सोनीपत: सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में सोनीपत के कई गैंगस्टर के नाम सामने आ रहे हैं. वहीं कई संदिग्ध भी पुलिस के रडार पर हैं. पंजाब और हरियाणा पुलिस लगातार सोनीपत में छापे मार रही हैं. जैसे ही सोनीपत के गांव रेवली के रहने वाले गैंगस्टर मोनू डागर (Haryana gangster monu dagar) का इस पूरे हत्याकांड में नाम सामने आया पुलिस की नींद उड़ गई. जानकारी के अनुसार मोनू डागर ने ही मूसेवाला की हत्या करने के लिए शूटर्स को पंजाब में इकट्ठा किया था. सूत्रों के मुताबिक प्रियवर्त उर्फ फौजी व अंकित सेरसा ने मोनू के कहने पर मूसेवाला हत्याकांड को अंजाम दिया है. मोनू डागर को पंजाब पुलिस ने मोगा से पिछले साल 1 दिसंबर को गिरफ्तार किया था. सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में पुलिस ने मोनू डागर को भी प्रोडक्शन वारंट पर लिया है.
सोनीपत के रेवली गांव के रहने वाले मोनू डागर के भाई सोनू डागर ने बातचीत बताया कि हमने मोनू को 12वीं तक की शिक्षा प्राइवेट स्कूल से दिलाई. उसकी पढ़ाई के लिए हमने कड़ी मेहनत की थी. हम खुद सरकारी स्कूल में पढ़े लेकिन उसको प्राइवेट स्कूल में पढ़ाया गया था कि वह कुछ बन सके. जब उसने 12वीं पास की तो हमने उसे मर्चेंट नेवी का कोर्स भी कराया था लेकिन वह वापस आ गया और दोबारा नहीं गया. हमने उसकी पढ़ाई के लिए दूध बेचा. लेकिन गलत संगत ने उसे बिगाड़ दिया. सोनू ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि 3 साल से ज्यादा का समय हो चुका है वह घर नहीं आया. कई महीनों से तो वह पंजाब जेल में बंद है. डेढ़ साल पहले उसकी मां का देहांत हुआ तो उसको कंधा देने भी मोनू डागर नहीं आया.
सिद्धू मूसेवाला की हत्या में एक के बाद एक हरियाणा के बदमाशों का कनेक्शन सामने आ रहा है. पुलिस गिरफ्तार आरोपियों की पूछताछ के आधार पर इस केस की कड़ी जोडने में जुटी है. पहले सोनीपत के रहने वाले और बोलेरो गाड़ी में दिखने वाले बदमाश प्रियवर्त फौजी और अंकित जाटी की पहचान हुई. उसके बाद प्रियव्रत फौजी के सिसाना गांव का मनजीत पुलिस के रडार पर आया. वहीं सोनीपत के ही रहने वाले मोनू डागर को पुलिस पहले ही इस मामले में गिरफ्तार कर चुकी है.
पुलिस की हिस्ट लिस्ट में शामिल मोनू डागर रेवली गांव सोनीपत का रहने वाला है. मोनू डागर पर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में गोल्डी बराड़ के कहने पर दो शार्प शूटर उपलब्ध कराने का आरोप है. हालांकि सोनीपत पुलिस इस बारे में किसी भी जानकारी से इनकार कर रही है. पुलिस सूत्रों की मानें तो सोनीपत के मोनू डागर ने जिन दो शार्प शूटरों का इंतजाम करके सिद्धू मूसेवाला की हत्या करने के लिए पंजाब भेजा था उनमें से एक प्रियव्रत फौजी और दूसरा अंकित सेरसा जाटी हैं. प्रियव्रत फौजी हरियाणा का वांटेड बदमाश है. जिसके खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज हैं. उस पर 25 हजार का ईनाम भी घोषित है. बताया जा रहा है कि यह वही बोलेरो है जो सिद्धू मूसेवाला की हत्या से तीन चार दिन पहले रेकी के लिए इस्तेमाल की गई थी.
लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा है मोनू डागर- गांव रेवली सोनीपत का रहने वाला बदमाश मोनू डागर लॉरेंस बिश्नोई (Gangster Lawrence Bishnoi) गैंग से जुड़ा है. उस पर 1 दिसंबर, 2021 को मोगा के डिप्टी मेयर पर गोली चलाने का आरोप है. जिसमें वह मोगा पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था. तब मोगा के एसपी सुरेंद्रजीत ने पत्रकारों को बताया था कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग का शार्प शूटर मोनू कनाडा में रह रहे गोल्डी बराड़ के कहने पर डिप्टी मेयर के भाई को मारने आया था. साथ ही उन्होंने बताया था कि वह अमृतसर में राणा कंडोवालिया की हत्या में भी आरोपी है.
पंजाब पुलिस ने मामले में सोनीपत के ही गांव रेवली के मोनू डागर को प्रोडक्शन वारंट पर लिया है. वह पंजाब के मोगा में हुई घटना के मामले में जेल में बंद था. मोनू इससे पहले जुलाई, 2015 में गोहाना के गांव रूखी के मंजीत की हत्या के मामले में प्रियवर्त व मंजीत के साथ नामजद है. बताया जा रहा है कि अब मोनू डागर पर आरोप है कि उसने ही जेल से गोल्डी बराडट के कहने पर दो शूटर उपलब्ध कराए थे. शूटर की टीम बनाने में भी मोनू डागर पर मदद करने का आरोप है.