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अपराध की दुनिया में फिर सुर्खियां बना जिला सोनीपत, कई गांव से निकले कुख्यात गैंगस्टर

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या (Sidhu Moose Wala Murder Case) के बाद अपराध जगत में सोनीपत जिले का नाम खूब उछल रहा है. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब दूसरे राज्यों के गैंगस्टर की गैंगवारी में सोनीपत का नाम आया हो. सोनीपत के कई गांव ऐसे हैं जहां से कुख्यात गैंगस्टर अलग-अलग गैंग चला रहे हैं.

Sidhu Moose Wala Murder Case
हर गैंगवार के साथ जुड़ जाता है सोनीपत का नाम, लॉरेंस बिश्नोई से लेकर गोगी गैंग तक जुड़े है तार
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Published : Jun 10, 2022, 10:32 PM IST

सोनीपत: पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या (Sidhu Moose Wala Murder Case) के बाद अपराध जगत में सोनीपत का नाम खूब उछल रहा है. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब दूसरे राज्यों के गैंगस्टर की गैंगवारी में सोनीपत का नाम आया हो. इससे पहले रोहिणी कोर्ट में गोगी की हत्या हुई तो भी सोनीपत का नाम खूब उछला था. सोनीपत के जयदीप को पुलिस ने कोर्ट परिसर में ही मार गिराया था. बावजूद सोनीपत के युवा अपराध की दलदल में लगातार फंसते रहते हैं. अब सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में सोनीपत के चार युवाओं के नाम सामने आ चुके हैं. इन पर कई गंभीर मामले में केस दर्ज हैं.

दिल्ली एनसीआर में शामिल सोनीपत जिले में कभी राजधानी में बैठे गैंगस्टर की हुकुमत चलती थी. सैकड़ों युवा इनके इशारों पर जान देने को तैयार रहते थे. नब्बे के दशक में जब कृष्ण पहलवान और बलराज के बीच गैंगवार शुरू हुई तो सोनीपत के युवा उनसे जुड़े थे. दिल्ली के गैंगस्टर से प्रेरित होकर सोनीपत के युवा अपनी खुद की गैंग खड़ी करने लगे. हालांकि ऊपरी तौर पर दिल्ली के गैंगस्टर का ही हाथ उनके सिर पर रहा.

संदीप चिटाना ने तो दिल्ली में जाकर नीरज बवाना गैंग को चुनौती दी थी. उस वक्त संदीप चिटाना नीतू दाबोदिया गैंग का शार्प शूटर हुआ करता था. हालांकि एक एनकाउंटर में मारे जाने के बाद गैंग के सदस्य विक्की चिटाना, विकास दूधिया हरियाणा में गैंग को बढ़ाने लगे. तीन दशक बाद भी यहीं ट्रेंड जारी है. जिले के युवा छोटे-मोटे झगड़े या जमीन के विवाद में गैंग की शरण में पहुंच रहे हैं. फिर गैंग के आका युवाओं को अपने मन मुताबिक काम करवा रहे हैं.

पंजाब के गैंग से हो रहा गठजोड़: एक दशक से जिले के युवाओं का झुकाव पंजाब की गैंग की तरफ होने लगा. इसी का परिणाम है कि जिले में काला जठेडी, राजू बसौदी, अक्षय पलड़ा जैसे अपराधी पैदा हो गए. अक्षय पलड़ा तो परिवार के साथ हुए झगड़े के बाद 15 साल की उम्र में ही अपराध जगत में उतर गया. गांव के ही व्यक्ति की हत्या के बाद बाल सुधार गृह भेजा गया. बाद में कई अन्य मामलों में उलझता चला गया. करीब तीन साल पहले पंजाब में अक्षय की गिरफ्तारी हुई तो पुलिस अधिकारी भी उसके कारनामे सुनकर अचंभित रह गए. उस वक्त 19 साल के रहे अक्षय पलड़ा ने 15 हत्याओं में शामिल रहने के साथ ही करीब 25 वारदात की कुबूल की थी. इसमें से कई हत्या की वारदात तो अक्षय ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग (Lawrence Bishnoi Gang) के सहयोगी संपत नेहरा के साथ मिलकर की थी.

मोनू लल्हेड़ी और रामकरण बैंयापुर: सोनीपत के कुख्यात बदमाश मोनू लल्हेड़ी व रामकरण बैंयापुर ने अपराध की दुनिया में परचम लहराने को हाथ मिला लिया था. उसके बाद उन्होंने संदीप बड़वासनी गैंग के मुख्य सहयोगी बिट्टू बरोणा पर कोर्ट परिसर में हमला कराने के साथ ही गांव में उसके पिता की हत्या करा दी थी. मोनू लल्हेड़ी तो गिरफ्तारी के बाद सोनीपत जेल में कुख्यात राजू बसौदी से भिड़ गया था. जिसके चलते दोनों की जेल तक बदलनी पड़ी थी.

पुलिस ने कुख्यात रामकरण बैंयापुर को दिल्ली से गिरफ्तार कर उसके घर से भारी मात्रा में असला, आभूषण व नकदी बरामद की थी. रामकरण पहले शराब कारोबारी था और बाद गैंगस्टर बन गया. वह करीब 30 मुकदमों में नामजद रहा है. उस पर संदीप बड़वासनी व दो साथियों की हत्या करने के आरोप के साथ हत्या के सात मुकदमे दर्ज है. इससे पहले गन्नौर कोर्ट में मार्च 2016 में गैंगवार का शिकार हुए विकास दुधिया की हत्या कर दी गई थी.

कुख्यात संदीप उर्फ काला जठेड़ी: जुर्म की दुनिया में कदम रखने के बाद संदीप उर्फ काला जठेड़ी अलग-अलग गैंग से हाथ मिलाकर अपनी ताकत बढ़ाता रहा है. 200 से ज्यादा शूटर वाले लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ने के बाद वह अपराध जगत में आगे बढ़ता गया. हत्या, लूट, रंगदारी और पुलिस मुठभेड़ जैसे मामलों में नामजद रहा. लॉरेंस बिश्नोई के जेल जाने के बाद उसके गैंग की कमान राजू बसौदी संभाल रहा था.

एसटीएफ द्वारा राजू बसौदी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस कस्टडी से भागे काला जठेड़ी ने गैंग की कमान संभाल ली थी. बाद में उसे गिरफ्तार किया गया.सोनीपत सहित हरियाणा के कारोबारियों और ठेकेदारों से वसूली का धंधा संदीप जठेड़ी के गुर्गें चला रहा थे. खनन के धंधे से जुड़े लोगों ने कई बार राजू बसौदी व संदीप जठेड़ी गैंग के सक्रिय होने की शिकायत की थी. राजू बसौदी को एसटीफ ने थाईलैंड से लेकर आने के बाद दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था.

गोगी गैंग भी सोनीपत से जुड़ा: दिल्ली का कुख्यात गोगी गैंग भी सोनीपत स जुड़ गया है. गोगी की हत्या के बाद सोनीपत के गुमड़ का दीपक बॉक्सर उसके गैंग को चला रहा है. दीपक दो लाख रुपये का इनामी है. दीपक के तीन साथी पिछले दिनों की सोनीपत पुलिस ने पकड़े थे. वह लूट की फिराक में थे.

विदेशी ताकतों के हाथों भी खेल रहे सोनीपत के युवा: सोनीपत में अपराध का ट्रेंड बदलने लगा है. पुलिस अधिकारी यहां तक अंदेशा जता रहे हैं कि पंजाब की गैंग के साथ जुड़ कर युवा विदेशी ताकतों की हाथ की कठपुतली तक बन सकते हैं. पंजाब की कई गैंग का पाकिस्तानी कनेक्शन अधिकारियों की इस चिंता को वाजिब भी ठहराता है. सोनीपत में पिछले दिनों जुआं गांव से तीन हैंडलर गिरफ्तार हुए थे. वह आंतकवादियों के इशारे पर अपराध कर रहे थे.

कई गांवों के युवा पकड़ चुके अपराध की राह: क्षेत्र के पेशेवर अपराधी पुलिस की पकड़ से दूर हैं और नए युवा अपराध जगत में दाखिल हो रहे हैं. इसका कारण गैंग सरगना का जेल से सब खेल चलाना है. जिले के कई गांवों के युवका अपराध की तरफ गए और अपराधिक वारदातों में मिल रहे हैं. यह अपराधी हत्या, लूट और डकैती तक की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. करीब दो दशक में इन गांवों से लगातार ऐसे कई अपराधी निकले हैं, जिन्होंने न केवल सोनीपत में, बल्कि दिल्ली, यूपी, पंजाब, राजस्थान में भी अपराध किए.

खरखौदा थाना के गांव रोहणा व बरोणा का नाम शामिल है. राई थाना के गांव जठेड़ी, नाहरा, बसौदी, पलड़ा शामिल हैं. मोहाना थाना खेत्र के गांव चिटाना, करेवड़ी, जुआं शामिल हैं. गन्नौर थाने के गांव पांची, पुगथला राजपुर. सदर थाना क्षेत्र का गांव कामी, बैंयापुर. गोहाना से बुटाना, भैंसवाल शामिल हैं.

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सोनीपत: पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या (Sidhu Moose Wala Murder Case) के बाद अपराध जगत में सोनीपत का नाम खूब उछल रहा है. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब दूसरे राज्यों के गैंगस्टर की गैंगवारी में सोनीपत का नाम आया हो. इससे पहले रोहिणी कोर्ट में गोगी की हत्या हुई तो भी सोनीपत का नाम खूब उछला था. सोनीपत के जयदीप को पुलिस ने कोर्ट परिसर में ही मार गिराया था. बावजूद सोनीपत के युवा अपराध की दलदल में लगातार फंसते रहते हैं. अब सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में सोनीपत के चार युवाओं के नाम सामने आ चुके हैं. इन पर कई गंभीर मामले में केस दर्ज हैं.

दिल्ली एनसीआर में शामिल सोनीपत जिले में कभी राजधानी में बैठे गैंगस्टर की हुकुमत चलती थी. सैकड़ों युवा इनके इशारों पर जान देने को तैयार रहते थे. नब्बे के दशक में जब कृष्ण पहलवान और बलराज के बीच गैंगवार शुरू हुई तो सोनीपत के युवा उनसे जुड़े थे. दिल्ली के गैंगस्टर से प्रेरित होकर सोनीपत के युवा अपनी खुद की गैंग खड़ी करने लगे. हालांकि ऊपरी तौर पर दिल्ली के गैंगस्टर का ही हाथ उनके सिर पर रहा.

संदीप चिटाना ने तो दिल्ली में जाकर नीरज बवाना गैंग को चुनौती दी थी. उस वक्त संदीप चिटाना नीतू दाबोदिया गैंग का शार्प शूटर हुआ करता था. हालांकि एक एनकाउंटर में मारे जाने के बाद गैंग के सदस्य विक्की चिटाना, विकास दूधिया हरियाणा में गैंग को बढ़ाने लगे. तीन दशक बाद भी यहीं ट्रेंड जारी है. जिले के युवा छोटे-मोटे झगड़े या जमीन के विवाद में गैंग की शरण में पहुंच रहे हैं. फिर गैंग के आका युवाओं को अपने मन मुताबिक काम करवा रहे हैं.

पंजाब के गैंग से हो रहा गठजोड़: एक दशक से जिले के युवाओं का झुकाव पंजाब की गैंग की तरफ होने लगा. इसी का परिणाम है कि जिले में काला जठेडी, राजू बसौदी, अक्षय पलड़ा जैसे अपराधी पैदा हो गए. अक्षय पलड़ा तो परिवार के साथ हुए झगड़े के बाद 15 साल की उम्र में ही अपराध जगत में उतर गया. गांव के ही व्यक्ति की हत्या के बाद बाल सुधार गृह भेजा गया. बाद में कई अन्य मामलों में उलझता चला गया. करीब तीन साल पहले पंजाब में अक्षय की गिरफ्तारी हुई तो पुलिस अधिकारी भी उसके कारनामे सुनकर अचंभित रह गए. उस वक्त 19 साल के रहे अक्षय पलड़ा ने 15 हत्याओं में शामिल रहने के साथ ही करीब 25 वारदात की कुबूल की थी. इसमें से कई हत्या की वारदात तो अक्षय ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग (Lawrence Bishnoi Gang) के सहयोगी संपत नेहरा के साथ मिलकर की थी.

मोनू लल्हेड़ी और रामकरण बैंयापुर: सोनीपत के कुख्यात बदमाश मोनू लल्हेड़ी व रामकरण बैंयापुर ने अपराध की दुनिया में परचम लहराने को हाथ मिला लिया था. उसके बाद उन्होंने संदीप बड़वासनी गैंग के मुख्य सहयोगी बिट्टू बरोणा पर कोर्ट परिसर में हमला कराने के साथ ही गांव में उसके पिता की हत्या करा दी थी. मोनू लल्हेड़ी तो गिरफ्तारी के बाद सोनीपत जेल में कुख्यात राजू बसौदी से भिड़ गया था. जिसके चलते दोनों की जेल तक बदलनी पड़ी थी.

पुलिस ने कुख्यात रामकरण बैंयापुर को दिल्ली से गिरफ्तार कर उसके घर से भारी मात्रा में असला, आभूषण व नकदी बरामद की थी. रामकरण पहले शराब कारोबारी था और बाद गैंगस्टर बन गया. वह करीब 30 मुकदमों में नामजद रहा है. उस पर संदीप बड़वासनी व दो साथियों की हत्या करने के आरोप के साथ हत्या के सात मुकदमे दर्ज है. इससे पहले गन्नौर कोर्ट में मार्च 2016 में गैंगवार का शिकार हुए विकास दुधिया की हत्या कर दी गई थी.

कुख्यात संदीप उर्फ काला जठेड़ी: जुर्म की दुनिया में कदम रखने के बाद संदीप उर्फ काला जठेड़ी अलग-अलग गैंग से हाथ मिलाकर अपनी ताकत बढ़ाता रहा है. 200 से ज्यादा शूटर वाले लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ने के बाद वह अपराध जगत में आगे बढ़ता गया. हत्या, लूट, रंगदारी और पुलिस मुठभेड़ जैसे मामलों में नामजद रहा. लॉरेंस बिश्नोई के जेल जाने के बाद उसके गैंग की कमान राजू बसौदी संभाल रहा था.

एसटीएफ द्वारा राजू बसौदी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस कस्टडी से भागे काला जठेड़ी ने गैंग की कमान संभाल ली थी. बाद में उसे गिरफ्तार किया गया.सोनीपत सहित हरियाणा के कारोबारियों और ठेकेदारों से वसूली का धंधा संदीप जठेड़ी के गुर्गें चला रहा थे. खनन के धंधे से जुड़े लोगों ने कई बार राजू बसौदी व संदीप जठेड़ी गैंग के सक्रिय होने की शिकायत की थी. राजू बसौदी को एसटीफ ने थाईलैंड से लेकर आने के बाद दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था.

गोगी गैंग भी सोनीपत से जुड़ा: दिल्ली का कुख्यात गोगी गैंग भी सोनीपत स जुड़ गया है. गोगी की हत्या के बाद सोनीपत के गुमड़ का दीपक बॉक्सर उसके गैंग को चला रहा है. दीपक दो लाख रुपये का इनामी है. दीपक के तीन साथी पिछले दिनों की सोनीपत पुलिस ने पकड़े थे. वह लूट की फिराक में थे.

विदेशी ताकतों के हाथों भी खेल रहे सोनीपत के युवा: सोनीपत में अपराध का ट्रेंड बदलने लगा है. पुलिस अधिकारी यहां तक अंदेशा जता रहे हैं कि पंजाब की गैंग के साथ जुड़ कर युवा विदेशी ताकतों की हाथ की कठपुतली तक बन सकते हैं. पंजाब की कई गैंग का पाकिस्तानी कनेक्शन अधिकारियों की इस चिंता को वाजिब भी ठहराता है. सोनीपत में पिछले दिनों जुआं गांव से तीन हैंडलर गिरफ्तार हुए थे. वह आंतकवादियों के इशारे पर अपराध कर रहे थे.

कई गांवों के युवा पकड़ चुके अपराध की राह: क्षेत्र के पेशेवर अपराधी पुलिस की पकड़ से दूर हैं और नए युवा अपराध जगत में दाखिल हो रहे हैं. इसका कारण गैंग सरगना का जेल से सब खेल चलाना है. जिले के कई गांवों के युवका अपराध की तरफ गए और अपराधिक वारदातों में मिल रहे हैं. यह अपराधी हत्या, लूट और डकैती तक की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. करीब दो दशक में इन गांवों से लगातार ऐसे कई अपराधी निकले हैं, जिन्होंने न केवल सोनीपत में, बल्कि दिल्ली, यूपी, पंजाब, राजस्थान में भी अपराध किए.

खरखौदा थाना के गांव रोहणा व बरोणा का नाम शामिल है. राई थाना के गांव जठेड़ी, नाहरा, बसौदी, पलड़ा शामिल हैं. मोहाना थाना खेत्र के गांव चिटाना, करेवड़ी, जुआं शामिल हैं. गन्नौर थाने के गांव पांची, पुगथला राजपुर. सदर थाना क्षेत्र का गांव कामी, बैंयापुर. गोहाना से बुटाना, भैंसवाल शामिल हैं.

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