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बरोदा उपचुनाव का सियासी पारा चरम पर, जानिए कैसा रहा शुक्रवार का दिन?

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Published : Oct 2, 2020, 11:03 PM IST

एक ओर कृषि कानून पर विरोध तो वहीं दूसरी ओर हाथरस कांड, इन सबके बीच बरोदा उपचुनाव में कौन किस पर भारी पड़ रहा है. ये कहना जरा मुश्किल है. क्योंकि अभी तक किसी पार्टी ने अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान भी नहीं किया है.

preparation of political parties for baroda by election 2 october
बरोदा उपचुनाव का सियासी पारा चरम पर, जाने कैसा रहा आज का दिन?

चंडीगढ़/सोनीपत: बरोदा उपचुनाव को लेकर तारीखों के ऐलान के बाद से प्रदेश में सियासी पारा गर्माता जा रहा है. सभी पार्टियों के नेता लगातार एक के बाद एक बैठकें और रैलियां कर रहे हैं. इस सीट पर कांग्रेस के पास कृषि कानून, बर्खास्त पीटीआई, शराब घोटाला जैसे तमाम मुद्दे हैं, तो वहीं सरकार के पास विकास का मुद्दा है. कौन सा मुद्दा किस पर भारी पड़ेगा. अभी ये कहना मुश्किल है. फिलहाल हम शुक्रवार के चुनावी क्रम पर नजर डालते हैं.

किसान आंदोलन और हाथरस कांड के बीच शुक्रवार को बरोदा विधानसभा क्षेत्र में नेताओं की ज्यादा भीड़ नहीं दिखी. शुक्रवार को राई विधायक और सोनीपत जिला अध्यक्ष मोहनलाल बडोली ने चुनाव को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और उनकी ड्यूटियां निर्धारित की.

बरोदा उपचुनाव का सियासी पारा चरम पर, जाने कैसा रहा आज का दिन?

वहीं कांग्रेस पार्टी भी चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयारियों में जुटी हुई है. कांग्रेस पार्टी उपचुनाव में उम्मीदवार और उपचुनाव की तैयारियों को लेकर दिल्ली में 3 अक्टूबर को बैठक करेगी. इस बैठक में हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक मौजूद रहेंगे. कांग्रेस की ओर से पहले ही बरोदा उप चुनाव के लिए टिकट पाने के इच्छुक दावेदारों को 6 अक्टूबर तक हरियाणा कांग्रेस के दिल्ली कैंप ऑफिस में आवेदन देने को कहा है.

ये भी पढ़ें:-शनिवार को होगी हरियाणा कांग्रेस की बैठक, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

बता दें कि पूरे देश में 56 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इनमें से एक सीट हरियाणा की है. हरियाणा में बरोदा सीट पर उपचुनाव होने हैं. यहां से विधायक श्री कृष्ण हुड्डा की मौत हो गई थी. उनकी सीट खाली होने पर यहां उपचुनाव हो रहा है. इस सीट पर 3 नवंबर को वोटिंग होगी और 10 नवंबर को परिणाम आएंगे. सियासी दावों और वादों के बीच किस के सिर पर ताज सजेगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

चंडीगढ़/सोनीपत: बरोदा उपचुनाव को लेकर तारीखों के ऐलान के बाद से प्रदेश में सियासी पारा गर्माता जा रहा है. सभी पार्टियों के नेता लगातार एक के बाद एक बैठकें और रैलियां कर रहे हैं. इस सीट पर कांग्रेस के पास कृषि कानून, बर्खास्त पीटीआई, शराब घोटाला जैसे तमाम मुद्दे हैं, तो वहीं सरकार के पास विकास का मुद्दा है. कौन सा मुद्दा किस पर भारी पड़ेगा. अभी ये कहना मुश्किल है. फिलहाल हम शुक्रवार के चुनावी क्रम पर नजर डालते हैं.

किसान आंदोलन और हाथरस कांड के बीच शुक्रवार को बरोदा विधानसभा क्षेत्र में नेताओं की ज्यादा भीड़ नहीं दिखी. शुक्रवार को राई विधायक और सोनीपत जिला अध्यक्ष मोहनलाल बडोली ने चुनाव को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और उनकी ड्यूटियां निर्धारित की.

बरोदा उपचुनाव का सियासी पारा चरम पर, जाने कैसा रहा आज का दिन?

वहीं कांग्रेस पार्टी भी चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयारियों में जुटी हुई है. कांग्रेस पार्टी उपचुनाव में उम्मीदवार और उपचुनाव की तैयारियों को लेकर दिल्ली में 3 अक्टूबर को बैठक करेगी. इस बैठक में हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक मौजूद रहेंगे. कांग्रेस की ओर से पहले ही बरोदा उप चुनाव के लिए टिकट पाने के इच्छुक दावेदारों को 6 अक्टूबर तक हरियाणा कांग्रेस के दिल्ली कैंप ऑफिस में आवेदन देने को कहा है.

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बता दें कि पूरे देश में 56 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इनमें से एक सीट हरियाणा की है. हरियाणा में बरोदा सीट पर उपचुनाव होने हैं. यहां से विधायक श्री कृष्ण हुड्डा की मौत हो गई थी. उनकी सीट खाली होने पर यहां उपचुनाव हो रहा है. इस सीट पर 3 नवंबर को वोटिंग होगी और 10 नवंबर को परिणाम आएंगे. सियासी दावों और वादों के बीच किस के सिर पर ताज सजेगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

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