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64 साल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने 51 बार किया रक्तदान, मरने पर शरीर भी होगा डोनेट

पंजाब के रहने वाले एसके गिरधर गोहाना खानपुर मेडिकल कॉलेज में डिप्टी सुपरिटेंडेंट के पद पर कार्य करते हैं. जिन की उम्र करीब 64 साल है. 50 साल की उम्र से लेकर अबतक करीब 51 बार रक्त दान कर चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने मरने के बाद अपना पूरा शरीर दान किया है.

gohana deputy superintendent donated body
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Published : Feb 25, 2020, 5:56 PM IST

Updated : Feb 25, 2020, 6:47 PM IST

सोनीपत: गोहाना के महिला मेडिकल खानपुर में डिप्टी सुपरिटेंडेंट के पद पर कार्यरत एसके गिरधर ने युवाओं के लिए एक मिसाल पेश की है. एसके गिरधर ने 50 साल की उम्र से रक्तदान शुरू किया था. 64 साल तक साल तक में 51 बार रक्तदान किया है.

64 साल के एसके गिरधर युवाओं के लिए बने मिसाल

अपने जीवन समाप्त होने से बाद आंखें भी डोनेट की हुई हैं, ताकि किसी अंधे को रोशनी मिल सके. जब उनकी मृत्यु हो जाएगी तो उनकी आंखे मरने के बाद भी इस दुनिया को देख पाएंगी. साथ ही मृत्यु के बाद महिला मेडिकल कॉलेज खानपुर के मेडिकल स्टूडेंट के लिए अपना शरीर भी दान किया हुआ है.

64 साल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने 51 बार किया रक्तदान, मरने पर शरीर भी होगा डोनेट

51 बार कर चुके हैं रक्तदान

एसके गिरधर का कहना है कि 50 साल की उम्र होने के बाद मैंने लोगों को रक्त देना शुरू किया था. 64 साल की उम्र तक करीब 51 बार रक्त दे चुके हैं. बाद में खानपुर महिला मेडिकल कॉलेज के टीम ने रक्तदान लेने से मना कर दिया.

ये भी पढ़ेंः खुशखबरी: गोहाना से आगरा जाने के लिए अब मिलेगी सीधी बस सेवा

मेडिकल कॉलेज के लिए दान किया शरीर

इसके बाद मैंने किसी अंधे को रोशनी मिल सके इसके लिए उन्होंने अपनी आंखें डोनेट कर दी हैं. खानपुर मेडिकल स्टूडेंट कुछ सीख सकें. इसके लिए मैंने अपना शरीर दान कर दिया. जब मेरी मृत्यु होगी तो ये सब डोनेट हो जाएगा. मन की खुशी के लिए सब कुछ किया है.

ये भी पढे़ं- AJL प्लॉट आवंटन मामले में हुई सुनवाई, ED ने बचाव पक्ष को दिए दस्तावेज

सोनीपत: गोहाना के महिला मेडिकल खानपुर में डिप्टी सुपरिटेंडेंट के पद पर कार्यरत एसके गिरधर ने युवाओं के लिए एक मिसाल पेश की है. एसके गिरधर ने 50 साल की उम्र से रक्तदान शुरू किया था. 64 साल तक साल तक में 51 बार रक्तदान किया है.

64 साल के एसके गिरधर युवाओं के लिए बने मिसाल

अपने जीवन समाप्त होने से बाद आंखें भी डोनेट की हुई हैं, ताकि किसी अंधे को रोशनी मिल सके. जब उनकी मृत्यु हो जाएगी तो उनकी आंखे मरने के बाद भी इस दुनिया को देख पाएंगी. साथ ही मृत्यु के बाद महिला मेडिकल कॉलेज खानपुर के मेडिकल स्टूडेंट के लिए अपना शरीर भी दान किया हुआ है.

64 साल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने 51 बार किया रक्तदान, मरने पर शरीर भी होगा डोनेट

51 बार कर चुके हैं रक्तदान

एसके गिरधर का कहना है कि 50 साल की उम्र होने के बाद मैंने लोगों को रक्त देना शुरू किया था. 64 साल की उम्र तक करीब 51 बार रक्त दे चुके हैं. बाद में खानपुर महिला मेडिकल कॉलेज के टीम ने रक्तदान लेने से मना कर दिया.

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मेडिकल कॉलेज के लिए दान किया शरीर

इसके बाद मैंने किसी अंधे को रोशनी मिल सके इसके लिए उन्होंने अपनी आंखें डोनेट कर दी हैं. खानपुर मेडिकल स्टूडेंट कुछ सीख सकें. इसके लिए मैंने अपना शरीर दान कर दिया. जब मेरी मृत्यु होगी तो ये सब डोनेट हो जाएगा. मन की खुशी के लिए सब कुछ किया है.

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Last Updated : Feb 25, 2020, 6:47 PM IST
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