सोनीपतः राजनीतिक पार्टियों के घोषणा पत्र आपने देखे हैं लेकिन ईटीवी भारत की टीम इस बार आप को दिखा रही है जनता का घोषणा पत्र. ईटीवी भारत की टीम अपने खास कार्यक्रम 'जनता का घोषणा पत्र' के तहत सोनीपत विधानसभा क्षेत्र में पहुंची और वहां की जनता से जाना कि अगर आपको अपना घोषणा पत्र बनाने का मौका मिले तो आप किन समस्याओं को सबसे ऊपर रखेंगे.
जनता का घोषणा पत्र
ये कार्यक्रम ईटीवी भारत ने इसलिए शुरू किया है क्योंकि राजनीतिक पार्टियां हमेशा घोषणा पत्र बनाती हैं, लेकिन उस पर कभी अमल नहीं होता या घोषणा पत्र में वो समस्याएं ही नहीं होती, जिनसे जनता रोजाना दो-चार होती है.
इसलिए ईटीवी भारत ने अपने सरोकार को निभाते हुए 'जनता का घोषणा पत्र' कार्यक्रम के तहत जनता को मौका दिया है कि वो अपना घोषणा पत्र बनाए ताकि राजनीतिक पार्टियों तक उनकी आवाज और असल समस्याएं पहुंचे.
बेहतर शिक्षा की मांग
सोनीपत विधानसभा में रहने वाले समाजसेवी डॉ. राजेश दहिया ने बताया कि घोषणा पत्र में सबसे पहले सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी पर ध्यान देना चाहिए. उनका आरोप है कि सरकार ने शिक्षा को दुकान बनाकर रख दिया है. ऐसे में उनकी सबसे पहले यही मांग है कि सरकार उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराए और इसके बाद जनता की मूलभूत सुविधाओं की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए.
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युवा चाहता है रोजगार
सोनीपत विधानसभा क्षेत्र के युवाओं का कहना है कि हमारे यहां के नौजवानों के पास कोई काम नहीं है. सब बेरोजगार घूम रहे हैं ऐसे में हम चाहते हैं कि बेरोजगारी दूर की जाए. हम चाहते हैं कोई बरसाती मेंढक जैसा नेता यहां ना आए जो हमारी समस्याएं दूर कर सके वो ही सोनीपत में आए.
युवाओं की मांग है कि सरकार को स्थायी रोजगार को घोषणा पत्र में प्राथमिकता देनी चाहिए. इसके अलावा सोनीपत विधानसभा की जनता ने स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा की मांग की है.
क्या है किसानों का घोषणा पत्र?
सोनीपत विधानसभा के किसानों से बात की गई तो किसानों ने बिजली, पानी की मांग की. किसानों ने कहा कि बिजली पानी ना मिलने से किसान अपनी फसल की पैदावार नहीं कर पा रहे हैं.
बीज और दवा किसानों के लिए सस्ती दरों पर दी जाए. मंडियों में किसानों की खून पसीने की मेहनत की पैदावार को समय पर खरीदा जाए. किसान आज आर्थिक बदहाली के हालात से गुजर रहा है, सरकार को चाहिए कि किसानों की आर्थिक हालत को सुधारा जाए.
'स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट को लागू किया जाए'
किसानों का कहना है कि गिरता भूजल स्तर उनके लिए बड़ी परेशानी का कारण है. कुछ किसानों का कहना है कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाए.
किसानों ने राजनीतिक दलों से अपील की है कि उन्हें राजनीति में आने का मौका दिया जाए ताकि वो किसानों की समस्याओं को राजनीतिक मंच पर उठा सकें. इसके अलावा कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि बिजली पानी और खेती पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. सरकार को चाहिए कि जो कर्मचारी काम नहीं कर रहे उन पर सख्त कार्रवाई की जाए.
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2014 का मुकाबला
2014 के चुनाव की बात करें तो सोनीपत विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी कविता जैन ने जीत दर्ज की थी. अन्य पांचों सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी. ऐसे में कांग्रेस जहां अपने प्रदर्शन को दोहराने का प्रयास करेगी.
वहीं लोकसभा चुनाव के बाद बदले समीकरण के चलते बीजेपी अब बेहतर प्रदर्शन करने की तैयारी कर रही है. अन्य पार्टियां भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी में लगी है. इस बार 21 अक्तूबर को मतदान कराए जाएंगे. जबकि 2014 में 15 अक्तूबर को मतदान हुआ था.
पार्टियों के पास चुनाव प्रचार के लिए एक महीने का समय है. अब केवल प्रत्याशियों का इंतजार है. उसके बाद ही जनता तय कर सकेगी कि आखिर उनका वोट किस प्रत्याशी को जाएगा.
सोनीपत विधानसभा में मतदाता
कुल मतदाताः 2,13,821
पुरुष मतदाताः 1,12,355
महिला मतदाताः 1,01,466