सोनीपतः कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन का असर मजदूर वर्ग पर देखने को मिल रहा है. महानगरों में फैक्ट्रियां कम चलने की वजह से मजदूरों के काम पर संकट मंडराने लगा है. हालात ये हैं कि काम की तलाश में आए मजदूरों को अब खाने की चिंता लगी हुई थी, लेकिन किसान आंदोलन के चलते मजदूरों की ये चिंता भी खत्म हो गई है. दरअसल किसानों के आंदोलन के दौरान लगने वाले लंगर में अब प्रवासी मजदूरों को भरपूर खाना मिल रहा है.
मिल रहा देसी घी का खाना
सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन में जैसे ही लंगर लगे मजदूरों की खाने की चिंता कम हो गई. कामगार दिन-रात मजदूरी करने के बाद लंगर में देसी घी का खाना खा रहे हैं. लंगर में खाना खा रहे मजदूरों का कहना कि काम कम होने की वजह से खाने का खर्चा यहां से चलाया जा रहा है. किसानों के इस आंदोलन में लगे लंगर में उन्हें भर पेट खाना मिल रहा है.
लंगर में नहीं कोई भेदभाव
मजदूरों ने बताया कि सभी जगह पर लंगर लगे हुए हैं. जहां पर देसी घी का खाना मिल रहा है. काम कम होने की वजह से खाने की दिक्कत हो रही थी, लेकिन अब ऐसी कोई दिक्कत नहीं है. यहां पर देसी घी का हलवा, सब्जी रोटी और सभी प्रकार का खाना मिल रहा है. मजदूरों ने बताया कि लंगर में कोई भेदभाव नहीं है इसीलिए किसी टाइम भी आकर यहां पर हम खाना खा सकते हैं.
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