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सोनीपत: किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के लिए शोक सभा का आयोजन - सोनीपत शोक सभा किसान आंदोलन

खरखौदा के खांडा गांव में किसानों ने हवन यज्ञ कर आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि दी. किसानों ने सरकार को चेतावनी दी की जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

sonipat shradhanjali sabha for farmers
किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के लिए शोक सभा का आयोजन
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Published : Dec 20, 2020, 7:47 PM IST

सोनीपत: कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन में अपनी जान गवां चुके किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए रविवार को शोक सभा का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन गांव खांडा में किया गया था. इस दौरान वहां मौजूद किसानों ने हवन यज्ञ कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

किसानों ने कहा कि आंदोलन में शहीद हुए किसान भाईओं की शहादत बेकार नहीं जाएगी. उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेगी तब तक हम पीछे हटने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि शाहिद हुए किसानों को सच्ची श्रद्धांजलि तभी दी जाएगी जब सरकार तीनों कृषि कानूनों रद्द कर किसानों के हक में फैसला लेगी.

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि अब तक जितने भी किसान शहीद हुए है उन सब की जिम्मेदारी सरकार की है. किसानों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश और गुजरात के किसानों से मिलने 2,000 किलोमीटर दूर तो जा सकते हैं लेकिन दिल्ली बॉर्डर पर बैठें किसानों के लिए उनके पास बिल्कुल भी समय नहीं है.

ये भी पढ़िए: सिरसा: आंदोलन में जान गवां चुके किसानों के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन

किसानों का कहना था की ये बड़ी दुख की बात है की जो किसान इतनी सर्दी में सड़कों पर डटे है पीएम मोदी को उनकी परेशानी दिखाई नहीं देती. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सरकार सिर्फ जन विरोधी नीतियां बनाकर जनता को परेशान करना जानती है. किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही हमारी मांगे नहीं मानी तो ये आंदोलन और भी तेज होगा.

सोनीपत: कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन में अपनी जान गवां चुके किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए रविवार को शोक सभा का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन गांव खांडा में किया गया था. इस दौरान वहां मौजूद किसानों ने हवन यज्ञ कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

किसानों ने कहा कि आंदोलन में शहीद हुए किसान भाईओं की शहादत बेकार नहीं जाएगी. उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेगी तब तक हम पीछे हटने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि शाहिद हुए किसानों को सच्ची श्रद्धांजलि तभी दी जाएगी जब सरकार तीनों कृषि कानूनों रद्द कर किसानों के हक में फैसला लेगी.

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि अब तक जितने भी किसान शहीद हुए है उन सब की जिम्मेदारी सरकार की है. किसानों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश और गुजरात के किसानों से मिलने 2,000 किलोमीटर दूर तो जा सकते हैं लेकिन दिल्ली बॉर्डर पर बैठें किसानों के लिए उनके पास बिल्कुल भी समय नहीं है.

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किसानों का कहना था की ये बड़ी दुख की बात है की जो किसान इतनी सर्दी में सड़कों पर डटे है पीएम मोदी को उनकी परेशानी दिखाई नहीं देती. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सरकार सिर्फ जन विरोधी नीतियां बनाकर जनता को परेशान करना जानती है. किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही हमारी मांगे नहीं मानी तो ये आंदोलन और भी तेज होगा.

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