उन्हें प्राचार्य के माध्यम से जानकारी देकर समझा दिया है.
गौरतलब है कि सरकार द्वारा मिड-डे मील के राशन में फोर्टिफाइड चावल दिया जा रहा है. इसकी मदद से सरकार कुपोषण को कम करने की दिशा में काम कर रही है. सरकार को पूरी उम्मीद है कि उनकी इस पहल से कुपोषण को दूर करने में काफी मदद मिलेगी. फोर्टिफाइड चावल में फोलिक एसिड, विटामिन A, विटामिन B12, आयरन, विटामिन B1, जिंक जैसे तत्व होते हैं. यह सब पोषक तत्व हैं. इसलिए जो खाएगा वह कुपोषण का शिकार नहीं होगा.
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