सोनीपतः कृषि कानूनों के विरोध में आज लगातार छठे दिन किसानों का प्रदर्शन जारी है. अपनी मांगों को लेकर किसान दिल्ली-हरियाणा की सीमाओं पर डटे हुए हैं. किसानों के इस आंदोलन को कई संगठनों का समर्थन मिल चुका है. सर्व खाप ने भी किसानों का साथ दिया है. इसी बीच अब गोहाना अनाज मंडी व्यापारियों ने भी किसानों के लिए आवाज बुलंद की है.
केंद्र सरकार द्वारा जारी कृषि कानूनों के विरोध में खड़े किसानों के साथ गोहाना अनाज मंडी व्यापारी भी आगे आ चुके हैं. कृषि कानूनों के विरोध में गोहाना अनाज मंडी के व्यापारियों ने एक दिन की हड़ताल की और फसल नहीं खरीदने का निर्णय लिया. इस दौरान मंडी को बंद कर दिया गया और जो भी फसल बेचने आया उसे वापस भेज दिया गया.
'काले कानून वापस ले सरकार'
गोहाना अनाज मंडी के प्रधान प्रदीप कुमार का कहना है कि भारत सरकार ने जो किसानों के ऊपर तीन कानून लगाए हैं वो कानून किसान विरोधी हैं. सरकार को किसानों की बात माननी चाहिए और इन काले कानूनों को वापस ले लेना चाहिए या इनमें किसान जो सुधार करने की बात कह रहे हैं उनको मान लेना चाहिए.
ये भी पढे़ेंः कृषि मंत्री ने किसानों को वार्ता के लिए बुलाया, दिल्ली-हरियाणा सीमा पर डटे हैं किसान
किन मांगों को लेकर अड़े हैं किसान
कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार छठे दिन जारी है. दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसान संगठनों ने डेरा जमाया हुआ है और सरकार से गुहार लगा रहे हैं. किसानों की ओर से लगातार कृषि कानून का विरोध किया जा रहा है. सभी किसान संगठनों की एक ही मांग है कि MSP पर सरकार पुख्ता वादा करे और इसे कानून में शामिल करे. किसान संगठनों को डर है कि मंडी से बाहर आते ही MSP पर असर पड़ेगा और धीरे-धीरे ये खत्म हो जाएगी. इन्हीं शंकाओं के चलते किसान लिखित में सरकार से आश्वासन चाहते हैं और MSP को कानूनी रूप दिलवाने पर अड़े हैं.