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सोनीपत में ट्यूबवेल ऑपरेटरों ने पक्का करने की मांग पर सांसद संजय भाटिया को सौंपा ज्ञापन - ट्यूबवेल ऑपरेटर ज्ञापन संजय भाटिया सोनीपत

सोनीपत में जनस्वास्थय विभाग में कच्चे तौर पर लगे ट्यूबवेल ऑपरेटरों ने पानीपत के सांसद को ज्ञापन सौंपा और सरकार से पक्का करने की मांग की.

health department tubewell operators submitted memorandum to panipat mp
सोनीपत में ट्यूबवेल ऑपरेटरों ने सांसद संजय भाटिया को सौंपा ज्ञापन
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Published : Aug 1, 2020, 10:24 PM IST

सोनीपत: शनिवार को जनस्वास्थ्य विभाग में कच्चे तौर लगे ट्यूबवेल ऑपरेटरों ने पानीपत के सांसद संजय भाटिया को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. गन्नौर की तरफ से ऑपरेटर संदीप और दीपक शामिल हुए.

ज्ञापन में ऑपरेटरों ने बताया कि उन्हें काम करते हुए करीब 13 साल हो चुके हैं. विभाग की तरफ से उन्हें स्थाई वेतनमान व कोई भत्ता नहीं दिया जाता।. उन्हें ठेकेदार द्वारा मेनटेनेंस, सीवरेज स्कीम व पंचायत द्वारा पैसा दिया जाता है.

उन्होंने बताया कि विभाग के पास उनका कोई लेखा-जोखा नहीं रहता. जिससे कच्चे कर्मचारियों का शोषण हो रहा है. उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को 6500 रुपये से लेकर 8000 रुपये वेतन के रूप में दिया जाता है.

ट्यूबवेल ऑपरेटरों ने सरकार से मांग की कि उन्हें भी पक्के कर्मचारियों की श्रेणी में डाला जाए. इससे पहले उनका विभाग के पास रिकॉर्ड शुरू करवाया जाए. ताकि सरकार उन्हें पक्का करने के लिए ठोस कदम उठा सके.

ये भी पढ़ें: पटरी पर लौट रहा है ज्वेलर्स का व्यापार, ग्राहकों को सता रहा भाव बढ़ने का डर

सोनीपत: शनिवार को जनस्वास्थ्य विभाग में कच्चे तौर लगे ट्यूबवेल ऑपरेटरों ने पानीपत के सांसद संजय भाटिया को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. गन्नौर की तरफ से ऑपरेटर संदीप और दीपक शामिल हुए.

ज्ञापन में ऑपरेटरों ने बताया कि उन्हें काम करते हुए करीब 13 साल हो चुके हैं. विभाग की तरफ से उन्हें स्थाई वेतनमान व कोई भत्ता नहीं दिया जाता।. उन्हें ठेकेदार द्वारा मेनटेनेंस, सीवरेज स्कीम व पंचायत द्वारा पैसा दिया जाता है.

उन्होंने बताया कि विभाग के पास उनका कोई लेखा-जोखा नहीं रहता. जिससे कच्चे कर्मचारियों का शोषण हो रहा है. उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को 6500 रुपये से लेकर 8000 रुपये वेतन के रूप में दिया जाता है.

ट्यूबवेल ऑपरेटरों ने सरकार से मांग की कि उन्हें भी पक्के कर्मचारियों की श्रेणी में डाला जाए. इससे पहले उनका विभाग के पास रिकॉर्ड शुरू करवाया जाए. ताकि सरकार उन्हें पक्का करने के लिए ठोस कदम उठा सके.

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