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गोहाना में खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण, लोगों को हो रही परेशानी - गोहाना की हवा में जहरीली हवा

गोहाना में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.

गोहाना में खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण
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Published : Oct 30, 2019, 1:43 PM IST

सोनीपत: गोहाना में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. दिवाली में पटाखे जलाने से प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है. जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी होती रही है और आंखों में जलन की समस्या भी लोग काफी जूझ रहे हैं. दिवाली वाले दिन औसत एक्यूआई 300 के पार रहा तो इसमें सोमवार और मंगलवार के दिन भी ज्यादा गिरावट नहीं रही और यह 250 के पार तक रहा. जबकि हवा का एक्यूआई 100 माइक्रोग्राम प्रति मीट्रिक क्यूब तक होना चाहिए.

जमकर हुई आतिशबाजी
दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के दिशा-निर्देशों की परवाह नहीं करते हुए लोगों ने जमकर पटाखे छोड़े. वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ ग्रीन पटाखों की अनुमति दी थी, लेकिन दिवाली के दिन लोगों ने जमकर सामान्य पटाखे छोड़े। जिससे प्रदेश की हवा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई. दिवाली पर छह बजे से देर रात दो बजे तक पटाखे छूटते रहे.

जानें गोहाना में कैसा है वातावरण

प्रदेश के प्रमुख शहरों में दिवाली के एक दिन बाद की स्थिति

जिला एक्यूआई
अंबाला 385
भिवानी 377
फरीदाबाद 358
गुरुग्राम 373
हिसार 370
जींद 373
कुरुक्षेत्र 392
नारनौल 342
पानीपत 366
रोहतक 329
सिरसा 392
यमुनानगर 342

एक्यूआई का यह है पैमाना

51-100 संतोषजनक
101-200 ठीक-ठाक
201-300 खराब
301-400 बहुत खराब
401-500 भीषण

ये भी पढ़ें: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट जारी, देश के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 11 हरियाणा के

सोनीपत: गोहाना में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. दिवाली में पटाखे जलाने से प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है. जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी होती रही है और आंखों में जलन की समस्या भी लोग काफी जूझ रहे हैं. दिवाली वाले दिन औसत एक्यूआई 300 के पार रहा तो इसमें सोमवार और मंगलवार के दिन भी ज्यादा गिरावट नहीं रही और यह 250 के पार तक रहा. जबकि हवा का एक्यूआई 100 माइक्रोग्राम प्रति मीट्रिक क्यूब तक होना चाहिए.

जमकर हुई आतिशबाजी
दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के दिशा-निर्देशों की परवाह नहीं करते हुए लोगों ने जमकर पटाखे छोड़े. वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ ग्रीन पटाखों की अनुमति दी थी, लेकिन दिवाली के दिन लोगों ने जमकर सामान्य पटाखे छोड़े। जिससे प्रदेश की हवा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई. दिवाली पर छह बजे से देर रात दो बजे तक पटाखे छूटते रहे.

जानें गोहाना में कैसा है वातावरण

प्रदेश के प्रमुख शहरों में दिवाली के एक दिन बाद की स्थिति

जिला एक्यूआई
अंबाला 385
भिवानी 377
फरीदाबाद 358
गुरुग्राम 373
हिसार 370
जींद 373
कुरुक्षेत्र 392
नारनौल 342
पानीपत 366
रोहतक 329
सिरसा 392
यमुनानगर 342

एक्यूआई का यह है पैमाना

51-100 संतोषजनक
101-200 ठीक-ठाक
201-300 खराब
301-400 बहुत खराब
401-500 भीषण

ये भी पढ़ें: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट जारी, देश के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 11 हरियाणा के

Intro:GOHANA NEWSBody:गोहाना में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। जो अभी तक खराब स्तर तक पहुंच चुका है ।लेकिन दिवाली में पटाखे चलने से प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी होती रही और आंखों में जलन की समस्या भी लोग काफी झेल रहे हैं। दिवाली वाले दिन औसत एक्यूआई 300 के पार रहा तो इसमें सोमवार व मंगलवार के दिन भी ज्यादा गिरावट नहीं रही और यह 250 के पार तक रहा, जबकि हवा का एक्यूआई (एअर क्वालिटी इंडेक्स) 100 माइक्रोग्राम प्रति मीट्रिक क्यूब तक होना चाहिए। जिले में अक्तूबर के आखिरी दिनों में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा था। इस कारण ही लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हो रहे थे, लेकिन कई दिन से प्रदूषण का स्तर कम हो रहा था और लोगों को कुछ राहत मिलनी शुरू हो गई थी। वहीं दिवाली के कारण हवा में प्रदूषण के हालात एक बार फिर से बिगड़ गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भले ही दिवाली पर पटाखे चलाने का समय 8-10 बजे तक निर्धारित किया था, लेकिन उसके बावजूद देर रात तक आतिशबाजी होती रही। जिनसे निकलने वाले धुएं से खूब वायु प्रदूषण हुआ।पटाखे चलाने के साथ खूब दौड़ाए वाहन प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से जांच की जाती है। कि उसमें पीएम (परटिक्यूलेट मैटर) 2.5 व पीएम 10 कितना है। उनका पता करने के बाद दोनों का औसत निकाला जाता है, जिसे औसत एक्यूआई (एअर क्वालिटी इंडेक्स) कहा जाता है। इस एक्यूआई से ही पता चलता है। कि हवा में कितना प्रदूषण है। इस समय यह एक्यूआई काफी ऊपर पहुंचा हुआ है। इसका बड़ा कारण है। कि दिवाली पर काफी पटाखे चलाए गए और एक-दूसरे के यहां जाने में वाहन भी लोगों ने खूब दौड़ाए है। जबकि यहां फैक्टरियां भी लगातार चलती रहती है। जिनसे लगातार प्रदूषण हो रहा है।सांस की बीमारी का खतरा तो आंखों में रही जलन।Conclusion:
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