सोनीपत: भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian Women Hockey Team) ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है. महिला हॉकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया को क्वॉर्टर फाइनल (India beat Australia in quarter final) में 1-0 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया. जिसके बाद पूरे देश में खुशी की लहर है. सोनीपत की रहने वाली निशा के परिवार में एक अलग ही उत्साह है, क्योंकि निशा भी इस टीम का हिस्सा है. निशा का पूरा परिवार भारतीय महिला हॉकी टीम की इस उपलब्धि पर जश्न (Hockey Player nisha celebration) मना रहा है. निशा के पिता शोहराभ ने कहा कि आज हमें अपनी बेटी पर गर्व है क्योंकि वह उस टीम का हिस्सा है जिसने पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में प्रवेश किया है.
निशा की माता मेहरूम और भाई आतिश और बहन नगमा को बेटी और उसकी टीम से काफी उम्मीदें हैं. उन्होंने ईटीवी से बातचीत करते हुए कहा कि हमें और हमारे साथ-साथ पूरे देश को उम्मीद है कि अबकी बार महिला हॉकी टीम पोडियम फिनिश करेगी और देश के लिए गोल्ड मेडल लेकर आएगी. उन्होंने कहा कि जैसे भारतीय महिला टीम ने अभी तक कई देशों को पछाड़ को बढ़त बनाई है, वैसे ही अब गोल्ड भारत से दूर नहीं है. बता दें कि टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में भारतीय महिला हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन कर सेमीफाइनल में जगह बना ली है. अब भारतीय महिला हॉकी टीम का सेमिफाइनल में अर्जेंटीना से मुकाबला होगा.
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भारत के लिए दोहरी खुशी: इस गेम में भारत के लिए 2 दिनों में ये दूसरी खुशी है. रविवार को पुरुष हॉकी के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भारत ने ग्रेट ब्रिटेन (Great Britain) को 3-1 से मात दी. 49 साल बाद पुरुष हॉकी की टीम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची है. इससे पहले मॉन्ट्रियल ओलंपिक (1972) में भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी. हालांकि भारतीय टीम ने 1980 के मॉस्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था, लेकिन उस दौरान भारत ने 6 टीमों के पूल में दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल का टिकट हासिल किया था.
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