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संसद मार्च पर एक मत नहीं किसान, गुरनाम चढूनी ने मांगे सुझाव

संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होने के आसार हैं. ऐसे में किसान आंदोलन को तेज करने के लिए किसान नेताओं ने संसद मार्च (farmers parliament march) का ऐलान किया था, लेकिन इसे लेकर किसान नेताओं में सहमति नहीं बन पा रही है. ये गुरनाम सिंह चढूनी ने स्पष्ट किया है.

gurnam singh chaduni
संसद मार्च पर एक मत नहीं किसान, गुरनाम चढूनी ने मांगे सुझाव
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Published : Jul 1, 2021, 3:23 PM IST

सोनीपत: कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ जारी किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) आठवें महीने में प्रवेश कर चुका है. ऐसे में किसान संगठन आंदोलन को धार देने की रणनीति तैयार कर रहे हैं. इस बीच भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों से आगे की रणनीति को लेकर उनकी राय मांगी है.

चढूनी ने किसानों से मांगे सुझाव

गुरनाम सिंह चढूनी ने वीडियो जारी कर किसानों से सुझाव मांगे हैं कि अब किसान नेता किस तरह से आंदोलन को और तेज करें, क्योंकि संसद मार्च (farmers parliament march) की सहमति किसान नेताओं में नहीं बन पा रही है. चढूनी ने कहा कि संसद मार्च करने की भी तैयारी थी, लेकिन किसान नेताओं के बीच इसे लेकर सहमति नहीं बन पा रही है.

संसद मार्च पर एक मत नहीं किसान, गुरनाम चढूनी ने मांगे सुझाव

ये भी पढ़िए: एक तरफ किसान तो दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार को घेरेगी, कैसे निपटेंगे मनोहर लाल?

संसद मार्च पर एक मत नहीं किसान नेता

चढूनी ने कहा कि संसद मार्च को लेकर किसान नेताओं की बैठक भी हुई है, लेकिन पदाधिकारियों में सहमति नहीं बन पा रही हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि इससे आंदोलन उग्र हो जाएगा और आंदोलन टूट जाएगा. चढूनी ने कहा कि हमने ये भी सुझाव दिया था कि हम अपने हाथ बांधकर सांसद तक पैदल मार्च निकालेंगे ताकि ये साफ हो सके कि हाथ बांधे हुए किसान हमारे साथ हैं और बाकी हमारे आदमी नहीं हैं.

ये भी पढ़िए: 7 महीने से मोर्चे पर डटे हैं किसान, क्या इन रणनीतियों के आगे झुकेगी सरकार?

चढूनी ने आगे कहा कि हम शांति से आंदोलन करना चाहते हैं. क्या हम संसद मार्च करें या फिर कोई और तरीका है जो आपको सही लगता है तो भी आप हमें बता सकते हैं. हम सभी सुझाव मोर्चे के सामने रखेंगे और जो सब को ठीक लगेगा उसपर आगे काम किया जाएगा.

सोनीपत: कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ जारी किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) आठवें महीने में प्रवेश कर चुका है. ऐसे में किसान संगठन आंदोलन को धार देने की रणनीति तैयार कर रहे हैं. इस बीच भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों से आगे की रणनीति को लेकर उनकी राय मांगी है.

चढूनी ने किसानों से मांगे सुझाव

गुरनाम सिंह चढूनी ने वीडियो जारी कर किसानों से सुझाव मांगे हैं कि अब किसान नेता किस तरह से आंदोलन को और तेज करें, क्योंकि संसद मार्च (farmers parliament march) की सहमति किसान नेताओं में नहीं बन पा रही है. चढूनी ने कहा कि संसद मार्च करने की भी तैयारी थी, लेकिन किसान नेताओं के बीच इसे लेकर सहमति नहीं बन पा रही है.

संसद मार्च पर एक मत नहीं किसान, गुरनाम चढूनी ने मांगे सुझाव

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संसद मार्च पर एक मत नहीं किसान नेता

चढूनी ने कहा कि संसद मार्च को लेकर किसान नेताओं की बैठक भी हुई है, लेकिन पदाधिकारियों में सहमति नहीं बन पा रही हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि इससे आंदोलन उग्र हो जाएगा और आंदोलन टूट जाएगा. चढूनी ने कहा कि हमने ये भी सुझाव दिया था कि हम अपने हाथ बांधकर सांसद तक पैदल मार्च निकालेंगे ताकि ये साफ हो सके कि हाथ बांधे हुए किसान हमारे साथ हैं और बाकी हमारे आदमी नहीं हैं.

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चढूनी ने आगे कहा कि हम शांति से आंदोलन करना चाहते हैं. क्या हम संसद मार्च करें या फिर कोई और तरीका है जो आपको सही लगता है तो भी आप हमें बता सकते हैं. हम सभी सुझाव मोर्चे के सामने रखेंगे और जो सब को ठीक लगेगा उसपर आगे काम किया जाएगा.

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