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Samyukt Kisan Morcha meeting: सरकार के ऐलान पर अभी नहीं लिया कोई फैसला, 27 नवंबर को होगी अगली बैठक - सिंघु बॉर्डर

प्रधानमंत्री के कृषि कानून वापस लेने (Farm laws withdrawal) के फैसले के संबंध में रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक (Samyukt Kisan Morcha meeting) हुई. इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की औपचारिक घोषणा करने तक किसान आंदोलन जारी रखने का फैसला लिया है. आगामी 27 नवंबर को फिर से संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग होगी.

Samyukt Kisan Morcha meeting
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Published : Nov 21, 2021, 4:00 PM IST

Updated : Nov 21, 2021, 4:45 PM IST

सोनीपत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानून वापस (Farm laws withdrawal) लेने का ऐलान किया था. साथ ही पीएम मोदी ने दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों से आंदोलन खत्म कर घर लौटने की अपील भी की थी. जिसके बाद आंदोलनरत किसानों और उनके परिवारों में खुशियों का माहौल छा गया. हालांकि पीएम मोदी के ऐलान के बाद भी किसान आंदोलन जारी रहा. जिसके चलते किसानों ने आंदोलन के भविष्य की रणनीति को लेकर सिंघु बॉर्डर पर एक बैठक (Samyukt Kisan Morcha meeting) का आयोजन किया.

इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा सहित कई किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, लेकिन किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत बैठक में शामिल नहीं हुए. मिली जानकारी के मुताबिक राकेश टिकैत लखनऊ में आयोजित महापंचायत में शामिल होने जाएंगे. इसकी वजह से वे एसकेएम की इस बैठक में शामिल नहीं हुए. किसान संगठनों ने बैठक में किसान आंदोलन की आगे की रूपरेखा तय करने संबंधी चर्चा की. इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ कर दिया है कि कृषि कानून को वापस करने के औपचारिक फैसले आने और कानूनों को रद्द करने संबंधी नॉटिफिकेशन जारी कर इसे सार्वजनिक नहीं करने तक किसान आंदोलन खत्म नहीं होने वाला है.

सरकार के ऐलान पर अभी नहीं लिया कोई फैसला, 27 नवंबर को होगी अगली बैठक

ये भी पढ़ें- संयुक्त किसान मोर्चा कोर कमेटी की बैठक में हुआ फैसला, '29 नवंबर को संसद कूच होगा'

साथ ही इस बैठक में पहले से तय कार्यक्रमों को नीयत रूप से करने का फैसला किया गया है. गौरतलब है कि बैठक में कल यानि 22 नवंबर को लखनऊ में होने जा रही महापंचायत को भी अपने निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक करने का फैसला लिया गया है. साथ ही 29 नवंबर को संसद की ओर कूच (farmer parliament march) करने के कार्यक्रम पर 27 नवंबर को होने वाली बैठक में फैसला लेने की बात कही गई.

बैठक के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमने मीटिंग में तय किया है कि जो कार्यक्रम संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले तय किए थे वे आगे भी जारी रहेंगे. 27 नवंबर को फिर से संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग होगी. जो मांगे बाकी रह गई है उसके बारे में पीएम मोदी को पत्र (letter to PM Modi) लिखा जाएगा. हम लखमीपुर खीरी घटना के लिए मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने के लिए भी पीएम को पत्र लिखेंगे. उन्होंने कहा कि एमएसपी की गारंटी का कानून, पराली बिल व बिजली बिल में संशोधन को लेकर भी सरकार को एक खुली चिट्ठी लिखी जाएगी और किसानों पर जो किसान आंदोलन के दौरान मुकदमे दर्ज हुए उनको वापस लेने के लिए सरकार के साथ हम बातचीत करने के लिए तैयार हैं.

ये भी पढ़ें- आंदोलन के दौरान मृत किसानों के परिवारों को देंगे 3-3 लाख की सहायता : KCR

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने शुक्रवार को देश के नाम संबोधन करते हुए कहा था कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानून वापस लेने का फैसला (Farm Laws Repealed) किया है.

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सोनीपत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानून वापस (Farm laws withdrawal) लेने का ऐलान किया था. साथ ही पीएम मोदी ने दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों से आंदोलन खत्म कर घर लौटने की अपील भी की थी. जिसके बाद आंदोलनरत किसानों और उनके परिवारों में खुशियों का माहौल छा गया. हालांकि पीएम मोदी के ऐलान के बाद भी किसान आंदोलन जारी रहा. जिसके चलते किसानों ने आंदोलन के भविष्य की रणनीति को लेकर सिंघु बॉर्डर पर एक बैठक (Samyukt Kisan Morcha meeting) का आयोजन किया.

इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा सहित कई किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, लेकिन किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत बैठक में शामिल नहीं हुए. मिली जानकारी के मुताबिक राकेश टिकैत लखनऊ में आयोजित महापंचायत में शामिल होने जाएंगे. इसकी वजह से वे एसकेएम की इस बैठक में शामिल नहीं हुए. किसान संगठनों ने बैठक में किसान आंदोलन की आगे की रूपरेखा तय करने संबंधी चर्चा की. इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ कर दिया है कि कृषि कानून को वापस करने के औपचारिक फैसले आने और कानूनों को रद्द करने संबंधी नॉटिफिकेशन जारी कर इसे सार्वजनिक नहीं करने तक किसान आंदोलन खत्म नहीं होने वाला है.

सरकार के ऐलान पर अभी नहीं लिया कोई फैसला, 27 नवंबर को होगी अगली बैठक

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साथ ही इस बैठक में पहले से तय कार्यक्रमों को नीयत रूप से करने का फैसला किया गया है. गौरतलब है कि बैठक में कल यानि 22 नवंबर को लखनऊ में होने जा रही महापंचायत को भी अपने निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक करने का फैसला लिया गया है. साथ ही 29 नवंबर को संसद की ओर कूच (farmer parliament march) करने के कार्यक्रम पर 27 नवंबर को होने वाली बैठक में फैसला लेने की बात कही गई.

बैठक के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमने मीटिंग में तय किया है कि जो कार्यक्रम संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले तय किए थे वे आगे भी जारी रहेंगे. 27 नवंबर को फिर से संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग होगी. जो मांगे बाकी रह गई है उसके बारे में पीएम मोदी को पत्र (letter to PM Modi) लिखा जाएगा. हम लखमीपुर खीरी घटना के लिए मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने के लिए भी पीएम को पत्र लिखेंगे. उन्होंने कहा कि एमएसपी की गारंटी का कानून, पराली बिल व बिजली बिल में संशोधन को लेकर भी सरकार को एक खुली चिट्ठी लिखी जाएगी और किसानों पर जो किसान आंदोलन के दौरान मुकदमे दर्ज हुए उनको वापस लेने के लिए सरकार के साथ हम बातचीत करने के लिए तैयार हैं.

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गौरतलब है कि पीएम मोदी ने शुक्रवार को देश के नाम संबोधन करते हुए कहा था कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानून वापस लेने का फैसला (Farm Laws Repealed) किया है.

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Last Updated : Nov 21, 2021, 4:45 PM IST
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