सोनीपत: हरियाणा के सोनीपत जिले के ककरोई गांव में नहर टूट (sonipat canal broke) जाने से किसानों की 25 एकड़ भूमि जलमग्न (25 acres land submerged) हो गई. जलमग्न हुई 25 एकड़ भूमि में 5 से 10 एकड़ भूमि पर धान की फसल लगी थी, जबकि बाकी की बची भूमि को फसल के लिए तैयार किया गया था. किसानों ने नहर टूटने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों को जम्मेदार ठहराया है.
किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग ने मिलीभगत कर नहर पर बनाई जाने वाली पटरी की मिट्टी को बेच दिया, जिसकी वजह से नहर बार-बार टूट रही है और उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. किसानों ने बताया कि अबतक ये नहर तीन बार टूट चुकी है. फिर भी विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
ये भी पढ़िए: सिरसा: बरवाली नहर टूटने से इस गांव के खेत हुए जलमग्न, किसानों ने की मुआवजे की मांग
वहीं सिंचाई विभाग के जेई ने किसानों के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. जेई ने कहा कि पीछे से पानी ओवरफ्लो होने की वजह से नहर टूटी थी. सूचना मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे और नहर को ठीक करा दिया गया.
ये भी पढ़िए: किसान भाई धान की रोपाई में ये तकनीक अपनाएंगे तो बढ़ जाएगी कमाई, कृषि वैज्ञानिक दे रहे हैं टिप्स
किसानों का कहना है कि विभाग के अधिकारी नहर पर बनाई जाने वाली पटरी की मिट्टी को बेच रहे हैं और मिट्टी कम हो जाने की वजह से बार-बार नहर टूट रही है. किसानों के मुताबिक वो इस मामले की शिकायत डीसी से भी कर चुके हैं और डीसी की ओर से इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी का भी गठन किया गया था, लेकिन अभीतक कोई भी कार्रवाई इस मामले में नहीं हो पाई है.