सोनीपत: हरियाणा के सोनीपत में आसमान से पेड़ों पर पक्षियों के चहकने की आवाजें सभी को मंत्रमुग्ध कर देती है. लेकिन आजकल तेजी से काटे जा रहे पेड़ों के चलते पक्षियों को भी अपने रेन बसेरे ढूंढने पड़ रहे हैं. कुछ पक्षी जो बचपन की याद दिलाते हैं बस इक्का-दुक्का कहीं पर मुश्किल से दिखाई देते हैं. दूसरी तरफ बिजली की ऊंची-ऊंची लाइनें और पतंगबाजी में चाइनीज मांजे के प्रयोग ने पक्षियों की उड़ान पर लगाम लगा दी है. इन चीजों के चलते काफी संख्या में पक्षी घायल भी हो रहे हैं और इन पक्षियों को बचाने के लिए सोनीपत पुलिस में तैनात असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर पवन कुमार ने एक ऐसी मुहिम चलाई है, जिसे सुनकर सब पवन पर नाज कर रहे हैं.
सोनीपत में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर पवन कुमार घायल पक्षियों के इलाज के लिए हमेशा से ही तत्व रहता है. इसने अभी तक सैकड़ों की संख्या में पक्षियों की जान बचाई है, और इसने इस पक्षी विहार को बनाने के लिए आपनी तनख्वाह से करीब चार लाख रुपए भी ख़र्च किए है. पवन की इस मुहिम में सोनीपत पुलिस के कई जवान भी उसके साथ कदम से कदम मिलाकर काम कर रहे हैं. पवन और उसकी टीम द्वारा घायल पक्षियों के इलाज के लिए इस पक्षी विहार में उचित व्यवस्था की गई हैं. जो पक्षी घायल हो जाता है उसे लेकर पवन और उसकी टीम यहां पहुंची. उसका इलाज करके वापस उसे आसमान की ऊंचाई नापने के लिए छोड़ दिया जाता है. जो पक्षी उड़ नहीं पाता उसके दाना पानी का पूरा इंतजाम इसी पक्षी विहार में किया गया है.
असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर पवन कुमार व उसकी टीम की हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी तारीफ कर चुके हैं और उनके इस सराहनीय काम के लिए उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है. पवन कुमार ने बताया कि 2018 में हमने पुलिस लाइन में पक्षी विहार की स्थापना की थी. उससे पहले हम पूरे जिले में पेड़ लगाते थे, लेकिन हमने सोचा कि पक्षी भी हमारे पर्यावरण की सुरक्षा करते हैं. हमने देखा कि सड़कों पर कुत्ते घायल पक्षियों को अपना शिकार बना रहे हैं. जिसके बाद हमने इस पक्षी विहार की स्थापना की.
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उन्होंने कहा कि हमने अभी तक सो के आसपास पक्षियों को ठीक करके आसमान की ऊंचाइयों को दोबारा से नापने के लिए छोड़ा है. इनमें से 25 से ज्यादा राष्ट्रीय पक्षी मोर है, पवन कुमार ने कहा कि घायल पक्षियों को हम डॉक्टरों के पास लेकर जाते हैं और डॉक्टर उन्हें अच्छे से उनका इलाज करने की विधि बताते हैं. इस कार्य से उन्हें काफी सुकून मिलता है. जिसको बयां नहीं किया जा सकता. पक्षियों की संख्या इसलिए भी कम हो रही है क्योंकि हमारा वन क्षेत्र कम होता जा रहा है. मोरों की संख्या इसलिए कम हो गई है क्योंकि इनके पंखों की डिमांड बढ़ रही है, जिसके चलते इनकी हत्याएं हो रही हैं.
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