सोनीपत: कोरोना संकट के बीच भारत में तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों ने आमजन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. रोजाना पेट्रोल के दाम में इजाफा हो रहा है. पेट्रोल और डीजल की महंगाई का सिलसिला गुरुवार को 12वें दिन भी जारी रहा. गुरुवार को पेट्रोल 53 पैसे महंगा हुआ तो वहीं डीजल की कीमत में 64 पैसे का इजाफा हुआ है.
गोहाना में बढ़ते दामों के खिलाफ जन संघर्ष मंच और समता मुल्क महिला संगठन ने मिलकर पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी के विरोध में प्रदर्शन किया. संगठन ने पेट्रोल और डीजल के इलावा रसोई गैस के दामों को कम करने की मांग की. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा आज कोरोना महामारी के दौरान पहले ही 10 करोड़ श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं.
एक तिहाई सूक्ष्म, लघु उधोग और मध्यम उद्योगिक प्रतिष्ठान बंद हो गए है. उन्होंने कहा कि दुकानदारों के पास काम नहीं है और ऊपर से लगातार पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों की वजह से महंगाई बढ़ती जा रही है. जहां लोगों को सरकार से उम्मीद थी कि विश्व बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई भारी कमी से उन्हें कुछ राहत मिलेगी, लेकिन इस महामारी के दौरान सरकार राहत देने की बजाय पेट्रोल डीजल बढ़ोतरी कर लोगों की कमर तोड़ दी.
ये भी पढ़ें-हरियाणा के सभी जिलों में 'कोविड कवच एलिसा' से करवाया जाएगा सेरो सर्वे- स्वास्थ्य मंत्री
प्रदर्शन कर रहे संगठन ने बड़े हुए पेट्रोल, डीजल के दामों में मांग की है कि डीजल 15 रुपये और पेट्रोल की कीमत 20 रुपये प्रति लीटर किया जाए. इसके अलावा रसोई गैस सिलेंडर को 250 रुपये में मुहैया करवाया जाए. इसके इलावा बसों व रेलों के माल भाड़े आधे की जाए, ताकि बढ़ती महंगाई को कुछ कम किया जा सके.