सोनीपत: वायु प्रदूषण के मामले में हरियाणा के सोनीपत जिले ने देश की राजधानी दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया है. पूरे हरियाणा में जिला सोनीपत प्रदूषण के मामले में नंबर वन बन गया है. फिलहाल सोनीपत का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 299 पर है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुरथल स्थित एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सेंटर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 299 रिकॉर्ड किया गया.
सोनीपत के अधिकारियों ने एक्यूआइ 299 होने का कारण मुरथल स्थित एयर क्वालिटी मानिटरिंग सेंटर के पीछे पराली में आग लगाए जाने को बताया है. अधिकारियों का कहना है कि लगातार पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई की जा रही है. साथ ही डीजल से चलने वाली फैक्ट्री को भी नोटिस जारी कर दिए गए हैं. वायु की गुणवत्ता 24 घंटे बाद अपने आप सुधर जायेगी.
हरियाणा इन शहरों में एक्यूआई लेवल 200 के पार: आलम यह है कि देश के 10 सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में हरियाणा के 4 शहर शामिल हैं. एक ओर सख्ती के बावजूद प्रदेश में पराली जलाने के मामलों में कमी नहीं आ रही है. वहीं, दूसरी ओर पराली जलाने से प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रदूषण के लेवल भी बढ़ता जा रहा है. सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, कैथल और धारूहेड़ा में एक्यूआई लेवल चिंताजनक है. फरीदाबाद में एक्यूआई लेवल 324, कैथल में 299, सोनीपत में 297, गुरुग्राम में 292 और धारूहेड़ा में एक्यूआई लेवल 229 दर्ज किया गया.
सोनीपत प्रदूषण विभाग के अधिकारी प्रदीप सिंह ने इस मामले पर कहा कि किसानों द्वारा धान की पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. अभी तक हमें सैटेलाइट के माध्यम से 20 लोकेशन और अन्य माध्यमों से 7 लोकेशन मिली है. 10 जगह पर आग नहीं मिली है. 17 लोकेशंस में से दो लोकेशन पर कूड़ा जलाया जा रहा था. जिसके चलते पांच-पांच हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है.
प्रदीप सिंह ने बताया कि 15 लोकेशन पर किसान द्वारा पराली जलाई जा रही थी, जिसमें से 14 किसानों पर जुर्माना किया गया था. जिन्होंने जुर्माना भी भर दिया है. ढाई एकड़ से कम पर ढाई हजार रुपए और एक जगह ढाई एकड़ से ज्यादा पर 5 जुर्माना किया गया है. जिस किसान ने जुर्माना नहीं भरा उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी गई है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स पर वायु गुणवत्ता का मानक हाई होने का कारण मुरथल स्थित एयर क्वालिटी मानिटरिंग सेंटर के पीछे जलाई जाने वाली पराली है. आने वाले 24 घंटे में वायु गुणवत्ता सुधर जाएगी. अभी तक किसी फैक्ट्री पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है जो डीजल की फैक्ट्रियां थी वह सीसीडी मानक पर ही फैक्ट्री चला सकती हैं.