सोनीपत: तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन (farmers protest) लगातार जारी है. आंदोलन को करीब 7 महीने होने जा रहे हैं. लेकिन अब धीरे-धीरे स्थानीय ग्रामीण इस किसान आंदोलन से तंग आ चुके हैं. क्योंकि आंदोलन स्थल के पास बसे ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसलिए अब किसान आंदोलन का विरोध भी बढ़ता जा रहा है.
19 गांव के लोगों ने की महापंचायत
किसानों के आंदोलन से तंग आ चुके 19 गांव के लोगों ने सोनीपत के सेरसा गांव में महापंचायत की है. जिसमें से दिल्ली के 12 गांव और हरियाणा के 17 गांव के लोग शामिल हुए. उन्होंने महापंचायत के बाद तीन मांगें रखी हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वो इन तीन मांगों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार से मुलाकात करेंगे. इसके अलावा ग्रामीणों ने संयुक्त किसान मोर्चा को 10 दिन का वक्त दिया है. जिसके बाद अगली महापंचायत दिल्ली में होगी.
- सिंघु बॉर्डर को एक तरफ से खोला जाए
- हिंसा को रोका जाना चाहिए
- प्रदर्शनकारियों को बैरेकेड्स नहीं लगाने चाहिए
आज सोनीपत के गांव सेरसा में किसान आंदोलन के विरोध में महापंचायत का आयोजन किया गया. ग्रामीणों ने कुंडली बॉर्डर पर दिल्ली जाने के लिए एक रास्ता खोलने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि बॉर्डर पर हो रही हिंसक घटनाओं पर भी लगाम लगाई जाए.
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महापंचायत में ग्रामीणों द्वारा लोकल रास्ते पर बैरिकेडिंग ना करने की मांग की गई. क्योंकि किसानों द्वारा की जाने वाली बैरिकेडिंग से आवागमन के साथ-साथ जरूरी सामान की सप्लाई भी बाधित होती है.
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