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खरखौदा शराब घोटाले में पहली चार्जशीट दाखिल, भूपेंद्र सहित 6 के नाम शामिल

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Published : Jul 21, 2020, 8:45 AM IST

पुलिस ने खरखौदा शराब घोटाले में पहली चार्जशीट दायर की है. इस चार्जशीट में शराब माफिया भूपेंद्र सहित 6 लोगों को दोषी माना है.

first charge sheet in kharkhoda liquor case filed
खरखौदा शराब घोटले में पहली चार्जशीट दाखिल, भूपेंद्र सहित 6 के नाम शामिल

सोनीपत: खरखौदा शराब घोटाला मामले में पुलिस ने पहली चार्जशीट पेश की है. जिसमें शराब माफिया भूपेंद्र के साथ ही बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर, आबकारी इंस्पेक्टर धीरेंद्र समेत 6 के नाम शामिल किए गए हैं. इस तरह पुलिस ने इन सभी को अपनी जांच में दोषी माना है.

सभी की गोदाम से शराब चोरी में संलिप्तता बताई गई है और ये सभी शराब चोरी करके सप्लाई करने के लिए एक साथ मिलकर काम करते थे, जबकि अन्य मुकदमों में पुलिस अभी जांच कर रही है और उनमें भी चार्जशीट जल्द दाखिल की जाएगी. वहीं इंस्पेक्टर समेत 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच भी जल्द पूरी होगी, क्योंकि वो अंतिम चरण में पहुंच गई है. पुलिस की विभागीय जांच में कई कर्मियों की अभी तक संलिप्तता मिली है तो उनकी लापरवाही भी सामने आई है.

खरखौदा में तस्करी की जब्त की गई शराब गोदाम से गायब मिलने पर छानबीन शुरू हुई तो वहां से 10 हजार से ज्यादा पेटी गायब मिली, जिसमें शराब माफिया भूपेंद्र के साथ 2 इंस्पेक्टर समेत 11 पुलिस वालों पर मुकदमा दर्ज किया गया और इसकी जांच शुरू की गई. इस मामले में सबसे पहले शराब माफिया भूपेंद्र ने सरेंडर किया तो पुलिस ने उससे पूछताछ करने के बाद जेल भेज दिया.

भूपेंद्र की गिरफ्तारी के बाद से पुलिस ने भैंसरू गांव के सतीश, बर्खास्त जसबीर, एएसआई जयपाल, आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर धीरेंद्र को गिरफ्तार किया गया, जबकि आबकारी विभाग में कार्यरत रहा चतुर्थ श्रेणी कर्मी सुनील का नाम आने पर कोर्ट से तफ्तीश में शामिल होने के आदेश लेकर आया था.

इस तरह से पुलिस इसमें अधिकतर मुख्य आरोपियों को जेल भेज चुकी है और उनको जमानत नहीं मिल सके, उसके लिए जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करनी जरूरी थी. इसमें पुलिस ने पहली चार्जशीट दाखिल की और उसमें भूपेंद्र, सतीश, जसबीर, जयपाल, धीरेंद्र, सुनील का नाम शामिल किया गया है.

ये भी पढ़िए: खरखौदा शराब घोटाला: आरोपी जितेंद्र की याचिका को विरोध करने के लिए तैयार एसईटी

इस तरह पुलिस ने अपनी जांच में इनको दोषी मानते हुए चार्जशीट लगाई है, जिसमें ये बताया गया है कि किस तरह से गोदाम में रखी मुकदमे की संपत्ति शराब को इंस्पेक्टर और अन्य पुलिस कर्मियों की मदद से चोरी किया गया. उसके बाद भूपेंद्र और सतीश समेत अन्य ने उस शराब को लॉकडाउन में बेचकर अवैध रूप से मोटी रकम कमाई. पुलिस ने ये केवल एक मुकदमे में चार्जशीट दाखिल की है, जबकि अन्य में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी चल रही है.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी. लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गईं. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. ठेकेदार भूपेंद्र ने खरखौदा थाने में सरेंडर किया था. इसके अलावा पुलिस ने इस मामले में कई दूसरे आरोपियों की भी गिरफ्तारी की है.

सोनीपत: खरखौदा शराब घोटाला मामले में पुलिस ने पहली चार्जशीट पेश की है. जिसमें शराब माफिया भूपेंद्र के साथ ही बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर, आबकारी इंस्पेक्टर धीरेंद्र समेत 6 के नाम शामिल किए गए हैं. इस तरह पुलिस ने इन सभी को अपनी जांच में दोषी माना है.

सभी की गोदाम से शराब चोरी में संलिप्तता बताई गई है और ये सभी शराब चोरी करके सप्लाई करने के लिए एक साथ मिलकर काम करते थे, जबकि अन्य मुकदमों में पुलिस अभी जांच कर रही है और उनमें भी चार्जशीट जल्द दाखिल की जाएगी. वहीं इंस्पेक्टर समेत 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच भी जल्द पूरी होगी, क्योंकि वो अंतिम चरण में पहुंच गई है. पुलिस की विभागीय जांच में कई कर्मियों की अभी तक संलिप्तता मिली है तो उनकी लापरवाही भी सामने आई है.

खरखौदा में तस्करी की जब्त की गई शराब गोदाम से गायब मिलने पर छानबीन शुरू हुई तो वहां से 10 हजार से ज्यादा पेटी गायब मिली, जिसमें शराब माफिया भूपेंद्र के साथ 2 इंस्पेक्टर समेत 11 पुलिस वालों पर मुकदमा दर्ज किया गया और इसकी जांच शुरू की गई. इस मामले में सबसे पहले शराब माफिया भूपेंद्र ने सरेंडर किया तो पुलिस ने उससे पूछताछ करने के बाद जेल भेज दिया.

भूपेंद्र की गिरफ्तारी के बाद से पुलिस ने भैंसरू गांव के सतीश, बर्खास्त जसबीर, एएसआई जयपाल, आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर धीरेंद्र को गिरफ्तार किया गया, जबकि आबकारी विभाग में कार्यरत रहा चतुर्थ श्रेणी कर्मी सुनील का नाम आने पर कोर्ट से तफ्तीश में शामिल होने के आदेश लेकर आया था.

इस तरह से पुलिस इसमें अधिकतर मुख्य आरोपियों को जेल भेज चुकी है और उनको जमानत नहीं मिल सके, उसके लिए जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करनी जरूरी थी. इसमें पुलिस ने पहली चार्जशीट दाखिल की और उसमें भूपेंद्र, सतीश, जसबीर, जयपाल, धीरेंद्र, सुनील का नाम शामिल किया गया है.

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इस तरह पुलिस ने अपनी जांच में इनको दोषी मानते हुए चार्जशीट लगाई है, जिसमें ये बताया गया है कि किस तरह से गोदाम में रखी मुकदमे की संपत्ति शराब को इंस्पेक्टर और अन्य पुलिस कर्मियों की मदद से चोरी किया गया. उसके बाद भूपेंद्र और सतीश समेत अन्य ने उस शराब को लॉकडाउन में बेचकर अवैध रूप से मोटी रकम कमाई. पुलिस ने ये केवल एक मुकदमे में चार्जशीट दाखिल की है, जबकि अन्य में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी चल रही है.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी. लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गईं. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. ठेकेदार भूपेंद्र ने खरखौदा थाने में सरेंडर किया था. इसके अलावा पुलिस ने इस मामले में कई दूसरे आरोपियों की भी गिरफ्तारी की है.

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