सोनीपत: सोनीपत एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम की कार्रवाई के खिलाफ सोनीपत पटवारी एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. एसोसिएशन शुक्रवार को ब्यूरो द्वारा की गई कार्रवाई का विरोध कर रही है, जिसमें टीम ने पटवारी नवीन को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. पटवारियों का आरोप है कि एंटी करप्शन ब्यूरो के कर्मचारियों ने नवीन को षड़यंत्रपूर्वक फंसाया है.
सोनीपत में एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई का विरोध कर रहे पटवारियों ने सोनीपत लघु सचिवालय पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया. इस दौरान एसोसिएशन की ओर से सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. एसोसिएशन ने दावा किया कि लघु सचिवालय में लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग से यह स्पष्ट हो सकता है. उन्होंने सीसीटीवी फुटेज की जांच की मांग की है.
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एसोसिएशन ने कहा कि अगर नवीन को न्याय नहीं मिला तो वो अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहेंगे. पटवारियों के इस कदम के बाद पटवारखाने में अपने कार्यों को लेकर पहुंचने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, सोनीपत एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने लघु सचिवालय के तहसीलदार कार्यालय के सामने से पटवारी नवीन को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.
पटवारी व कानूनगो एसोसिएशन ने इस कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया है. सोनीपत पटवारी एसोसिएशन के प्रधान जयवीर सिंह का आरोप है कि नवीन को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने फंसाया है. ब्यूरो के कर्मचारियों ने नवीन के जेब में जबरदस्ती रिश्वत के पैसे डालें और बाद में उसके पास से बरामद बता दिए. अगर जिला प्रशासन के अधिकारी इस मामले की अच्छे से पड़ताल करें और लघु सचिवालय में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच करें तो इससे स्पष्ट हो जाएगा कि नवीन को जबरदस्ती फंसाया गया है.
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उन्होंने पटवारी नवीन के खिलाफ कार्रवाई करने पर एसोसिएशन की तरफ से विरोध करने की बात कही है. दूसरी तरफ पटवारियों के अनिश्चितकालीन धरने पर जाने के कारण काम बाधित हो गया है. कागजात प्रमाणित करने आने वाले छात्र-छात्राओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बड़ी संख्या में दस्तावेज प्रमाणित करने पहुंचे छात्र-छात्राओं को भी शुक्रवार को परेशानी का सामना करना पड़ा, जब पटवारियों ने कागजात प्रमाणित करने से इनकार कर दिया. दरअसल, इन छात्र-छात्राओं की सरकारी नौकरी लग गई है और उन्हें दस्तावेज सत्यापन कराने जरूरी है. जबकि पटवारियों ने किसी भी काम को करने से इनकार कर दिया है.