सोनीपत: कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) की बैठक शुरू हो चुकी है. इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा द्वार गठित पांच सदस्यीय कमेटी के सदस्य- किसान नेता अशोक धावले, युद्धवीर सिंह, शिवकुमार कक्का, गुरनाम सिंह चढूनी, बलबीर सिंह राजेवाल भी बैठक में हिस्सा लेने के लिए सोनीपत-कुंडली बॉर्डर पर पहुंचे हैं. सूत्रों से पता चला है कि हरियाणा के संगठनों ने अब आंदोलन को खत्म करने की सहमति जताई है. सरकार ने किसान नेताओं को संशोधित ड्राफ्ट भेज कर सभी मांगें मान ली हैं.
सरकार ने किसान आन्दोलन के दौरान अलग अलग राज्यों में हुई एफआईआर को तुरंत प्रभाव से रद्द करने की बात मान ली है. साथ ही एमएसपी पर बनने वाली कमेटी पर भी मोर्चा के प्रतिनिधि ही रहें इस पर भी सहमति बन गई है. इलेक्ट्रिसिटी बिल पर भी मोर्चा प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद ही इसे संसद में पेश किया जाएगा. साथ ही मुआवजे पर भी हरियाणा, यूपी तैयार हैं. हालांकि किसानों की मांग है कि पंजाब की तर्ज पर मुआवजा दिया जाए.
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बुलाई गई इस बैठक से पहले किसान नेता अशोक धावले ने कहा कि आज सरकार का संशोधित ड्राफ्ट हमें मिला है. कुछ मांगों पर सरकार प्रगति की और बढ़ी है. इसके साथ ही अशोक धावले ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में पूरे मामले पर विचार विमर्श किया जाएगा. उसके बाद ही किसी नए निष्कर्ष पर पहुंचा जाएगा और आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की बीते दिन भी बैठक हुई थी. संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को आंदोलन को समाप्त करने का अनुरोध करने वाले सरकार के प्रस्ताव का जवाब दिया है, जिसमें कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया. संगठन ने कहा कि उसने किसानों पर दर्ज फर्जी मामले वापस लेने के लिये आंदोलन समाप्त करने की सरकार की पूर्व शर्त पर भी स्पष्टीकरण मांगा है.
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वहीं किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार ने एक प्रस्ताव भेजा है, उस पर चर्चा हुई और संयुक्त किसान मोर्चा के सभी सदस्यों के सामने पेश किया गया. उन्होंने कहा कि सरकार के प्रस्ताव में कहा गया है कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग पर एक समिति का गठन करेगी और इस समिति में एसकेएम के बाहर के किसान संगठन, सरकारी अधिकारी और राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
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