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शराब घोटाला: SIT पूछताछ में बर्खास्त इंस्पेक्टर धीरेंद्र ने किए चौंकाने वाले खुलासे

आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर धीरेंद्र ने पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे किए हैं. धीरेंद्र न सिर्फ भूपेंद्र के अवैध शराब के ट्रकों को जिला पार कराता था, बल्कि छापा मारकर पकड़ी गई शराब भूपेंद्र के गोदाम में ही रखवाता था.

sit interrogates suspended inspector dhirendra in sonipat liquor scam case
SIT पूछताछ में बर्खास्त इंस्पेक्टर धूरेंद्र ने किए चौकाने वाले खुलासे
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Published : Jun 23, 2020, 10:17 AM IST

सोनीपत: हरियाणा के बहुचर्चित शराब घोटाले के मुख्य आरोपी भूपेंद्र ने अपने कारोबार को चलाने के लिए इससे जुड़े सभी विभागों से मजबूत पैठ बना रखी थी. इसके अलावा पुलिस विभाग में भी भूपेंद्र का सिक्का चलता था. यही वजह है कि कई शिकायत मिलने के बाद भी कभी पुलिस ने भूपेंद्र के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया.

इस बात का खुलासा गिरफ्तार आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर धीरेंद्र से पूछताछ के दौरान किया है. धीरेंद्र न सिर्फ भूपेंद्र के अवैध शराब के ट्रकों को जिला पार कराता था, बल्कि छापा मारकर पकड़ी गई शराब भूपेंद्र की गोदाम में ही रखवाता था. एसआईटी की पूछताछ में धीरेंद्र ने कबूल किया है कि लॉकडाउन से पहले भी उसने भूपेंद्र की 3967 पेटी अवैध शराब की पकड़ी थी, लेकिन 50 हजार लेकर मामला रफा-दफा कर दिया गया.

कई पुलिस आबकारी और भूपेंद्र के गठजोड़ से खरखौदा अवैध शराब का गढ़ बन गया और लॉकडाउन के दौरान भूपेंद्र ने इसका भरपूर फायदा उठाया. खरखौदा में भूपेंद्र ब्रांडेड का लेबल लगाकर नकली शराब बेचने का कारोबार भी बेधड़क चला रहा था.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. भूपेंद्र इस गोदाम का ठेकेदार है. ठेकेदार भूपेंद्र को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

कैसे हुई तस्करी?

खरखौदा में बाइपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

ये भी पढ़िए: शराब घोटाला: शिकायत मिलने के बाद भी भूपेंद्र पर कार्रवाई नहीं करता था इंस्पेक्टर धीरेंद्र

पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया. उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम ये रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा, जबकि ऑन रिकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात हैं. इस शराब घोटाले में खरखौदा थाने के दो एसएचओ समेत 13 पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज है.

सोनीपत: हरियाणा के बहुचर्चित शराब घोटाले के मुख्य आरोपी भूपेंद्र ने अपने कारोबार को चलाने के लिए इससे जुड़े सभी विभागों से मजबूत पैठ बना रखी थी. इसके अलावा पुलिस विभाग में भी भूपेंद्र का सिक्का चलता था. यही वजह है कि कई शिकायत मिलने के बाद भी कभी पुलिस ने भूपेंद्र के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया.

इस बात का खुलासा गिरफ्तार आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर धीरेंद्र से पूछताछ के दौरान किया है. धीरेंद्र न सिर्फ भूपेंद्र के अवैध शराब के ट्रकों को जिला पार कराता था, बल्कि छापा मारकर पकड़ी गई शराब भूपेंद्र की गोदाम में ही रखवाता था. एसआईटी की पूछताछ में धीरेंद्र ने कबूल किया है कि लॉकडाउन से पहले भी उसने भूपेंद्र की 3967 पेटी अवैध शराब की पकड़ी थी, लेकिन 50 हजार लेकर मामला रफा-दफा कर दिया गया.

कई पुलिस आबकारी और भूपेंद्र के गठजोड़ से खरखौदा अवैध शराब का गढ़ बन गया और लॉकडाउन के दौरान भूपेंद्र ने इसका भरपूर फायदा उठाया. खरखौदा में भूपेंद्र ब्रांडेड का लेबल लगाकर नकली शराब बेचने का कारोबार भी बेधड़क चला रहा था.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. भूपेंद्र इस गोदाम का ठेकेदार है. ठेकेदार भूपेंद्र को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

कैसे हुई तस्करी?

खरखौदा में बाइपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

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पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया. उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम ये रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा, जबकि ऑन रिकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात हैं. इस शराब घोटाले में खरखौदा थाने के दो एसएचओ समेत 13 पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज है.

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