सोनीपत: उत्तर भारत के राज्यों में इस वक्त सबसे खूंखार गैंगस्टरों में शामिल लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) की गैंग में हरियाणा के युवाओं की बड़ी संख्या है. यहां तक की लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करने वाले इन शूटरों में नाबालिग लड़के तक शामिल हैं. उन्हीं में से एक नाम हरियाणा का गैंगस्टर (Gangster Akshay Palda) अक्षय पलड़ा. सोनीपत जिले के पलड़ा गांव में जन्मे अक्षय जब पहली हत्या के आरोप में गिरफ्तार हुआ तो उसकी उम्र महज 15 साल थी.
घरवालों ने भेजा था पढ़ाई करने- एक साधारण से परिवार का ये बदमाश अक्षय 10वीं में पढ़ने के दौरान ही अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया. अक्षय के घरवालों को भी उससे परेशानी होने लगी तो उन्होंने उसके भविष्य को अंधकार में जाता देख मामा के घर नांगल कलां गांव भेज दिया. घर वाले यही सोच रहे थे कि शायद उसको बुरी संगत से छुटकारा मिलेगा और वो पढ़ाई पर ध्यान देगा. लेकिन उन्हें क्या पता था कि वो अपनी जिंदगी की राह पहले ही चुन चुका है.
मामा के गांव में की ऑटो ड्राइवर की हत्या- 2 सितंबर, 2015 को अक्षय ने अपराध की दुनिया में पहला कदम रखा. अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसने राई थाना क्षेत्र में एक कार की लूट को अंजाम दिया. आरोप है कि इसी साल 4 सितंबर को अपने मामा के गांव नांगल कलां में अनूप नाम के ऑटो चालक को गोलियों से छलनी कर दिया. अक्षय ने जब इस वारदात को अंजाम दिया था तब वो नाबालिग था. सोनीपत पुलिस (sonipat police) ने अक्षय पलड़ा को गिरफ्तार करके हिसार बाल सुधार गृह भेज दिया.
बाल सुधार गृह से हो गया फरार- नाबालिग होने के बावजूद वो बेहद शातिर था. हिसार बाल सुधार गृह से 17 अन्य बाल कैदियों को लेकर वो फरार हो गया. इसके बाद वो हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (lawrence bishnoi gang) के संपर्क में आया. अक्षय की मुलाकात बिश्नोई गैंग के शार्प शूटर राजू बसौदी (raju basodi) से हुई. राजू बसोदी ने अक्षय को सोनीपत के ही रहने वाले संपत नेहरा और संदीप उर्फ काला जठेड़ी (kala jhatheri gang) से मिलवाया. इसके बाद अक्षय को मानो किसी का खौफ ही नहीं रहा. वो एक के बाद एक कई संगीन वारदात को अंजाम देता चला गया.
सबसे पहले की थी चाचा की हत्या- अक्षय पलड़ा के ऊपर 33 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. जिसमें हत्या के 14, हत्या के प्रयास के 7 और फिरौती और रंगदारी के कई मामले शामिल हैं. उस पर आरोप है कि 2015 में जमीन विवाद में उसने अपने ही चाचा की हत्या कर दी थी. अक्षय पलड़ा पर सोनीपत के राई में दर्ज हत्या के मामले के साथ ही खरखौदा थाना में नवंबर, 2017 में हत्या की कोशिश, नवंबर 2017 में ही हत्या व अवैध हथियार, दिसंबर, 2017 में राई थाने में हत्या की कोशिश व अवैध हथियार, फरवरी, 2021 राई थाना में रंगदारी, मार्च 2021 में अपने ही गांव के किसान से रंगदारी मांगने, अप्रैल, 2021 में हत्या के षड्यंत्र रचने का मामला, मई 2021 में खरखौदा थाने में रंगदारी मांगने व धमकी देने का मुकदमा दर्ज है.
टारगेट को मारता है 30 से 40 राउंड गोली- पुलिस के मुताबिक अक्षय पलड़ा के अपराध करने का तरीका भी एकदम अलग है. अपराध और दहशत का रास्ता अक्षय ने किसी मजबूरी में नहीं बल्कि शौक में चुना था. सोनीपत एसटीएफ इंस्पेक्टर सतीश देशवाल ने बताया कि अक्षय पलड़ा लोगों में दहशत फैलाने के लिए अपने टारगेट को एक से दो गोलियों नहीं मारता था बल्कि 30 से 40 राउंड फायर करता था. अक्षय अपने टारगेट को आखिरी सांस तक तड़पाता था. इसके पीछे अक्षय की यही सोच थी कि लोगों में उसके नाम का डर पैदा हो. पंजाब पुलिस ने अक्षय पलड़ा को 11 जून 2019 को गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल वो जेल में है.