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हरियाणा के इस स्कूल में बच्चे तो हैं पर अध्यापक नहीं, हेड मास्टर ही संभाल रही क्लर्क का काम - Sandal Khurd primary school Sonipat

प्रदेश सरकार द्वारा स्कूल में बेहतर शिक्षा प्रदान करने के दावे तो खूब किए जाते है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान कर रही है. हम बात कर रहे हैं सोनीपत के गांव सांदल खुर्द के प्राथमिक विद्यालय (Sandal Khurd primary school Sonipat) की. जहां शिक्षक के अभाव के कारण विद्यालय बंद होने के कगार पर पहुंच गया है. स्थानीय लोगों और स्कूल प्रबंधन द्वारा कई बार सरकार से शिक्षकों की नियुक्ति करने की डिमांड की गई, लेकिन इस दिशा में अब तक कोई काम नहीं हो पाया है.

Lack of teachers in Sandal Khurd primary school
सांदल खुर्द विद्यालय में शिक्षक का अभाव
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Published : Apr 29, 2022, 7:46 PM IST

सोनीपत: प्रदेश सरकार द्वारा स्कूल में बेहतर शिक्षा प्रदान करने के दावे तो खूब किए जाते है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान कर रही है. हम बात कर रहे हैं सोनीपत के गांव सांदल खुर्द के प्राथमिक विद्यालय (Sandal Khurd primary school Sonipat) की. जहां शिक्षक के अभाव के कारण विद्यालय बंद होने के कगार पर पहुंच गया है. स्थानीय लोगों और स्कूल प्रबंधन द्वारा कई बार सरकार से शिक्षकों की नियुक्ति करने की डिमांड की गई, लेकिन इस दिशा में अब तक कोई काम नहीं हो पाया है.

सांदल खुर्द के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों का अभाव तो है ही लेकिन साथ-साथ यहां पर स्कूल की भी स्थिति दयनीय हो चुकी (Lack of teachers in Sandal Khurd primary school) है. बता दें, वर्तमान में स्कूल में सिर्फ एक ही अध्यापिका है जो स्कूल की हेड मास्टर भी है और वहीं क्लर्क का कार्य भी संभाल रही हैं. पूनम अकेले ही पहली कक्षा से पांचवी कक्षा तक के बच्चों को पढ़ा रही हैं. बता दें, पिछले दो सालों से विद्यालय की यही स्थिति है.

Sandal Khurd primary school Sonipat
सांदल खुर्द के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों का अभाव

लिहाजा अनुमान लगाया जा सकता है कि एक टीचर कैसे सभी बच्चों की पढ़ाई अच्छे से करवा सकता है हालांकि पूनम विद्यार्थियों को पूरा समय देती है, लेकिन फिर भी अच्छे से पढ़ाई नहीं हो पाती है. विद्यालय में जहां 2 से 3 टीचर की रिक्वायरमेंट (Sandal Khurd primary school Sonipat) है, ऐसे में केवल एक टीचर पर ही औपचारिकता के तौर पर पढ़ाई का जिम्मा सौंप दिया है. पूनम के प्रयासों के कारण ही स्कूल का अस्तित्व बच पाया है क्योंकि यहां पर पिछले दिनों बच्चों की संख्या कम होती हुई नजर आ रही थी लेकिन अब बच्चों की संख्या में भी इजाफा होना शुरू हो गया है. वर्तमान में करीब 30 बच्चे यहां पर पढ़ाई कर रहे हैं.

अध्यापिका पूनम सरोहा का कहना है कि यहां पर टीचरों की समस्या है. यहां पर वह अकेली टीचर हैं जो पहली कक्षा से पांचवी कक्षा कर के बच्चों को पढ़ा रही है. ऐसे में उन्होंने शिक्षा विभाग से स्कूल में और शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग की (Lack of teachers in Sandal Khurd primary school) है. वहीं पूरे मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी का कहना है कि कई जगह से शिकायतें आ रही हैं. जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा. वहीं स्कूल में और अध्यापकों की नियुक्ति भी की जाएगी.

सोनीपत: प्रदेश सरकार द्वारा स्कूल में बेहतर शिक्षा प्रदान करने के दावे तो खूब किए जाते है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान कर रही है. हम बात कर रहे हैं सोनीपत के गांव सांदल खुर्द के प्राथमिक विद्यालय (Sandal Khurd primary school Sonipat) की. जहां शिक्षक के अभाव के कारण विद्यालय बंद होने के कगार पर पहुंच गया है. स्थानीय लोगों और स्कूल प्रबंधन द्वारा कई बार सरकार से शिक्षकों की नियुक्ति करने की डिमांड की गई, लेकिन इस दिशा में अब तक कोई काम नहीं हो पाया है.

सांदल खुर्द के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों का अभाव तो है ही लेकिन साथ-साथ यहां पर स्कूल की भी स्थिति दयनीय हो चुकी (Lack of teachers in Sandal Khurd primary school) है. बता दें, वर्तमान में स्कूल में सिर्फ एक ही अध्यापिका है जो स्कूल की हेड मास्टर भी है और वहीं क्लर्क का कार्य भी संभाल रही हैं. पूनम अकेले ही पहली कक्षा से पांचवी कक्षा तक के बच्चों को पढ़ा रही हैं. बता दें, पिछले दो सालों से विद्यालय की यही स्थिति है.

Sandal Khurd primary school Sonipat
सांदल खुर्द के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों का अभाव

लिहाजा अनुमान लगाया जा सकता है कि एक टीचर कैसे सभी बच्चों की पढ़ाई अच्छे से करवा सकता है हालांकि पूनम विद्यार्थियों को पूरा समय देती है, लेकिन फिर भी अच्छे से पढ़ाई नहीं हो पाती है. विद्यालय में जहां 2 से 3 टीचर की रिक्वायरमेंट (Sandal Khurd primary school Sonipat) है, ऐसे में केवल एक टीचर पर ही औपचारिकता के तौर पर पढ़ाई का जिम्मा सौंप दिया है. पूनम के प्रयासों के कारण ही स्कूल का अस्तित्व बच पाया है क्योंकि यहां पर पिछले दिनों बच्चों की संख्या कम होती हुई नजर आ रही थी लेकिन अब बच्चों की संख्या में भी इजाफा होना शुरू हो गया है. वर्तमान में करीब 30 बच्चे यहां पर पढ़ाई कर रहे हैं.

अध्यापिका पूनम सरोहा का कहना है कि यहां पर टीचरों की समस्या है. यहां पर वह अकेली टीचर हैं जो पहली कक्षा से पांचवी कक्षा कर के बच्चों को पढ़ा रही है. ऐसे में उन्होंने शिक्षा विभाग से स्कूल में और शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग की (Lack of teachers in Sandal Khurd primary school) है. वहीं पूरे मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी का कहना है कि कई जगह से शिकायतें आ रही हैं. जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा. वहीं स्कूल में और अध्यापकों की नियुक्ति भी की जाएगी.

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