सोनीपत: कोरोना ने लोगों के जीवन को पूरी तरह से अस्तव्यस्त कर दिया है. इससे रेलवे टिकट वेंडर्स भी अछूते नहीं है. सोनीपत रेलवे स्टेशन पर स्मार्ट कार्ड वेंडिंग मशीन धूल फांक रही हैं. काफी लंबे समय से इन मशीनों का प्रयोग नहीं हुआ है. ये हाल सिर्फ स्मार्ट मशीन का ही नहीं है. सरकारी टिकट काउंटर भी इससे अछूते नहीं है. जिस जगह पहले 5-6 काउंटर खुलते थे अब वहां मात्र 1 या 2 काउंटर खुल रहे हैं. ये प्रकोप है कोरोना का. ये असर है लॉकडाउन का. जो ऑनलाइन टिकट बेचने वाले वेंडर पर भी पड़ा है. इसीलिए उनकी जिंदगी किस हालात से गुजर रही है, ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम सोनीपत रेलवे स्टेशन पहुंची.
लॉकडाउन से पहले सोनीपत रेलवे स्टेशन के बाहर कई प्राइवेट टिकट वेंडर घूमते रहते थे. जो लोगों को टिकट मुहैया कराते थे, लेकिन अनलॉक में रेलवे स्टेशन के बाहर कोई टिकट वेंडर नहीं है, ये लोग कहां गए इसका पता लगाने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने वहां मौजूद लोगों से बात की. उन्होंने बताया कि प्राइवेट टिकट वेंडर अपना काम बंद कर यहां से जा चुके हैं.
एक दो रुपये का मुनाफा लेकर स्टेशन के बाहर टिकट बेचने वाले वेंडर ही खत्म नहीं हुए हैं बल्कि ऑनलाइन टिकट बुक करने वाले दुकानदार भी दिन गिन रहे हैं. रेलवे ने कुछ स्पेशल ट्रेनें चलाकर देशवासियों को थोड़ी राहत जरूर दी, लेकिन बावजूद इसके सोनीपत रेलवे स्टेशन पर वीरानगी छाई हुई है. यही वजह है कि रेलवे पर निर्भर रहने वाले लोग बेरोजगारी के संकट से जूझ रहे हैं.
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