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खरखौदा शराब घोटाले के आरोपियों की प्रॉपर्टी कुर्क करने की तैयारी में SIT

हरियाणा के बहुचर्चित खरखौदा शराब घोटाले को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. घोटाले की जांच कर रही एसआईटी आरोपियों की प्रॉपर्टी कुर्क करने की तैयारी में है और आरोपियों की संपत्ति का रिकॉर्ड जुटाया जा रहा है.

Kharkhauda liquor scam news
Kharkhauda liquor scam news
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Published : Jun 10, 2020, 9:30 PM IST

सोनीपत: खरखौदा शराब घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने इस घोटाले के पांच मुख्य आरोपितों पर शिकंजा कस दिया है. एसआईटी इन आरोपियों की प्रॉपर्टी कुर्क करने की तैयारी में है और इनकी संपत्ति का रिकॉर्ड जुटाया जा रहा है. इनकी संपत्ति की जानकारी जुटाने के लिए अब लोगों से भी मदद मांगी जाएगी, इसके लिए विज्ञापन चस्पा किए जाएंगे और ग्राम प्रधानों को पत्र दिए जाएंगे. न्यायालय ने संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी है. एसआईटी की ओर से सोमवार को न्यायालय में इसका आवेदन दिया गया था.

हर रोज सामने आ रहे हैं चौंकाने वाले तथ्य

वहीं खरखौदा शराब घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे ही चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आ रहे हैं. शराब की तस्करी से जो भी जुड़ा, उसने करोड़ों की संपत्ति एकत्र कर ली. आरोपी भूपेंद्र के पास जहां पचास करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है, वहीं जसबीर ने भी दिल्ली से लेकर सोनीपत और चंडीगढ़ तक संपत्ति बना रखी है. शराब तस्करी से जुड़ने वालों के पास फ्लैट, प्लॉट, मोटा बैंक बैलेंस, महंगे वाहन, जेवरात, दुकान और कमर्शियल व खेती की जमीन है. रिपोर्ट दर्ज हो जाने के बाद से आरोपित अभी तक फरार हैं. लगातार दबिश देने के बावजूद वह पकड़ में नहीं आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में 5209 के पार हुई संक्रमितों की संख्या, बढ़ते मरीजों के लिए कौन जिम्मेदार?

एसआईटी को सबसे ज्यादा तलाश हरियाणा पुलिस के बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर सिंह, भूपेंद्र को अवैध पिस्टलों की सप्लाई करने वाले संजय, आबकारी विभाग के कर्मचारी सुनील कुमार, शातिर अपराधी सतीश झरोठ और भूपेंद्र के भाई जितेंद्र की है. इनकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई शुरू करने की अनुमति बुधवार को न्यायालय से मिल गई. अब समाचार पत्रों में इनकी संपत्ति की जानकारी जुटाने को विज्ञापन दिया जाएगा.

जुटाया जा रहा है आरोपियों की संपत्ति का ब्यौरा

पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि इनके पैतृक गांव, कारोबार करने वाले स्थान, तैनाती वाले स्थान और संपर्क वाले क्षेत्रों से संपत्ति का रिकॉर्ड जुटाया जाएगा. इसके लिए संबंधित गांवों के ग्राम प्रधानों, संबंधित कस्बों के संपत्ति अधिकारियों, जिला संपत्ति अधिकारी, बैंक प्रबंधकों, संबंधित जिलों के परिवहन विभाग के अधिकारियों और जनसामान्य से इस संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है. उसके बाद संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई की जाएगी. संपत्ति के साथ ही इनके बैंक बैलेंस, जेवरात व महंगे वाहनों को कब्जे में लिया जाएगा. हमने पांच आरोपितों की संपत्ति कुर्क कराने की कार्रवाई शुरू करा दी है. इसके लिए न्यायालय से अनुमति ले ली गई है. जनसंपर्क से इनकी संपत्ति का ब्यौरा जुटाया जा रहा है.

बता दें कि, लॉकडाउन के दौरान सोनीपत जिले के खरखौदा स्थित एक गोदाम में बड़ा शराब घोटाला सामने आया था. इस घोटाले को लेकर शराब तस्कर भूपेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया था. भूपेंद्र सिंह वह विवादित व्यक्ति है, जिसके गोदाम में पुलिस द्वारा जब्त की गई तथा आबकारी विभाग के द्वारा रखी गई शराब को लॉकडाउन के दौरान बेच दिया गया था. इस मामले की जांच को लेकर हरियाणा सरकार ने एसआईटी का गठन किया था.

ये भी पढ़ें- पलवल: ग्राहकों के इंतजार में सब्जी किसान, दो वक्त की रोटी कमाना भी हुआ मुश्किल

सोनीपत: खरखौदा शराब घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने इस घोटाले के पांच मुख्य आरोपितों पर शिकंजा कस दिया है. एसआईटी इन आरोपियों की प्रॉपर्टी कुर्क करने की तैयारी में है और इनकी संपत्ति का रिकॉर्ड जुटाया जा रहा है. इनकी संपत्ति की जानकारी जुटाने के लिए अब लोगों से भी मदद मांगी जाएगी, इसके लिए विज्ञापन चस्पा किए जाएंगे और ग्राम प्रधानों को पत्र दिए जाएंगे. न्यायालय ने संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी है. एसआईटी की ओर से सोमवार को न्यायालय में इसका आवेदन दिया गया था.

हर रोज सामने आ रहे हैं चौंकाने वाले तथ्य

वहीं खरखौदा शराब घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे ही चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आ रहे हैं. शराब की तस्करी से जो भी जुड़ा, उसने करोड़ों की संपत्ति एकत्र कर ली. आरोपी भूपेंद्र के पास जहां पचास करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है, वहीं जसबीर ने भी दिल्ली से लेकर सोनीपत और चंडीगढ़ तक संपत्ति बना रखी है. शराब तस्करी से जुड़ने वालों के पास फ्लैट, प्लॉट, मोटा बैंक बैलेंस, महंगे वाहन, जेवरात, दुकान और कमर्शियल व खेती की जमीन है. रिपोर्ट दर्ज हो जाने के बाद से आरोपित अभी तक फरार हैं. लगातार दबिश देने के बावजूद वह पकड़ में नहीं आ रहे हैं.

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एसआईटी को सबसे ज्यादा तलाश हरियाणा पुलिस के बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर सिंह, भूपेंद्र को अवैध पिस्टलों की सप्लाई करने वाले संजय, आबकारी विभाग के कर्मचारी सुनील कुमार, शातिर अपराधी सतीश झरोठ और भूपेंद्र के भाई जितेंद्र की है. इनकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई शुरू करने की अनुमति बुधवार को न्यायालय से मिल गई. अब समाचार पत्रों में इनकी संपत्ति की जानकारी जुटाने को विज्ञापन दिया जाएगा.

जुटाया जा रहा है आरोपियों की संपत्ति का ब्यौरा

पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि इनके पैतृक गांव, कारोबार करने वाले स्थान, तैनाती वाले स्थान और संपर्क वाले क्षेत्रों से संपत्ति का रिकॉर्ड जुटाया जाएगा. इसके लिए संबंधित गांवों के ग्राम प्रधानों, संबंधित कस्बों के संपत्ति अधिकारियों, जिला संपत्ति अधिकारी, बैंक प्रबंधकों, संबंधित जिलों के परिवहन विभाग के अधिकारियों और जनसामान्य से इस संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है. उसके बाद संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई की जाएगी. संपत्ति के साथ ही इनके बैंक बैलेंस, जेवरात व महंगे वाहनों को कब्जे में लिया जाएगा. हमने पांच आरोपितों की संपत्ति कुर्क कराने की कार्रवाई शुरू करा दी है. इसके लिए न्यायालय से अनुमति ले ली गई है. जनसंपर्क से इनकी संपत्ति का ब्यौरा जुटाया जा रहा है.

बता दें कि, लॉकडाउन के दौरान सोनीपत जिले के खरखौदा स्थित एक गोदाम में बड़ा शराब घोटाला सामने आया था. इस घोटाले को लेकर शराब तस्कर भूपेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया था. भूपेंद्र सिंह वह विवादित व्यक्ति है, जिसके गोदाम में पुलिस द्वारा जब्त की गई तथा आबकारी विभाग के द्वारा रखी गई शराब को लॉकडाउन के दौरान बेच दिया गया था. इस मामले की जांच को लेकर हरियाणा सरकार ने एसआईटी का गठन किया था.

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