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गोहाना में लाखों रुपये से बनाया गया रैन बसेरा रियलिटी चेक में हुआ फेल

जिला प्रशासन और नगर निगम हर साल रैन बसेरों को लेकर बड़े-बड़े दावे करता है. इन्हीं दावों की जमीनी हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने गोहाना के मदन लाल ढींगरा पार्क में बने रैन बसेरे का दौरा करके वहां किए गए इंतजामों का जायजा लिया.

shelter homes of gohana
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Published : Jan 5, 2021, 7:21 AM IST

सोनीपत: गोहाना में नगर परिषद द्वारा मदन लाल ढींगरा पार्क में लाखों रुपये की लागत से बनाए गए रैन बसेरे में हालात ठीक नहीं है. यहां चार व्यक्तियों के ही रुकने की व्यवस्था की गई है.

ईटीवी भारत की टीम ने रैन बसेरे का रियलिटी चेक किया तो उसमें प्रशासन की तरफ से सिर्फ चार गद्दे और दो कंबल ही मिले. ड्यूटी पर नगर परिषद कर्मचारी की जगह वृद्ध आश्रम का एक सेवक मिला. कहीं ना कहीं नगर परिषद के अधिकारी इसमें भी गोलमोल करते हुए नजर आ रहे हैं.

गोहाना में लाखों रुपये से बनाया गया रैन बसेरा रियलिटी चेक में हुआ फेल

बता दें कि, मदन लाल ढींगरा पार्क में रैन बसेरा कुछ दिन पहले ही लाखों रुपये की लागत से बनाया गया था. जिसमें करीब 70 से 90 व्यक्तियों के रुकने की व्यवस्था की बात कही गई थी, लेकिन प्रशासन की तरफ से इसमें कोई व्यवस्था नहीं की गई.

ये भी पढ़ें- धूल फांक रहा रैन बसेरा, गरीब और असहायों के लिए ये कैसी व्यवस्था?

रैन बसेरे में काम कर रहे व्यक्ति ने बताया कि मैं तो नीचे वृद्धाश्रम में काम करता हूं. यहां पर नगर परिषद की तरफ से कोई भी कर्मचारी नहीं है. रुकने के लिए लोग आते हैं. कभी-कभी नगर परिषद के कर्मचारी भी यही रुकते हैं.

सोनीपत: गोहाना में नगर परिषद द्वारा मदन लाल ढींगरा पार्क में लाखों रुपये की लागत से बनाए गए रैन बसेरे में हालात ठीक नहीं है. यहां चार व्यक्तियों के ही रुकने की व्यवस्था की गई है.

ईटीवी भारत की टीम ने रैन बसेरे का रियलिटी चेक किया तो उसमें प्रशासन की तरफ से सिर्फ चार गद्दे और दो कंबल ही मिले. ड्यूटी पर नगर परिषद कर्मचारी की जगह वृद्ध आश्रम का एक सेवक मिला. कहीं ना कहीं नगर परिषद के अधिकारी इसमें भी गोलमोल करते हुए नजर आ रहे हैं.

गोहाना में लाखों रुपये से बनाया गया रैन बसेरा रियलिटी चेक में हुआ फेल

बता दें कि, मदन लाल ढींगरा पार्क में रैन बसेरा कुछ दिन पहले ही लाखों रुपये की लागत से बनाया गया था. जिसमें करीब 70 से 90 व्यक्तियों के रुकने की व्यवस्था की बात कही गई थी, लेकिन प्रशासन की तरफ से इसमें कोई व्यवस्था नहीं की गई.

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रैन बसेरे में काम कर रहे व्यक्ति ने बताया कि मैं तो नीचे वृद्धाश्रम में काम करता हूं. यहां पर नगर परिषद की तरफ से कोई भी कर्मचारी नहीं है. रुकने के लिए लोग आते हैं. कभी-कभी नगर परिषद के कर्मचारी भी यही रुकते हैं.

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