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भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों का विरोध जारी, मुआवजा बढ़ोतरी की कर रहे मांग

कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ-साथ रेलवे कॉरिडोर के भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों ने सरकार से मुआवजा बढ़ोतरी की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने खरखोदा एसडीएम कार्यालय का घेराव भी किया है.

farmers protest in Sonipat
farmers protest in Sonipat
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Published : Feb 28, 2023, 4:50 PM IST

सोनीपत: हरियाणा सरकार ने पिछले साल कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ-साथ रेलवे कॉरिडोर बनाने की घोषणा की थी, जिसको लेकर हरियाणा सरकार ने भूमि अधिग्रहण का कार्य भी शुरू कर दिया है और इस भूमि अधिग्रहण में किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है उसका किसान लगातार विरोध कर रहे हैं. पिछले दिनों किसानों ने सोनीपत के पिपली टोल पर एक महापंचायत की थी. जिसमें किसानों ने फैसला लिया था कि एसडीएम खरखोदा कार्यालय का घेराव करेंगे. मंगलवार को किसानों ने पिपली टोल से लेकर ट्रैक्टर मार्च शुरू किया.

ये मार्च खरखौदा शहर से होते एसडीएम कार्यालय तक किया गया. और सरकार को मुआवजे में बढ़ोतरी को लेकर चेताया. किसानों ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो वो एक बार फिर सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे.हरियाणा में किसान लगातार सरकार के खिलाफ अपना विरोध अलग-अलग मसलों को लेकर जता रहे हैं. मंगलवार को सोनीपत के खरखोदा एसडीएम कार्यालय के बाहर सैकड़ों की संख्या में किसान खरखोदा शहर से ट्रैक्टर मार्च करते हुए पहुंचे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

बता दें कि हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार मिलकर कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ-साथ रेलवे कॉरिडोर बना रही है और उसके लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य जोरों पर है. लेकिन किसान सरकार के खिलाफ इसलिए मोर्चा खोले हुए हैं क्योंकि किसान सरकार से कलेक्ट्रेट से दो गुना मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं. सरकार केएमपी को नेशनल हाईवे का दर्जा नहीं दे रही है इस पर किसान यह कह रहे हैं कि पहले तो केएमपी को नेशनल हाईवे का दर्जा दिया जाए और फिर कलेक्ट्रेट से उनको दोगुना मुआवजा दिया जाए.

वहीं साथ-साथ 2013 भूमि अधिग्रहण कानून के तहत सरकार को कलेक्ट्रेट से 4 गुना मुआवजा किसानों को देना चाहिए, किसानों ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वो रेलवे कॉरिडोर का निर्माण नहीं होने देंगे. इस किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ व राजेश सरोहा ने कहा कि हम सरकार के विकास कार्यों में कोई भी बाधा नहीं डाल रहे हैं, लेकिन सरकार कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे को नेशनल हाईवे का दर्जा नहीं दे रही है और इस एक्सप्रेस-वे पर नेशनल हाईवे की दरों से टोल वसूला जा रहा है.

यह भी पढ़ें-हरियाणा में आधी रात में किसानों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की, कई किसान घायल

अगर सरकार किसानों को मुआवजा बढ़ाकर नहीं देगी तो सरकार के खिलाफ उनका यह आंदोलन लगातार जारी रहेगा. सरकार ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आय को दोगुना कर दिया जाएगा लेकिन सरकार किसानों की आय को दोगुना तो नहीं कर पाई लेकिन किसानों की आत्महत्या में इजाफा हुआ है. किसानों का कहना है कि हम लगातार सरकार को चेता रहे हैं लेकिन सरकार हमारी मांगे नहीं मान रही है. किसानों का कहना है कि 16 जनवरी से जो हमारा सिरसा में धरना चल रहा है हमारे बुजुर्ग से स्वतंत्रता सेनानियों को आज प्रशासन ने जबरदस्ती उठाकर सिविल हॉस्पिटल में भेज दिया. आमरण अनशन करने वाले स्वतंत्रता सेनानी को जल्द से जल्द रिहा किया जाए और उन्हें धरना स्थल पर भेजा जाए अन्यथा हम सरकार के खिलाफ कोई बड़ा एक्शन ले सकते हैं.

सोनीपत: हरियाणा सरकार ने पिछले साल कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ-साथ रेलवे कॉरिडोर बनाने की घोषणा की थी, जिसको लेकर हरियाणा सरकार ने भूमि अधिग्रहण का कार्य भी शुरू कर दिया है और इस भूमि अधिग्रहण में किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है उसका किसान लगातार विरोध कर रहे हैं. पिछले दिनों किसानों ने सोनीपत के पिपली टोल पर एक महापंचायत की थी. जिसमें किसानों ने फैसला लिया था कि एसडीएम खरखोदा कार्यालय का घेराव करेंगे. मंगलवार को किसानों ने पिपली टोल से लेकर ट्रैक्टर मार्च शुरू किया.

ये मार्च खरखौदा शहर से होते एसडीएम कार्यालय तक किया गया. और सरकार को मुआवजे में बढ़ोतरी को लेकर चेताया. किसानों ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो वो एक बार फिर सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे.हरियाणा में किसान लगातार सरकार के खिलाफ अपना विरोध अलग-अलग मसलों को लेकर जता रहे हैं. मंगलवार को सोनीपत के खरखोदा एसडीएम कार्यालय के बाहर सैकड़ों की संख्या में किसान खरखोदा शहर से ट्रैक्टर मार्च करते हुए पहुंचे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

बता दें कि हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार मिलकर कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ-साथ रेलवे कॉरिडोर बना रही है और उसके लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य जोरों पर है. लेकिन किसान सरकार के खिलाफ इसलिए मोर्चा खोले हुए हैं क्योंकि किसान सरकार से कलेक्ट्रेट से दो गुना मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं. सरकार केएमपी को नेशनल हाईवे का दर्जा नहीं दे रही है इस पर किसान यह कह रहे हैं कि पहले तो केएमपी को नेशनल हाईवे का दर्जा दिया जाए और फिर कलेक्ट्रेट से उनको दोगुना मुआवजा दिया जाए.

वहीं साथ-साथ 2013 भूमि अधिग्रहण कानून के तहत सरकार को कलेक्ट्रेट से 4 गुना मुआवजा किसानों को देना चाहिए, किसानों ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वो रेलवे कॉरिडोर का निर्माण नहीं होने देंगे. इस किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ व राजेश सरोहा ने कहा कि हम सरकार के विकास कार्यों में कोई भी बाधा नहीं डाल रहे हैं, लेकिन सरकार कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे को नेशनल हाईवे का दर्जा नहीं दे रही है और इस एक्सप्रेस-वे पर नेशनल हाईवे की दरों से टोल वसूला जा रहा है.

यह भी पढ़ें-हरियाणा में आधी रात में किसानों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की, कई किसान घायल

अगर सरकार किसानों को मुआवजा बढ़ाकर नहीं देगी तो सरकार के खिलाफ उनका यह आंदोलन लगातार जारी रहेगा. सरकार ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आय को दोगुना कर दिया जाएगा लेकिन सरकार किसानों की आय को दोगुना तो नहीं कर पाई लेकिन किसानों की आत्महत्या में इजाफा हुआ है. किसानों का कहना है कि हम लगातार सरकार को चेता रहे हैं लेकिन सरकार हमारी मांगे नहीं मान रही है. किसानों का कहना है कि 16 जनवरी से जो हमारा सिरसा में धरना चल रहा है हमारे बुजुर्ग से स्वतंत्रता सेनानियों को आज प्रशासन ने जबरदस्ती उठाकर सिविल हॉस्पिटल में भेज दिया. आमरण अनशन करने वाले स्वतंत्रता सेनानी को जल्द से जल्द रिहा किया जाए और उन्हें धरना स्थल पर भेजा जाए अन्यथा हम सरकार के खिलाफ कोई बड़ा एक्शन ले सकते हैं.

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