सोनीपत: अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सोनीपत आरपी गोयल की अदालत ने प्रेम विवाह करने वाली बहन के पति, सास व ससुर की हत्या करने के दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. दोषी ने अपने दोस्त के साथ मिलकर इन तीन हत्याओं को अंजाम दिया था. इस वारदात में युवती व उसका देवर भी गंभीर घायल हो गए थे. सोनीपत के तिहरे हत्याकांड मामले में दोषी के दोस्त को 12 अक्टूबर 2021 को फांसी की सजा सुनाई गई थी, उस दौरान दोषी सतेंद्र उर्फ मोनू उद्घोषित अपराधी था.
जानकारी के अनुसार खरखौदा के वार्ड-9 निवासी सूरज ने 19 नवंबर, 2016 को पुलिस को बताया था कि उनके बड़े भाई प्रदीप ने झज्जर के बिरधाना निवासी सुशीला से तीन साल पहले प्रेम विवाह किया था. 18 नवंबर, 2016 को सतेंद्र ने अपने दोस्त के साथ हमलाकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थी. इस फायरिंग में प्रदीप व सुनीता की मौत हो गई थी. अचानक हुए इस हमले में वह खुद और उनके पिता सुरेश और गर्भवती भाभी सुशीला गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
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इलाज के दौरान उनके पिता सुरेश की भी मौत हो गई. शिकायतकर्ता ने बताया कि वारदात को भाभी सुशीला के भाई सतेंद्र उर्फ मोनू व उसके दोस्त हरीश ने अंजाम दिया था. प्रदीप का परिवार अनूसचित जाति का होने के चलते मामले में एससीएसटी एक्ट भी लगाया गया था. सतेंद्र अपनी बहन के दूसरी जाति के लड़के से शादी करने के कारण खफा था. इस मामले में जमानत लेकर आरोपी सतेंद्र उर्फ मोनू भूमिगत हो गया था, जिसे बाद में भगौड़ा घोषित किया कर दिया गया.
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सुनवाई के बाद 2 अक्टूबर 2021 को एएसजे आरपी गोयल की अदालत ने हरीश को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा दी थी. कुछ समय बाद पुलिस ने आरोपी सतेंद्र उर्फ मोनू को गिरफ्तार कर लिया. सतेंद्र को आईपीसी की धारा 302 में फांसी की सजा दी गई है. धारा 307 में आजीवन कारावास व 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. इसके साथ ही धारा 449 में आजीवन कारावास व 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. कोर्ट ने दोषी को शस्त्र अधिनियम की धाराओं का भी दोषी मानते हुए पांच साल कैद व 5 हजार रुपए जुर्माना लगाया है.