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गन्नौर में स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव-गांव जाकर कर रही कोरोना सैंपलिंग - गन्नौर कोरोना सैंपलिंग

गन्नौर में स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव-गांव जाकर लोगों के सैंपल ले रही है. ताकि कोरोना से प्रभावित लोगों के भीतर एंटीबॉडी विकसित होने का पता लगाया जा सके.

Health Department team taking corona sample in Gannaur
गन्नौर में स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव-गांव जाकर कर रही कोरोना सैंपलिंग
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Published : Oct 20, 2020, 11:57 AM IST

सोनीपत: कोरोना से प्रभावित लोगों के भीतर एंटीबॉडी विकसित हुई या नहीं इसका पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीरो सर्वे और सैंपलिंग की जा रही है. इसी कड़ी में गन्नौर के गढ़ी झंझारा गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा करीब 36 लोगों के सैंपल लिए गए. आहुलाना पीएचसी इंचार्ज डॉ. प्रतिभा के नेतृत्व में एमपीएचडब्लू संजय कुमार, एएनएम सुमन, गीता, रमेश कुमार और आशा वर्कर लक्ष्मी ने सैंपलिंग की.

डॉ. प्रतिभा ने बताया कि सीरो सर्वे में किसी भी संक्रमण के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी विकसित होने का पता खून की जांच से लगाई जाती है. लोगों के इम्यूनिटी सिस्टम के मजबूत होने के चलते कई बार उन्हें पता नहीं लगता कि उन्हें कभी कोरोना हुआ था. लेकिन सीरो सर्वे से पता लग जाएगा की किस व्यक्ति का इम्यूनिटी सिस्टम कितना मजबूत है.

गन्नौर में स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव-गांव जाकर कर रही कोरोना सैंपलिंग

डॉ. प्रतिभा ने बताया कि सैंपल की जांच के लिए एक विशेष किट का इस्तेमाल किया जाता है. यदि कोई व्यक्ति कोरोना की चपेट में आता है लेकिन उसके अंदर कोई लक्षण नहीं उभरता है तो ऐसे लोगों के शरीर में 5-7 दिन के अंदर अपने आप एंटीबॉडी बनना शुरू हो जाती हैं जो वायरस को शरीर में पनपने नहीं देती है.

उन्होंने बताया कि सर्वे से एंटीबॉडीज की जांच करके पता लगाया जाएगा कि गांव में कितने लोगों को कोरोना हुआ. मगर वो अपने आप ठीक भी हो गए. इससे वायरस के प्रसार और उसकी क्षमता का भी पता लगाने में मदद मिलेगी. प्रतिभा ने बताया कि मंगलवार को भाखरपुर गांव में सैंपलिंग की जाएगी.

ये भी पढ़ें: बरोदा के रण में 14 प्रत्याशी भरेंगे हुंकार, कपूर नरवाल समेत 3 नामांकन वापस

सोनीपत: कोरोना से प्रभावित लोगों के भीतर एंटीबॉडी विकसित हुई या नहीं इसका पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीरो सर्वे और सैंपलिंग की जा रही है. इसी कड़ी में गन्नौर के गढ़ी झंझारा गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा करीब 36 लोगों के सैंपल लिए गए. आहुलाना पीएचसी इंचार्ज डॉ. प्रतिभा के नेतृत्व में एमपीएचडब्लू संजय कुमार, एएनएम सुमन, गीता, रमेश कुमार और आशा वर्कर लक्ष्मी ने सैंपलिंग की.

डॉ. प्रतिभा ने बताया कि सीरो सर्वे में किसी भी संक्रमण के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी विकसित होने का पता खून की जांच से लगाई जाती है. लोगों के इम्यूनिटी सिस्टम के मजबूत होने के चलते कई बार उन्हें पता नहीं लगता कि उन्हें कभी कोरोना हुआ था. लेकिन सीरो सर्वे से पता लग जाएगा की किस व्यक्ति का इम्यूनिटी सिस्टम कितना मजबूत है.

गन्नौर में स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव-गांव जाकर कर रही कोरोना सैंपलिंग

डॉ. प्रतिभा ने बताया कि सैंपल की जांच के लिए एक विशेष किट का इस्तेमाल किया जाता है. यदि कोई व्यक्ति कोरोना की चपेट में आता है लेकिन उसके अंदर कोई लक्षण नहीं उभरता है तो ऐसे लोगों के शरीर में 5-7 दिन के अंदर अपने आप एंटीबॉडी बनना शुरू हो जाती हैं जो वायरस को शरीर में पनपने नहीं देती है.

उन्होंने बताया कि सर्वे से एंटीबॉडीज की जांच करके पता लगाया जाएगा कि गांव में कितने लोगों को कोरोना हुआ. मगर वो अपने आप ठीक भी हो गए. इससे वायरस के प्रसार और उसकी क्षमता का भी पता लगाने में मदद मिलेगी. प्रतिभा ने बताया कि मंगलवार को भाखरपुर गांव में सैंपलिंग की जाएगी.

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