सोनीपतः खरखौदा शराब घोटाले को लेकर कांग्रेस लगातार बीजेपी पर निशाना साध रही है. इसी कड़ी में गोहाना से कांग्रेसी विधायक जगबीर मलिक ने भी मामले में गठित एसईटी को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. जगबीर मलिक ने कहा कि शराब घोटाला मामले में एसईटी की जांच केवल दिखावा है. मामले में अभी तक अच्छे से जांच नहीं हुई है. एसईटी के पास इतना पावर ही नहीं दिया गया.
बीते दिनों ही एसईटी ने शराब घोटाले की 15-16 पन्नों की रिपोर्ट गृह विभाग को सौंपी है. मामले में गृह मंत्री अनिल विज ने भी गहनता से जांच का अश्वासन दिया है. इस रिपोर्ट पर कांग्रेसी विधायक जगबीर मलिक ने निशाना साधते हुए कहा कि जांज अच्छे तरीके से नहीं हुई है. उनका कहना है कि गृहमंत्री ने जांच करने के लिए एसईटी बनाई थी जिसने सिर्फ सिंपल इंक्वारी करी है.
'जांच के नाम पर लीपापोती'
विधायक जगबीर मलिक ने एसईटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस काम के लिए एसईटी गठित की गई थी वो बड़े अधिकारी और नेताओं को बताने के लिए की गई थी. जांच के नाम पर सिर्फ लीपापोती की गई है. ये तो आम जनता की आंखों में धूल झोंकने वाली बात थी क्योंकि किसी के खिलाफ इस घोटाले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि सरकार अगर ईमानदार होती तो जांच अच्छे तरीके से करवाती.
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छुपाए गए बड़े चेहरे?
खरखौदा शराब घोटाला लॉकडाउन के दौरान सबसे बड़ा शराब घोटाला था. इसकी जांच करने के लिए गृहमंत्री अनिल विज की तरफ से एसईटी कमेटी का गठन कर जांच करने के आदेश दिए थे. माना जा रहा था कि शराब घोटाले में बड़े अधिकारी और नेताओं के नाम उजागर होंगे, लेकिन एसईटी जांच में आया कि इससे किसी नेता और बड़े अधिकारी का कोई लेना-देना नहीं है.
क्या है शराब घोटाला?
सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी. लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गईं. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. ठेकेदार भूपेंद्र खरखौदा थाने में सरेंडर कर चुका है. जिसे कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जा चुका है.