सोनीपतः होलिका दहन के मौके पर गोहाना शहर और गांव में 230 अलग-अलग जगहों पर बनी होलिका का दहन किया गया. होलिका दहन पर देर रात लोगों ने ढोल नगाड़ों के साथ जश्न मनाया और इस मौके पर आतिशबाजी भी की.
कई जगहों पर हुआ होलिका दहन
महिलाओं ने होलिका पूजन किया और रात को पुरुषों और बच्चों ने होलिका का दहन किया. गोहाना की बात करें तो करीब 25 से ज्यादा होलिका का अलग-अलग स्थानों पर दहन किया गया.
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है होली
स्थानीय निवासी बंशी बाल्मीकि ने बताया कि होली के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और होलिका की पूजा भी करती हैं. बाद में देर रात को होलिका दहन का कार्यक्रम किया गया. होली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है.
ये भी पढेंः- आई रे होली : रंग में नहीं पड़ेगा 'भंग', जब इन बातों का रखेंगे ख्याल