ETV Bharat / state

गोहाना में मजदूरों ने प्रशासन पर लगाए अनदेखी के आरोप - गोहाना मजदूरों का प्रशासन पर आरोप

प्रदेशभर के मजदूरों के सामने लॉकडाउन के दौरान खाने की समस्या पैदा हो रही है. गोहाना में 30 से ज्यादा मजदूर अपने घर जाना चाहते हैं क्योंकि उनका आरोप है कि उनके पास ने तो काम है और ना ही खाने पीने का कोई राशन है. गोहाना प्रशासन की तरफ से भी खाने के लिए कोई मदद नहीं मिल रही है.

गोहाना
गोहाना मजदूर
author img

By

Published : May 17, 2020, 10:52 AM IST

सोनीपत: बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी करने वाला और उन इमारतों को रंग रोगन से चमकाने वाला मजदूर कोरोना महामारी से लगे लॉकडाउन के दौरान इतना मजबूर हो गया है कि आज उसके खाने का इंतजाम भी नहीं हो पा रहा है. बस अपने घर जाने की आस लगाए बैठा है.

लॉकडाउन के बाद शुरू में खाना दिया, अब कोई नहीं पूछता

अपने घर छोड़ कर परदेस में रोजी-रोटी कमाने के लिए आये मजदूरों के हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि मजदूर रोता बिलखता यही बोल रहा है कि हमको हमारे घर भिजवा दो. गोहाना में रह रहे 30 से ज्यादा मजदूर इतने ज्यादा परेशान हो गए हैं कि वे बस किसी तरह अपने घर जाना चाहते हैं. हालांकि जाने के लिए 5 मई को अपना रजिस्ट्रेशन भी करवा चुके हैं, लेकिन अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता कि आखिर कब उनको घर भेजा जाएगा.

ये भी पढ़ें- पुलिस से बचकर खेतों और जंगलों के रास्ते से पैदल घर जाने को मजबूर प्रवासी मजदूर

मजदूरों के पास जो पैसा था उससे राशन खरीद कर अपना पेट भर लिया, लेकिन वो भी ज्यादा दिन नहीं चल पाया. गोहाना प्रशासन ने लॉकडाउन के चलते मजदूरों को यह आश्वासन दिया था कि वे जहां भी हैं वहीं रुक जाए उनके रहने और खाने की व्यवस्था गोहाना प्रशासन द्वारा की जाएगी. हालांकि मजदूरों का कहना है कि शुरुआत के 5 से 7 दिन तक उनको किसी निजी संस्था द्वारा भोजन भिजवाया गया लेकिन दो-चार दिन के बाद ही उनके पास खाना पहुंचना बंद हो गया.

प्रशासन से मिलने भी नहीं दिया जा रहा

अब हालात ये हैं कि ना तो खाने को भोजन मिल रहा है और ना ही प्रशासन की तरफ से कोई मदद मिल रही है. गोहाना प्रशासन से कई बार यह मजदूर मिलने की गुहार लगा चुके हैं लेकिन आखिर मजदूर है और मजदूर तो हमेशा ही मजबूर देखा जाता है और उनकी इस मजबूरी को देख कर भी शायद उन्हें अधिकारी तक भी नहीं जाने दिया जाता.

मजदूरों ने गोहाना प्रशासन पर आरोप जरूर लगाए हैं कि उन तक खाना नहीं पहुंचता है. इस बारे में जब गोहाना के एसडीएम आशीष वशिष्ठ से बात बात की गई उन्होंने बताया कि गोहाना में प्रवासी मजदूरों के लिए खाने और रहने की हर व्यवस्था का ध्यान दिया जा रहा है और लगातार प्रवासी मजदूरों तक खाना भी पहुंचाया जा रहा है. वहीं मजदूरों को उनके राज्य में भेजने के लिए विशेष ट्रेन शेडयूल के अनुरूप भेजी जा रही है, उसी के अनुसार ही इन मजदूरों को भेजा जाएगा.

ये भी पढ़ें- रोहतक उपायुक्त की प्रवासियों से अपील, 'पैदल घर न जाएं, धैर्य रखें'

सोनीपत: बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी करने वाला और उन इमारतों को रंग रोगन से चमकाने वाला मजदूर कोरोना महामारी से लगे लॉकडाउन के दौरान इतना मजबूर हो गया है कि आज उसके खाने का इंतजाम भी नहीं हो पा रहा है. बस अपने घर जाने की आस लगाए बैठा है.

लॉकडाउन के बाद शुरू में खाना दिया, अब कोई नहीं पूछता

अपने घर छोड़ कर परदेस में रोजी-रोटी कमाने के लिए आये मजदूरों के हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि मजदूर रोता बिलखता यही बोल रहा है कि हमको हमारे घर भिजवा दो. गोहाना में रह रहे 30 से ज्यादा मजदूर इतने ज्यादा परेशान हो गए हैं कि वे बस किसी तरह अपने घर जाना चाहते हैं. हालांकि जाने के लिए 5 मई को अपना रजिस्ट्रेशन भी करवा चुके हैं, लेकिन अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता कि आखिर कब उनको घर भेजा जाएगा.

ये भी पढ़ें- पुलिस से बचकर खेतों और जंगलों के रास्ते से पैदल घर जाने को मजबूर प्रवासी मजदूर

मजदूरों के पास जो पैसा था उससे राशन खरीद कर अपना पेट भर लिया, लेकिन वो भी ज्यादा दिन नहीं चल पाया. गोहाना प्रशासन ने लॉकडाउन के चलते मजदूरों को यह आश्वासन दिया था कि वे जहां भी हैं वहीं रुक जाए उनके रहने और खाने की व्यवस्था गोहाना प्रशासन द्वारा की जाएगी. हालांकि मजदूरों का कहना है कि शुरुआत के 5 से 7 दिन तक उनको किसी निजी संस्था द्वारा भोजन भिजवाया गया लेकिन दो-चार दिन के बाद ही उनके पास खाना पहुंचना बंद हो गया.

प्रशासन से मिलने भी नहीं दिया जा रहा

अब हालात ये हैं कि ना तो खाने को भोजन मिल रहा है और ना ही प्रशासन की तरफ से कोई मदद मिल रही है. गोहाना प्रशासन से कई बार यह मजदूर मिलने की गुहार लगा चुके हैं लेकिन आखिर मजदूर है और मजदूर तो हमेशा ही मजबूर देखा जाता है और उनकी इस मजबूरी को देख कर भी शायद उन्हें अधिकारी तक भी नहीं जाने दिया जाता.

मजदूरों ने गोहाना प्रशासन पर आरोप जरूर लगाए हैं कि उन तक खाना नहीं पहुंचता है. इस बारे में जब गोहाना के एसडीएम आशीष वशिष्ठ से बात बात की गई उन्होंने बताया कि गोहाना में प्रवासी मजदूरों के लिए खाने और रहने की हर व्यवस्था का ध्यान दिया जा रहा है और लगातार प्रवासी मजदूरों तक खाना भी पहुंचाया जा रहा है. वहीं मजदूरों को उनके राज्य में भेजने के लिए विशेष ट्रेन शेडयूल के अनुरूप भेजी जा रही है, उसी के अनुसार ही इन मजदूरों को भेजा जाएगा.

ये भी पढ़ें- रोहतक उपायुक्त की प्रवासियों से अपील, 'पैदल घर न जाएं, धैर्य रखें'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.