सोनीपत: हरियाणा सरकार के खिलाफ पहले से ही किसान, कर्मचारी और सरपंच ने मोर्चा खोल रखा है. अब सरकारी विश्वविद्यालयों-कॉलेज के लेक्चरर और प्रोफेसर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल की तैयारी में हैं. सोमवार को पंचकूला में शिक्षक अपनी मांगों को लेकर शिक्षा सदन के घेराव करने का ऐलान कर चुके है. आज इसको लेकर सोनीपत में सरकारी कॉलेज एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसकी जानकारी दी.
हरियाणा में सरकारी कॉलेज और सरकार द्वारा सहायता प्राप्त कॉलेज के शिक्षक अब हल्ला बोल की तैयारियां कर रहे हैं. सरकारी कॉलेज एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आज सोनीपत में सरकार के खिलाफ अपनी तैयारियों को लेकर जानकारी दी. इन शिक्षकों की मांग है कि सरकार यूजीसी रेगुलेशन की विसंगतियों को दूर करें, शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य न दिए जाएं, शिक्षकों की पदोन्नति को पूरा किया जाए, पुरानी पेंशन बहाली के साथ-साथ शिक्षक लगभग 40 सूत्रीय मांगों को लेकर कल पंचकूला शिक्षा सदन का घेराव करेंगे, जिसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है.
सरकारी कॉलेज एसोशिएशन की संयुक्त सचिव सहायक प्रोफेसर ज्योति दहिया और जगबीर दहिया ने कहा सरकार गवर्मेंट विश्वविद्यालयों, कॉलेज और सरकार द्वारा सहायता प्राप्त कॉलेज के शिक्षकों के साथ भेदभाव का काम कर रही है. हमारी सरकार से कुछ मांगे हैं, जिनको सरकार अभी तक पूरा नहीं कर रही है. जिसको लेकर कल पंचकूला में शिक्षा सदन के घेराव का कार्यक्रम है. हम सरकार को चेताना चाहते हैं कि हम देश का भविष्य बनाने के लिए छात्र-छात्राओं को सही दिशा में ले जाते हैं, लेकिन सरकार हमारी बातें नहीं सुन रही है.
उन्होंने कहा हमारी सरकार से कुछ मांगे हैं, जिनको लेकर हम सरकार के नुमाइंदों से कई बार मुलाकात भी कर चुके हैं, लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही. जिसको लेकर कल हम पंचकूला शिक्षा भवन का घेराव करेंगे और उसके बाद हम सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अपनी मांगों को लेकर एक धरना शुरू करेंगे. ताकि हमारी मांग सरकार तक पहुंच सके.
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उन्होंने कहा सरकार ने जो हमारी पदोन्नति रोक रखी है, उसको जल्द से जल्द पूरा किया जाए. हरियाणा सरकार हमारे पे ग्रेड में कोई बढ़ोतरी नहीं कर रही है, उसमें बढ़ोतरी की जाए और सरकार द्वारा सहायता प्राप्त कॉलेज में शिक्षकों को समय पर तनख्वाह नहीं मिल रही है, वह तनख्वाह समय पर मिले. यूजीसी की नई शिक्षा नीति में कुछ विसंगतियां हैं, उनको दूर किया और शिक्षा विभाग में भी पुरानी पेंशन स्कीम लागू हो.