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थैले पर बाहर पीएम-सीएम की फोटो और अंदर सड़ा हुआ अनाज, ये है पीएम अन्न योजना की हकीकत!

भारतीय जनता पार्टी की सरकार हरियाणा में अन्न उत्सव (food festival) मना रही है जिसके तहत लोगों को गेहूं और चावल के थैले दिए जा रहे हैं, लेकिन इन थैलों ने कई तरह के विवाद खड़े कर दिए हैं.

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Published : Aug 19, 2021, 7:45 PM IST

गोहानाः गांव कथूरा में अन्नपूर्णा उत्सव के तहत राशन डिपो पर गरीबों को गेहूं और चावल के थैले बांटे गए, लेकिन यहां विवाद हो गया, जब लोगों ने ये थैले खोले तो अंदर सड़ा हुआ अनाज (rotten grain) निकला. ये देखकर लोग भड़क गए उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे थैलों की जरूरत नहीं है, बल्कि गुणवत्ता वाला अनाज चाहिए. सड़े हुए गेहूं वितरण की सूचना खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के डीएफसी सुरेंद्र अरोड़ा को जब दी गई तो वो मौके पर पहुंचे और जांच के आदेश दिए. इसके अलावा उन्होंने खराब गेहूं बदलवाने का आश्वासन भी ग्राहकों को दिया.

दरअसल हरियाणा सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Prime Minister Garib Kalyan Anna Yojana) के तहत प्रदेश के 11 लाख 41 हजार गरीब परिवारों को नॉन वुवेन फैब्रिक थैले में राशन वितरित कर रही है. हरियाणा सरकार ने राज्य के 10 हजार सरकारी राशन डिपो पर 18 और 19 अगस्त को अन्न उत्सव कार्यक्रम किए जाने का निर्णय लिया था. इसी कार्यक्रम के तहत गोहाना के कथूरा गांव में भी अनाज बांटा जा रहा था जो सड़ा हुआ निकला. लोगों ने अपने-अपने थैले खोलकर दिखाया कि किस तरीके का आनाज इन थैलों में भरा गया था.

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सड़ा हुआ अनाज दिखाती महिलाएं

डीएफसी सुरेंद्र अरोड़ा ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी और पता लगाया जाएगा कि किस स्तर पर लापरवाही हुई है. इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. गोहाना में 18-19 अगस्त यानि दो दिन में करीब 19 हजार लोगों को अन्न उत्सव के तहत अनाज बांटा गया है.

ये भी पढ़ेंः हरियाणा में एक फिर आमने-सामने हुए किसान और जवान, देखें झड़प का वीडियो

आपको ये भी बताते चलें कि इस कार्यक्रम का किसान भी जगह-जगह विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि हम इस योजना का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि अनाज के थैले पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के फोटो का विरोध कर रहे हैं. इस विरोध में किसानों ने प्रदेश के कई हिस्सों में थैले जलाकर प्रदर्शन किया है.

गोहानाः गांव कथूरा में अन्नपूर्णा उत्सव के तहत राशन डिपो पर गरीबों को गेहूं और चावल के थैले बांटे गए, लेकिन यहां विवाद हो गया, जब लोगों ने ये थैले खोले तो अंदर सड़ा हुआ अनाज (rotten grain) निकला. ये देखकर लोग भड़क गए उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे थैलों की जरूरत नहीं है, बल्कि गुणवत्ता वाला अनाज चाहिए. सड़े हुए गेहूं वितरण की सूचना खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के डीएफसी सुरेंद्र अरोड़ा को जब दी गई तो वो मौके पर पहुंचे और जांच के आदेश दिए. इसके अलावा उन्होंने खराब गेहूं बदलवाने का आश्वासन भी ग्राहकों को दिया.

दरअसल हरियाणा सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Prime Minister Garib Kalyan Anna Yojana) के तहत प्रदेश के 11 लाख 41 हजार गरीब परिवारों को नॉन वुवेन फैब्रिक थैले में राशन वितरित कर रही है. हरियाणा सरकार ने राज्य के 10 हजार सरकारी राशन डिपो पर 18 और 19 अगस्त को अन्न उत्सव कार्यक्रम किए जाने का निर्णय लिया था. इसी कार्यक्रम के तहत गोहाना के कथूरा गांव में भी अनाज बांटा जा रहा था जो सड़ा हुआ निकला. लोगों ने अपने-अपने थैले खोलकर दिखाया कि किस तरीके का आनाज इन थैलों में भरा गया था.

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सड़ा हुआ अनाज दिखाती महिलाएं

डीएफसी सुरेंद्र अरोड़ा ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी और पता लगाया जाएगा कि किस स्तर पर लापरवाही हुई है. इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. गोहाना में 18-19 अगस्त यानि दो दिन में करीब 19 हजार लोगों को अन्न उत्सव के तहत अनाज बांटा गया है.

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आपको ये भी बताते चलें कि इस कार्यक्रम का किसान भी जगह-जगह विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि हम इस योजना का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि अनाज के थैले पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के फोटो का विरोध कर रहे हैं. इस विरोध में किसानों ने प्रदेश के कई हिस्सों में थैले जलाकर प्रदर्शन किया है.

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