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गोहाना: फसल खरीद प्रक्रिया की प्रशासन ने नहीं दी व्यापारियों को जानकारी, पहले दिन नहीं हुई खरीदारी - गोहाना अनाज मंडी व्यापारी परेशानी न्यूज

गोहाना में पहले दिन फसल खरीद प्रक्रिया शुरू ही नहीं हुई, व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन ने फसल खरीद करने की प्रक्रिया के बारे में कोई जानकारी ही नहीं दी, वहीं व्यापारियों और किसानों ने दूसरी समस्याओं के बारे में भी चर्चा की.

gohana first day no crop procurement, गोहाना फसल खरीद न्यूज
फसल खरीद प्रक्रिया की प्रशासन ने नहीं दी व्यापारियों को जानकारी
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Published : Apr 1, 2021, 7:30 PM IST

गोहाना: एक अप्रैल से हरियाणा में गेहूं, सरसों की फसल की खरीद शुरू हो चुकी है. ईटीवी भारत की टीम ने गोहाना अनाज मंडी में ग्राउंड रिपोर्ट पर व्यापारियों और किसानों से बात की. इस बातचीत के दौरान व्यापारियों का कहना है कि मंडी के अंदर सफाई तो ठीक-ठाक है, लेकिन सुविधाओं की बात करें तो पानी-पीने के लिए भी कोई सुविधा नहीं है. जैसे ही फसल खरीद शुरू होगी आम जनता को प्रशासन की सुविधा का पता चल जाएगा.

72 घंटे में किसान के खाते में पेमेंट है ड्रामा- व्यापारी

व्यापारियों का कहना है कि गेहूं की फसल की खरीद आज से शुरू हो चुकी है, लेकिन मार्केट कमेटी प्रशासन ने अभी तक खरीद करने के लिए कोई जानकारी नहीं दी है. ये भी जानकारी मुहैया नहीं करवाई गई है कि किस तरीके से खरीद होनी है. व्यापारियों का कहना है कि सरकार का 72 घंटे में किसान के खाते में पेमेंट का प्लान भी एक ड्रामा है. किसान और व्यापारी का तो प्यार खत्म करने वाली बात है.

फसल खरीद प्रक्रिया की प्रशासन ने नहीं दी व्यापारियों को जानकारी, देखिए वीडियो

ये पढ़ें- दादरी में सरकारी खरीद के दावे हुए हवा, किसानों को ना अधिकारी मिले और ना खरीद एजेंसी

गेहूं पर एमएसपी ऊंट के मुंह में जीरा जैसा- किसान

वहीं किसान का कहना है कि सरकार को जिस चीज की जरूरत हो, उसके रेट एमएसपी से ज्यादा बिकवा देती है. सरसों की फसल क्षेत्र में कम है इसलिए ज्यादा भाव मिल रहे हैं. गेहूं की फसल की बात की जाए तो एमएसपी में अब की बार 50 रुपये की वृद्धि की गई है, जिस वजह से 1975 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से गेंहू बिकेगा, इसमें लागत भी किसान की पूरी नहीं होती. यह तो ऊंट के मुंह में जीरा देने वाली बात है.

ये पढे़ं- सिरसाः फसल का समय पर नहीं हुआ उठान तो ठेकेदारों को भरना पड़ेगा जुर्माना

गोहाना: एक अप्रैल से हरियाणा में गेहूं, सरसों की फसल की खरीद शुरू हो चुकी है. ईटीवी भारत की टीम ने गोहाना अनाज मंडी में ग्राउंड रिपोर्ट पर व्यापारियों और किसानों से बात की. इस बातचीत के दौरान व्यापारियों का कहना है कि मंडी के अंदर सफाई तो ठीक-ठाक है, लेकिन सुविधाओं की बात करें तो पानी-पीने के लिए भी कोई सुविधा नहीं है. जैसे ही फसल खरीद शुरू होगी आम जनता को प्रशासन की सुविधा का पता चल जाएगा.

72 घंटे में किसान के खाते में पेमेंट है ड्रामा- व्यापारी

व्यापारियों का कहना है कि गेहूं की फसल की खरीद आज से शुरू हो चुकी है, लेकिन मार्केट कमेटी प्रशासन ने अभी तक खरीद करने के लिए कोई जानकारी नहीं दी है. ये भी जानकारी मुहैया नहीं करवाई गई है कि किस तरीके से खरीद होनी है. व्यापारियों का कहना है कि सरकार का 72 घंटे में किसान के खाते में पेमेंट का प्लान भी एक ड्रामा है. किसान और व्यापारी का तो प्यार खत्म करने वाली बात है.

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गेहूं पर एमएसपी ऊंट के मुंह में जीरा जैसा- किसान

वहीं किसान का कहना है कि सरकार को जिस चीज की जरूरत हो, उसके रेट एमएसपी से ज्यादा बिकवा देती है. सरसों की फसल क्षेत्र में कम है इसलिए ज्यादा भाव मिल रहे हैं. गेहूं की फसल की बात की जाए तो एमएसपी में अब की बार 50 रुपये की वृद्धि की गई है, जिस वजह से 1975 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से गेंहू बिकेगा, इसमें लागत भी किसान की पूरी नहीं होती. यह तो ऊंट के मुंह में जीरा देने वाली बात है.

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