सोनीपत: यमुना का पानी अब सोनीपत में लोगों के लिए मुसीबत बन गया है. यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसके कारण यमुना से लगते कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है. आलम ये है कि अब दिल्ली पुलिस ने आउटर रिंग रोड को बंद कर दिया है. जिसके चलते सोनीपत से गुजरने वाले नेशनल हाईवे-44 पर भारी जाम लगा हुआ है. सोनीपत डिपो से दिल्ली जाने वाली सभी बसों को रोक दिया गया है. जिसके चलते दिल्ली जाने वाले दैनिक यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
दिल्ली में यमुना क्षेत्र के इलाकों में लगातार बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. हरियाणा रोडवेज ने दिल्ली में अपनी बसों की आवाजाही बंद कर दी है. इसकी वजह से आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अब तो दिल्ली पुलिस ने दिल्ली जाने वाले भारी वाहनों पर भी रोक लगा दी है. ताकि दिल्ली में जाम की स्थिति उत्पन्न ना हो. कुछ देर के लिए हल्के वाहनों पर भी रोक लगा दी गई थी. लेकिन जाम की स्थिति को देखते हुए हल्के वाहनों को दिल्ली में प्रवेश दिया जा रहा है.
दिल्ली में हरियाणा रोडवेज की बसों की आवाजाही बंद होने पर जानकारी देते हुए हरियाणा रोडवेज के अधिकारी रणवीर सिंह ने बताया कि दिल्ली में आईएसबीटी के आसपास के इलाके में यमुना नदी का पानी घुस गया है. जिसके चलते दिल्ली से हिदायत मिली है कि बसों को दिल्ली में ना आने दिया जाए. जिसके चलते हरियाणा रोडवेज की बसों को दिल्ली में नहीं जाने दिया जा रहा है.
पहाड़ों में लगातार तेज बरसात हो रही है. जिसके चलते यमुना नदी में जलस्तर बढ़ा है और हरियाणा सरकार ने यमुना नदी से लगते सभी जिलों को हाई अलर्ट बोर्ड पर रखा है. तो सोनीपत जिला प्रशासन भी सरकार के आदेशों की पालना कर रहा है. सोनीपत से सांसद रमेश चंद्र कौशिक उपायुक्त ललित सिवाच ने आला अधिकारियों के साथ मिलकर जमुना क्षेत्र का दौरा किया.सांसद उस गांव में पहुंचे जहां पर सैकड़ों ग्रामीण यमुना क्षेत्र में रह रहे हैं. लेकिन यहां पर सांसद की नाव खराब हो गई. जिसके कारण मझदार में ही नाव पानी में डूब गई. कर्मचारियों ने नाव को धक्का लगाते हुए पानी से बाहर निकाला गया.
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सोनीपत जिला प्रशासन दावा कर रहा है कि, अगर यमुना में बाढ़ आई तो कोई भी जानी नुकसान नहीं होने दिया जाएगा. लेकिन जिस गांव के सहारे जिला प्रशासन यह दावा कर रहा है, वह तो खराब है. सोनीपत से सांसद रमेश चंद्र कौशिक उपायुक्त ललित सिवाच जिला राजस्व अधिकारी हरिओम अत्री, DPRO बिजेंद्र कुमार जिले के आला अधिकारियों के साथ मिलकर यमुना क्षेत्र में स्थित जाजल टोंकी गांव में ग्रामीण बाढ़ के चलते वापस सुरक्षित जगह पर नहीं आना चाहते थे.
सभी अधिकारियों ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और जब सांसद और अन्य अधिकारी वापस नाव पर सवार होकर वापस आने लगे तो बीच मझधार में ही नाव ने दम तोड़ दिया. जिसके बाद कर्मचारियों ने धक्का लगा कर नाव को किनारे तक पहुंचाया. इसी नाव के सहारे जिला प्रशासन बड़ी-बड़ी बातें और दावे कर रहा है कि हम हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. जिला उपायुक्त ललित सिवाच व सांसद रमेश चंद्र कौशिक ने बताया कि ग्रामीणों ने हमारे सामने दो मांगें रखी है कि एक तो गांव में 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाई जाए. दूसरी गांव में खुला ठेका बंद हो जाए ताकि कोई भी ग्रामीण शराब ठेके पर शराब लेने ना जा सके.
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